मंगलौर, हरिद्वार : शिया धर्म गुरु मौलाना सैयद कल्वे जव्वाद ने कहा कि अयोध्या विवाद पर सभी को अदालत के फैसले का इंतजार करना चाहिए। उससे पहले बयानबाजी करना गलत है, जो भी फैसला होगा, उसका सभी को सम्मान करना होगा।
मौलाना सैयद कल्वे जव्वाद ने यह बात मंगलौर में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान कही। शिया धर्मगुरु मौलाना सैयद कल्वे जव्वाद लखनऊ से पूर्व दायित्वधारी सैयद अली हैदर के आवास पर पहुंचे। यहां पर उन्होंने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि अयोध्या का विवाद एक गंभीर मसला है और पूरा मामला देश की सबसे बड़ी अदालत में है। इसलिए सभी को अदालत के फैसले का सम्मान करना चाहिए। फैसला चाहे कोई भी हो।
उन्होंने कहा कि यदि यह सिद्ध हो जाता है कि राम मंदिर को तोड़कर वहां पर बाबरी मस्जिद का निर्माण किया गया है, तो सभी को अदालत के फैसले का सम्मान एवं हिंदुओं की भावनाओं को ध्यान में रखकर दोबारा मंदिर निर्माण में सहयोग करना चाहिए। यदि फैसला मस्जिद के हक में आता है तो उसी तरह से सभी वर्ग को मस्जिद के निर्माण में सहयोग करना चाहिए।
उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी लंबे समय से बोर्ड के अध्यक्ष पद पर काबिज चले आ रहे हैं। उनके कार्यकाल में वक्फ बोर्ड की संपत्ति को खुर्द-बुर्द किया गया। करोड़ों का घोटाला किया गया। वह अपने ऊपर उठ रहे आरोपों पर जवाब देने के बजाय अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं।
कहा कि मंगलवार को उन्होंने दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात करके वसीम रिजवी के कार्यकाल की सीबीआई जांच की मांग की है। इस दौरान उनके साथ उत्तर प्रदेश के गोरखपुर स्थित दरगाह के सज्जादानशीं महमूद अली खाँ अनवर, अली हैदर जैदी, नवाब मेहंदी, रईस हैदर आदि मौजूद रहे।