उत्तरकाशी: जम्मू-कश्मीर के लेह-लद्दाख में स्थित स्टोक कांगड़ी चोटी का आरोहण कर दस-दस वर्षीय दो बेटियों ने उत्तरकाशी निवासी एवरेस्टर विष्णु सेमवाल के नेतृत्व में एक नया रिकॉर्ड बनाया है। इससे पहले यह रिकॉर्ड साढ़े बारह वर्ष की हैदराबाद निवासी बानवी के नाम है। अब ये दोनों बेटियां आइएमएफ (इंडियन माउंटेनियरिंग फाउंडेशन) से प्रमाण पत्र प्राप्त कर अपना नाम लिम्का बुक में दर्ज करने के लिए आवेदन करने जा रही हैं।
औरंगाबाद की दस वर्षीय वेदवी खैरनार व माधवी बेलकर ने गत 22 जुलाई को 20187 फीट (6153 मीटर) ऊंची स्टोक कांगड़ी चोटी के आरोहण को अभियान शुरू किया था। अभियान दल की लीडर इस वर्ष एवरेस्ट का आरोहण करने वाली औरंगाबाद की मनीषा वाघमारे थीं।
अभियान का नेतृत्व इस चोटी का दस से अधिक बार आरोहण करने वाले उत्तरकाशी स्नो स्पाइडर ट्रैकिंग एंड माउंटेनियरिंग एजेंसी के संचालक एवरेस्टर विष्णु सेमवाल ने किया। सेमवाल ने बताया कि 31 जुलाई को सुबह तीन बजे वे अंतिम कैंप से आरोहण के लिए रवाना हुए। दोपहर बाद तीन बजे दल ने चोटी का आरोहण कर एक नया रिकॉर्ड बनाया।
उन्होंने बताया कि दस-दस साल की दोनों बच्चियों के लिए स्टोक कांगड़ी चोटी पर पहुंचना एवरेस्ट के आरोहण से कम नहीं था। लेकिन, बच्चियों की हिम्मत और साहस देखकर अन्य पर्वतारोही भी गदगद हो गए।
टीम लीडर मनीषा वाघमारे ने बताया कि स्टोक कांगड़ी चोटी का आरोहण करने वाली सबसे कम उम्र वाली बच्चियों में अब वेदवी व माधवी का नाम शामिल हो गया है। बालकों में अब तक लेह के एक नौ वर्षीय बच्चे का नाम शामिल है। बताया औरंगाबाद में ये दोनों बच्चियों तीन माह से कठारे अभ्यास कर रही थीं।
वेदवी के पिता एयरफोर्स में कार्यरत हैं, जबकि माधवी के पिता बैंक मैनेजर हैं। दोनों बच्चियां चौथी कक्षा में पढ़ती हैं। बताया कि वह जल्द ही दोनों बच्चियों का रिकॉर्ड लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराने के लिए आवेदन करेंगी। इन बच्चियों की यह भी उपलब्धि है कि उन्होंने हिमालय में पहली बार में ही 6153 मीटर ऊंची चोटी का आरोहण किया है। अब दोनों बच्चियां 2024 के लिए एवरेस्ट आरोहण की तैयारी कर रही हैं।