देहरादून: उत्तराखंड में फिर से बारिश का दौर शुरू हो चुका है। कुमाऊं के अमूमन सभी जिलों में बुधवार की सुबह जोरदार बारिश हुई। वहीं, अन्य इलाकों में मिलाजुला असर रहा। मौसम विभाग के मुताबिक अगले दो दिन तक उत्तराखंड में फिर से भारी बारिश की संभावना है। वहीं, मलबा आने से पहाड़ की लाइफलाइन सड़कें जगह-जगह बंद हैं। करीब 56 संपर्क मार्गों पर आवागमन बाधित है। इनमें सर्वाधिक 14-14 सड़कें पिथौरागढ़ और चमोली जिले में हैं। 21 जुलाई से बंद यमुनोत्री हाईवे की स्थिति जस की तस बनी हुई है।
उत्तरकाशी में बड़कोट के निकट डाबरकोट में सक्रिय भूस्खलन जोन हाईवे के लिए नासूर बन चुका है। राष्ट्रीय राजमार्ग बडकोट खंड के अधिशासी अभियंता नवनीत पांडेय ने बताया कि 400 मीटर भाग को प्रभावित कर रहा डाबरकोट भूस्खलन जोन का ऑलवेदर रोड के तहत दो बार सर्वे हो चुका है, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल सका।
उन्होंने बताया कि भारतीय भू-विज्ञान सर्वेक्षण के वैज्ञानिकों के अनुसार जब तक पहाड़ी से भूस्खलन जारी है तब तक ट्रीटमेंट संभव नहीं और यह बताना मुश्किल है कि भूस्खलन कब थमेगा।
बुधवार की सुबह गढ़वाल के अधिकांश स्थानों पर बारिश थमी रही। वहीं, बदरीनाथ, केदारनाथ, हेमकुंड, गंगोत्री यात्रा सुचारु है। कोटद्वार में सुबह के समय अच्छी बारिश हुई।
कुमाऊं के अमूमन सभी जिलों में सुबह से रिमझिम बारिश हुई। चंपावत में मलबा आने से टनकपुर-चंपावत के बीच अमरूबैंड के पास सुबह सड़क बंद हो गई। इससे दोनों तरफ वाहनों की लाइनें लगी रही। जेसीबी की मदद से मलबा हटाया गया। इसके अलावा चंपावत की तीन आंतरिक सड़कें भी बंद हैं।
पिथौरागढ़ में गत रात हुई जोरदार बारिश के चलते थल-मुनस्यारी मार्ग रातीगाड के पास भूस्खलन से बंद हो गया। काली नदी का जल स्तर बढ़ने से अलर्ट जारी किया गया। मौसम खराब होने के कारण कैलास मानसरोवर यात्रा का नवां दल गुंजी नहीं जा सका। वहीं, पिथौरागढ़ जिले की 14 सड़के बंद है।