Breaking News

विक्रम संचालकों की मनमानी, स्कूली वाहनों को नहीं मिलेगी राहत

देहरादून: दून में विक्रम संचालकों ने मनमानी करते हुए खुद की किराया बढ़ा दिया। वहीं, ऑटो व विक्रम को स्कूली बच्चे लाने-ले जाने की छूट देने से परिवहन मंत्री यशपाल आर्य ने इन्कार कर दिया है। मंत्री ने हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देकर किसी तरह की राहत देने से मना कर दिया।

शहर में करीब डेढ़ हजार आटो व 200 विक्रम नियमित रूप से अलग-अलग क्षेत्रों से स्कूली बच्चों का परिवहन करते हैं। इन वाहनों पर परिवहन विभाग ने एक अगस्त से प्रतिबंध लगा दिया है। अवैध तरीके से संचालित हो रही स्कूल बसों और वैन को भी प्रतिबंधित कर दिया गया है। इस वजह से अभिभावकों की बैचेनी तो बढ़ी हुई है, साथ ही ट्रांसपोर्टर भी परेशान हैं।

आटो व विक्रम संचालकों का कहना है कि स्कूली बच्चों का परिवहन बंद होने से उनके घर के लिए रोजी-रोटी का संकट खड़ा होगा। कईं आटो संचालक ऐसे हैं, जो स्कूल के बच्चों के परिवहन के अलावा दूसरे यात्री को नहीं ले जाते।

परिवहन मंत्री से राहत न मिलने के बाद अब संचालकों ने सोमवार को मुख्यमंत्री से मिलने का वक्त मांगा है। रविवार को रेसकोर्स में आटो संचालकों की बैठक भी बुलाई गई है, जिसमें विरोध प्रदर्शन की रणनीति बनाई जाएगी।

आटो चालकों का कहना है कि अगर परिवहन विभाग उन्हें पांच बच्चों के परिवहन की छूट देता है तो वे बच्चों को सुविधा देने से पीछे नहीं हटेंगे। लेकिन, विभाग इससे इन्कार कर रहा है।

निजी बसों को मिल सकती है छूट

स्कूली बच्चों को ले जाने वाली निजी बसों को छूट मिल सकती है लेकिन तभी जब वे सुप्रीम कोर्ट की ओर से तय नियम का पालन करें। खिड़कियों पर जाली और लोहे की रॉड लगाएं और स्कूली समय के दौरान दूसरी बुकिंग पर संचालन न करें। बसों में फर्सट एड बॉक्स और परिचारक की सुविधा हो। शहर में करीब 300 निजी बसें बच्चों का परिवहन करती हैं।

विक्रम संचालकों ने खुद बढ़ाया किराया

शहर में विक्रम संचालकों की ‘दादागिरी’ का इससे बड़ा प्रमाण क्या होगा कि परिवहन विभाग के फैसले से पहले ही उन्होंने किराया बढ़ा दिया। शुक्रवार सुबह से विक्रम संचालकों ने न्यूनतम किराया पांच रुपये से बढ़ा 10 रुपये कर दिया। सवारियों ने वजह पूछी तो विरोधाभासी तर्क दिए गए। कोई चालक ये कहता रहा कि परिवहन विभाग ने किराया बढ़ा दिया है तो कोई कम सवारी बैठाने के कारण गिनाता रहा।

दरअसल ओवरलोडिंग के विरुद्ध चल रही चेकिंग की कार्रवाई में परिवहन विभाग ने विक्रम में तय संख्या से अधिक सवारी बैठाने पर रोक लगा दी है। अभी तक विक्रम पीछे वाली दोनों सीट पर चार-चार सवारी बैठा रहे थे, जबकि नियम के तहत इन पर तीन-तीन सवारी बैठाई जा सकती हैं।

शहर में यातायात व्यवस्था बिगड़ने की अहम वजह विक्रम को माना जाता है। ओवरलोड, बेलगाम गति व तेज-म्यूजिक बजाना, यहां-वहां गलियों में घुसकर जाम लगाना व यातायात अवरुद्ध करना विक्रमों का शगल है। यूं तो शहर में सिटी बसें व ऑटो भी दौड़ते हैं, लेकिन धींगामुश्ती सिर्फ विक्रमों की चलती है। झुंड बनाकर चलना व जरा-जरा सी बात पर मारपीट पर उतारू हो जाना इनके लिए आम बात है।

हालांकि यह भी सच है कि सार्वजनिक परिवहन व सस्ते किराये में विक्रमों के अलावा दूसरा विकल्प भी नहीं है। शहर में सिटी बस के साथ ही विक्रम व ऑटो दौड़ते हैं। यूं तो बड़े शहरों में परिवहन के लिए सिटी बस सबसे मुफीद मानी जाती है, लेकिन दून में तस्वीर उलट है।

यहां लोग विक्रमों में ही बड़ी संख्या में सफर करते हैं। पिछले दिनों राज्य परिवहन प्राधिकरण ने बैठक में यात्री व माल भाड़े में वृद्धि को सहमति दी थी, लेकिन अभी इसके आदेश जारी नहीं हुए। इधर, विभाग ओवरलोडिंग में विक्रमों को सीज कर चालक पर मुकदमा करा रहा है। इसी की खीज उतारते हुए विक्रम चालकों ने न्यूनतम किराया दोगुना बढ़ा दिया।

