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विश्व के लिए ‘‘गंभीर खतरा’’ पेश कर रहा उत्तर कोरिया

वाशिंगटन। व्हाइट हाउस ने उत्तर कोरिया द्वारा अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) के प्रक्षेपण के बाद कहा कि वह विश्व के सामने एक गंभीर खतरा पेश कर रहा है, साथ ही सभी देशों से प्योंगयांग पर अधिकतम दबाव बनाने की अपील भी की। व्हाइट हाउस प्रधान प्रेस उपसचिव राज शाह ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘उत्तर कोरिया ने जो खतरा पैदा किया है वह बहुत गंभीर है। यह केवल अमेरिका, इस क्षेत्र या केवल कोरियाई प्रायद्वीप क्षेत्र के लिए ही नहीं बल्कि पूरे विश्व और सभ्य समाज के लिए भी खतरा है।’’ शाह ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘दुनिया के अन्य देश भी उत्तर कोरिया पर अधिकतम दबाव बनाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठा रहे हैं जिससे हमें प्रोत्साहन मिल रहा है।’’

बहरहाल, वह उत्तर कोरिया पर और प्रतिबंध लगाने का जिक्र करने वाले ट्रंप के ट्वीट से संबंधित सवालों से बचते नजर आए। उन्होंने कहा, ‘‘मैं किसी भी घोषणा से पहले कुछ नहीं कहना चाहूंगा। बस यह कहना चाहूंगा कि अधिकतम दबाव बनाने का अभियान जिसका अमेरिका एक बड़ा हिस्सेदार है उसके वास्तव में बडे़ परिणाम सामने आ रहे हैं।’’ शाह ने कहा, ‘‘हमने देखा कि उत्तर कोरिया पर अब तक के सबसे सख्त प्रतिबंध लगाए गए, जिन पर चीन और रूस ने भी मंजूरी दी। हमने देखा कि चीन ने उत्तर कोरिया की उर्जा खेप पर रोक लगाई। हम देख रहे हैं कि दजर्नों देश उत्तर कोरिया के साथ अपने द्विपक्षीय संबंधों में ऊर्जा, आर्थिक संबंध और राजनयिक संबंध तोड़ने के लिए कदम उठा रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम देख रहे हैं कि अधिकाधिक कदम उठाए जा रहे हैं। हम देखेंगे कि अमेरिका और अन्य भविष्य में इसके संबंध में कार्रवाई देखेंगे और उस पर (उत्तर कोरिया) अधिकतम दबाव बनाने की कोशिश करेंगे ताकि हम अपने एकमात्र लक्ष्य को हासिल कर सकें, जो कि कोरियाई प्रायद्वीप के परमाणु हथियारों को नष्ट करना है।’’
उत्तर कोरिया ने बुधवार को सैन नि से आईसीबीएम का प्रक्षेपण किया था, जो 1000 किलोमीटर की दूरी तय कर जापान के विशेष आर्थिक क्षेत्र में जापान सागर में गिरी थी। उत्तर कोरिया द्वारा मिसाइल परीक्षण करने के बाद ट्रंप ने पत्रकारों से कहा था, ‘‘हम इसे संभाल लेंगे….हम इस स्थिति से निपट सकते हैं।’’ ट्रंप ने चीन और दक्षिण कोरिया के अपने समकक्षों क्रमश: शी चिनफिंग और मून जे-इन, इनके अलावा जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे से भी फोन बातचीत की थी।
इस बीच, एक खबर के अनुसार अमेरिका ने चीन से उत्तर कोरिया की ईंधन सेवा रोकने की अपील की है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने चीनी समकक्ष शी चिनफिंग से फोन पर बातचीत कर चीन से उत्तर कोरिया की कच्चे तेल की आपूर्ति रोकने की अपील की, जिससे उत्तर कोरिया की अर्थव्यवस्था को करारा झटका लगेगा। अमेरिकी राजदूत निक्की हेली ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक आपात बैठक में किम शासन को पूरी तरह अलग-थलग करने की अपील की और कहा कि ट्रंप ने शी से कहा है कि हम अब उस स्थिति में पहुंच गए हैं जहां उत्तर कोरिया को की जाने वाली तेल आपूर्ति रोकने की आवश्यकता है।

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