रुद्रप्रयाग: केदारनाथ त्रासदी पर आधारित फिल्म ‘केदारनाथ’ का टीजर व पोस्टर रिलीज होने के साथ ही फिल्म को लेकर केदारघाटी में विरोध के स्वर उठने लगे हैं। अब तक फिल्म को लेकर घाटी में उत्साह था, लेकिन जैसे ही फिल्म का एक मिनट 39 सेकंड का टीजर और पोस्टर रिलीज हुआ तो इसका विरोध शुरू हो गया। उसमें दर्शाए गए बोल्ड सीन को लेकर तीर्थपुरोहित और स्थानीय लोग भड़क उठे।
तीर्थपुरोहितों के अलावा भाजपा व अन्य संगठनों से जुड़े लोगों का भी कहना है कि केदारनाथ धाम की पृष्ठभूमि में ऐसी फिल्म का निर्माण घोर आपत्तिजनक है। भाजपा नेता अजेंद्र अजय ने कहा कि फिल्म प्रेम प्रसंग पर केंद्रित है। सारा अली खान ने बोल्ड सीन देने में भी कोई परहेज नहीं किया। इससे बाबा के भक्तों की भावनाएं आहत हुई हैं।
उन्होंने कहा कि अभी फिल्म की पूरी पटकथा का सामने आना बाकी है, जिसमें आस्था को ठेस पहुंचाने वाले और दृश्यों का समावेश बताया जा रहा है। दूसरी ओर, तीर्थपुरोहित श्रीनिवास पोस्ती व जयंत कुर्वांचली का कहना है कि अभिषेक कपूर निर्देशित इस फिल्म के टीजर व पोस्टर कुछ और ही कहानी बयां कर रहे हैं।
टीजर में एक तरफ केदारनाथ धाम तबाह होता नजर आ रहा है तो दूसरी ओर नायक-नायिका बोल्ड सीन करते दिख रहे हैं। टीजर में भगवान भोलेनाथ की मूर्ति, घंटे-घड़ियाल आदि दृश्यों के साथ स्क्रीन पर लिखा आ रहा कि-इस साल करेंगे सामना प्रकृति के क्रोध का और साथ होगा सिर्फ प्यार। इस दौरान फिल्म के नायक की नमाज अदा करते एक झलक भी दिखाई देती है। पोस्ती ने कहा कि अगर सरकार ने फिल्म पर प्रतिबंध नहीं लगाया तो इस का कड़ा विरोध किया जाएगा।
फिल्म राम तेरी गंगा मैली का भी हुआ था विरोध
वर्ष 1987-88 में जब रामतेरी गंगा मैली फिल्म की रिलीज हुई थी तो इस फिल्म का उत्तरकाशी में विरोध हुआ था। फिल्म में दिखाए गए कुछ सीन को लेकर विवाद हुआ था। फिल्म में हर्षिल के निकट एक झरने में अभिनेत्री के नहाने का दृश्य भी था, जिसपर विवाद हुआ। उत्तरकाशी महाविद्यालय के तत्कालीन छात्र संघ अध्यक्ष विशन जायड़ा के नेतृत्व में छात्रों ने जुलूस प्रदर्शन किए, जिसमें ग्रामीण भी शामिल हुए थे। उस समय में संचालित होने वाले उत्तरकाशी के विश्वनाथ टॉकीज के प्रबंधक हरि सिंह उपनेजा ने बताया कि छात्रों के विरोध प्रदर्शन के कारण एक-दो दिन तक फिल्म का संचालन बंद रहा था।