बरेली: दुनियाभर में विश्व शांति की हिमायत करने वाले पाकिस्तान के चर्चित मौलाना डॉ. ताहिर उल कादरी के भारत दौरे का विरोध तेज हो गया है। बरेलवी मसलक के उलमा ने भारत सरकार से डॉ. ताहिर का वीजा रद करने की मांग की है। इसके लिए विदेश मंत्रालय और राष्ट्रपति को पत्र भेजा गया है।
डॉ. ताहिर आठ फरवरी को भारत आ रहे हैं। वह 20 फरवरी तक रुकेंगे। इस बीच देश के पांच बड़े शहर लखनऊ, दिल्ली, कोलकाता, अहमदाबाद और कानपुर में कांफ्रेंस में भाग लेंगे। पहला कार्यक्रम आठ फरवरी को लखनऊ में प्रस्तावित है। डॉ. कादरी की मिनहाजुल कुरान इंटरनेशनल संस्था के महासचिव गुजरात निवासी शोएब मलिक ने दैनिक जागरण से फोन पर बातचीत की। बताया कि पांचों शहरों में कार्यक्रम आयोजन की तैयारियां चल रही हैं। उन्होंने कहा कि बरेली से मौलाना तौकीर रजा खां और देवबंद से बुलावा आया था, मगर बरेली आने को लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है।
डॉ. ताहिर पर कुफ्र का फतवा
डॉ. ताहिर कादरी के खिलाफ ताजुश्शरिया समेत दुनिया के 50 बड़े मुफ्ती-ए-कराम ने कुफ्र का फतवा जारी किया था। इसमें डरबन के मुफ्ती आफताब कासिम, घोसी के शमशाद हुसैन आदि शामिल हैं। दरगाह आला हजरत के प्रमुख मौलाना सुब्हानी मियां पत्र जारी कर साफ कर चुके हैं कि उन्हें कोई बुलावा नहीं दिया है न ही हमारा उनसे कोई वास्ता है।
1984 में आए थे बरेली
डॉ. ताहिर की संस्था मिनहाजुल कुरान के भारत में महासचिव शोएब मलिक बताते हैं कि वह 1984 में बरेली आए थे। इसके बाद भारत में 2016 में भी आए। दुनिया भर में वह शांति की हिमायत करते हैं।
सुन्नी जगत में बुलावे पर हलचल
डॉ. ताहिर के बरेली बुलावे की खबर से सुन्नी जगत के उलमा में हलचल पैदा हो गई है। देश भर के उलमा दरगाह आला हजरत और जमात रजा-ए-मुस्तफा के मुख्यालय से संपर्क साधकर स्थिति जानने में लगे हैं।
पूरे देश में होगा विरोध
जमात रजा-ए-मुस्तफा के उपाध्यक्ष सलमान हसन खां का कहना है कि डॉ. ताहिर का पूरे देश में विरोध किया जाएगा। हमने भारत सरकार से मांग की है कि ऐसे शख्स को क्यों आने की अनुमति दी जा रही है, जो अमन के लिए खतरा है।