‘दादागिरी’ व फर्जीवाड़े में माहिर

दून में विक्रम संचालकों की ‘दादागिरी’ सिर्फ सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने समेत मारपीट-हंगामे तक ही सीमित नहीं है। बल्कि फर्जीवाड़े में भी ये माहिर हैं। हालत ये हैं कि शहर में विक्रमों के 774 परमिट जारी हैं, लेकिन दौड़ते 1077 विक्रम हैं। असल में 303 विक्रम फर्जी कागजों पर दौड़ रहे हैं।

तीन साल पूर्व  मामला सामने आने पर परिवहन विभाग ने कार्रवाई की तो कुछेक फर्जी विक्रम बंद हुए, लेकिन इन पर पूरी तरह से अंकुश नहीं लग सका। बीते दिनों ही एक ऐसा विक्रम पकड़ा गया था जो ऑटो के नंबर पर चल रहा था।

ये है शहर में विक्रमों के हाल 

– सड़कों पर झुंड बनाकर चलना है विक्रमों का शगल

– ठेका परमिट होने के बावजूद धड़ल्ले से स्टेज कैरिज में दौड़ रहे विक्रम

– तेज आवाज में म्यूजिक सिस्टम व प्रेशर हॉर्न बजाते हुए निकलते हैं

– छह सवारियों के परमिट पर विक्रम में बैठती हैं 10 सवारियां

– सड़क पर कोई नियम-कायदे का नहीं करते अनुपालन

– ओवरलोड होने के बावजूद सड़कों पर बेकाबू गति से दौड़ते हैं विक्रम

– एक परमिट पर शहर में गैर-कानूनी ढंग से दौड़ते हैं दो-दो विक्रम

– फिटनेस जांच के दौरान गायब होती है चालक के बगल वाली सीट, जबकि सड़क पर इसी सीट पर बैठी होती हैं दो सवारी

– हाई कोर्ट के आदेशों को अनदेखा कर शहर में दौड़ रहे विक्रम

– विक्रम में लगे एंगल से सड़क पर कारों को लगती है रगड़

खुद किराया बढ़ाना गैरकानूनी 

सहायक परिवहन आयुक्त एसके सिंह के मुताबिक राज्य परिवहन प्राधिकरण की बैठक में किराया वृद्धि पर सहमति बनी थी, लेकिन अभी इसके आदेश जारी नहीं हुए हैं। ऐसे में अगर कोई संचालक खुद किराया बढ़ा दे तो यह गैर-कानूनी है। ऐसे वाहनों के विरुद्ध कार्रवाई कराई जाएगी।

होगी सख्त कार्रवाई 

एआरटीओ प्रशासन अरविंद पांडे के अनुसार बिना आदेश किराया वृद्धि करने वाले विक्रमों की शनिवार से चेकिंग होगी और इन्हें सीज किया जाएगा। निर्धारित सवारी ले जाने का मतलब यह नहीं कि आप खुद ही किराया बढ़ाकर बाकी सवारियों से लूट करने लगे।

सहमति की सूचना मिलने पर बढ़ाया किराया 

विक्रम जनकल्याण सेवा समिति के अध्यक्ष सतीश शर्मा के अनुसार एसटीए बैठक में बनी सहमति की सूचना संचालकों को मिल गई। इसलिए उन्होंने किराया 25 फीसद बढ़ा दिया।

पुलिस ने ओवरलोडिंग पर 776 डीएल किए निरस्त

प्रदेश में ओवरलोडिंग के खिलाफ 15 दिन तक चले अभियान के दौरान पुलिस ने ट्रैफिक नियम तोड़ने वाले 3043 वाहन का चालान किया गया। इस दौरान 776 चालकों के डीएल भी निरस्त किए गए।

प्रदेश में निरंतर बढ़ रही वाहन दुर्घटनाओं  के बाद पुलिस मुख्यालय ने 15 दिन तक ओवरलोडिंग के खिलाफ अभियान चलाया। इस दौरान थाना, चौकी स्तर पर चले अभियान के दौरान पुलिस ने ट्रैफिक नियम तोड़ने वाले टैक्सी, बस एवं दूसरे यात्री वाहन के खिलाफ कार्रवाई की गई।

अपर पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था अशोक कुमार ने कहा कि ट्रैफिक नियम तोडऩे वालों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि अभियान के तहत 386 वाहनों को सीज किया गया। उन्होंने कहा कि  सवारी और मालवाहक वाहनों की चेकिंग जारी रखी जाएगी।

उन्होंने सभी जिलों के प्रभारी एसपी और एसएसपी को निर्देश दिए कि ओवरलोडिंग करने वाले वाहनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। ताकि सड़क दुर्घटनाओं में नियंत्रण लग सकें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

x

Check Also

ड्रोन हमले से घबराने की जरूरत नहीं व परिसीमन आयोग अपना काम पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता से करेगा : उपराज्यपाल मनोज सिन्हा: सिन्हा

www.youngorganiser.com    Jammu (Tawi) 180001 (J&K Union Territory) Updated, 2nd Jul. 2021, Fri. 00: 45  AM ...