देहरादून: उत्तराखंड धर्म परिवर्तन नियमावली में हुई चूक को सरकार अब सुधारेगी। नियमावली में जबरन धर्म परिवर्तन कराने के मामले में लिप्त संस्था, व्यक्ति के साथ ही पुजारी का भी जिक्र किया गया है।
नियमावली में धर्म परिवर्तन के मामले में पुजारी शब्द के इस्तेमाल को सही नहीं माना जा रहा है। लिहाजा इस शब्द को हटाया जाएगा। विधायी एवं संसदीय कार्य, वित्त, आबकारी व पेयजल मंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि नियमावली में ऐसे किसी भी त्रुटि को सरकार सुधारेगी। राज्य सरकार धर्म स्वतंत्रता एक्ट बना चुकी है।
बीते रोज मंत्रिमंडल ने एक्ट के तहत धर्म स्वतंत्रता नियमावली को मंजूरी दी। इस नियमावली में इस्तेमाल किए गए पुजारी शब्द को अब सरकार ही खुद सही नहीं मान रही है। दरअसल नियमावली में यह उल्लेख किया गया है कि धर्म परिवर्तन कराने वाली संस्था, व्यक्ति, पुजारी को दंडित किया जाएगा।
नियमावली में मामले में संबंधित संस्था और व्यक्ति के साथ पुजारी शब्द का उल्लेख किया गया है। इसके स्थान पर अन्य शब्द का प्रयोग किया जाएगा। संसदीय कार्य एवं वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने इस संबंध में सरकार का पक्ष स्पष्ट करते हुए कहा कि यह धर्म परिवर्तन नियमावली किसी धर्म विशेष से जुड़ा मसला नहीं है।
उन्होंने कहा कि अगर किसी भी धर्म के व्यक्ति का जबरन, लाभ देकर या दबाव में धर्म परिवर्तन कराया जाता है तो यह दंडनीय है। उन्होंने कहा कि जहां तक नियमावली में पुजारी शब्द के इस्तेमाल की बात है तो इसका परीक्षण कराया जाएगा। अगर इस तरह की त्रुटि हुई है तो उसे सुधारा जाएगा। यह प्रावधान धर्मातरण के मामले में हर धर्म के व्यक्ति पर लागू होगा, किसी धर्म विशेष से इसका आशय नहीं है।