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खूनी फ्लाईओवर पर सुरक्षा तार-तार, 51 खंभे हुए गायब

देहरादून। जिस बल्लीवाला फ्लाईओवर पर आठ मौतें हो चुकी हैं, उसकी सुरक्षा फिर तार-तार नजर आ रही है। सालभर के भीतर ही फ्लाईओवर पर किए गए सुरक्षा के तमाम उपाय व्यवस्थाओं का मुहं चिढ़ा रहे हैं। पिछले साल दिसंबर में कराए गए सेफ्टी ऑडिट के बाद वाहन चालकों पर अंकुश लगाने के लिए बीचोंबीच जो फाइबर के डिवाइडर लगाए गए थे, उसके 51 पाइप गायब हो चुके हैं। ऐसे में वाहन चालक बीच फ्लाईओवर से लेकर एप्रोच रोड तक पर से मनचाहे ढंग से मुड़ रहे हैं। ऐसे में यहां पर आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं और यह अनदेखी कभी भी बड़े हादसे की वजह बन सकती है।

खूनी फ्लाईओवर के रूप में कुख्यात हो चुके फ्लाईओवर पर हादसों को थामने के लिए पिछले साल पांच दिसंबर को 10 अधिकारियों की टीम ने बल्लीवाला फ्लाईओवर पर दो घंटे जांच-पड़ताल की थी। निरीक्षण के दौरान फ्लाईओवर की विभिन्न एंगल से तस्वीरें भी खींची गई थीं, जिन्हें सॉफ्टवेयर के माध्यम से देखा गया। खासकर फ्लाईओवर में जहां पर मोड़ है, उस पूरे हिस्से का अलग से आकलन किया गया। सुरक्षा ऑडिट टीम ने यह भी देखा था कि तकनीकी पहलुओं के अलावा फ्लाईओवर पर गति पर किस तरह नियंत्रण लगाया जा सकता है।

तब बीच का रास्ता निकाला गया था कि फ्लाईओवर में डिवाइडर लगाकर उसे दो भागों में बांटा जा सकता है। ताकि वाहन चालक बीच में से मुड़ न पाएं और ओवरटेक करने की जगह सिर्फ आगे चल रहे वाहन को ही फॉलो करने की व्यवस्था रहे। वहीं, फ्लाईओवर पर मोड़ वाले हिस्से पर अधिक चमकदार रिफ्लेक्टर लगाने व अन्य कार्य करने की बात भी रिपोर्ट में कही गई है। इसके अलावा अलावा पुलिस व परिवहन विभाग के लिए भी संस्तुतियां की गई हैं। ताकि हर स्तर पर दुर्घटना रोकने के प्रभावी प्रयास किए जा सकें। यह बात और है कि सालभर के भीतर ही यह प्रयास ध्वस्त नजर आ रहे हैं।

 यातायात निदेशक ने भी किया था निरीक्षण

सेफ्टी ऑडिट की संस्तुतियों को लागू कराने से पहले यातायात निदेशक ने भी दिसंबर में ही फ्लाईओवर का निरीक्षण किया था। उन्होंने यहां पर ओवरस्पीड में बाइक भी दौड़ाई थी और पाया था कि यदि फ्लाईओवर पर फाइबर के डिवाइडर लगा दिए जाएं तो वाहन चालक ओवरटेक नहीं करेंगे, जिससे हादसों पर अंकुश लग पाएगा। इसके साथ ही उन्होंने भरोसा दिलाया था कि ऑडिट रिपोर्ट की अन्य संस्तुतियों का भी पालन कराया जाएगा।

यह संस्तुतियां भी नहीं आती नजर

पुलिस स्तर पर

  • फ्लाईओवर के दोनों छोर पर दक्ष पुलिस कर्मी तैनात किए जाएं।
  • स्पीड की गति मापने वाले वाहन को फ्लाईओवर के पास तैनात किया जाए और उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों का चालान किया जाए।

परिवहन विभाग के स्तर पर

  • लाइसेंस जारी करने के मानक कड़े किए जाएं और उन्हीं लोगों को लाइसेंस दिए जाएं, जिनके सड़क सुरक्षा संकेतों का पूरा ज्ञान हो।
  • फ्लाईओवर के इर्द-गिर्द ध्यान भटकाने वाले होर्डिंग्स व पोस्ट प्रतिबंधित किए जाएं।                                      शासन ने दबाई डबल ब्रिज की फाइल

    बल्लीवाला फ्लाईओवर पर सेफ्टी ऑडिट के बाद जो उपाय किए गए वह, मजबूरी वाली स्थिति के अनुरूप थे। क्योंकि तब तक महज डबल लेन फ्लाईओवर के हिसाब से ही यह उपाय किए जाने थे। हालांकि हाईकोर्ट के आदेश के बाद यहां पर एक और फ्लाईओवर निर्माण की संभावना तो तलाशी गई, मगर इससे आगे कुछ भी नहीं किया गया।

    राजमार्ग विंग में कोर्ट के आदेश के बाद त्वरित रूप से कंसल्टेंट नियुक्त कर यहां पर एक और फ्लाईओवर निर्माण या पुराने फ्लाईओवर को ही फोर लेन बनाने पर फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार कराई थी। रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया कि बल्लीवाला से बल्लूपुर की तरफ जाते हुए एक और फ्लाईओवर बनाया जो सकता है। यह रिपोर्ट राजमार्ग के मुख्य अभियंता स्तर-प्रथम से लोनिवि के विभागाध्यक्ष को भेजी गई और यहां से इसे शासन को भेज दिया गया। तब से कई महीने बाद भी शासन ने इस पर कुछ भी कार्रवाई नहीं की है और अब यह कहा जा रहा है कि शासन नया फ्लाईओवर बनाने के मूड में नहीं है। लोनिवि के विभागाध्यक्ष आरसी पुरोहित का कहना है कि उनकी तरफ से औपचारिकता पूरी की जा चुकी है, मगर जब तक शासन स्तर से स्वीकृति नहीं मिल जाती, तब तक कुछ नहीं किया जा सकता।

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