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RBI की रिपोर्ट बैंकिंग से जुड़ी शिकायतें 57% बढ़ीं
RBI की रिपोर्ट बैंकिंग से जुड़ी शिकायतें 57% बढ़ीं

RBI की रिपोर्ट बैंकिंग से जुड़ी शिकायतें 57% बढ़ीं

www.youngorganiser.com    Jammu (Tawi) 180001 (J&K Union Territory) Updated, 9th Feb. 2021.Tue, 11:55 AM (IST) : Team Work: Arun Gavaskar & Gurmeet Singh,

नई दिल्ली: 2020 की पहली छमाही में बैंकिंग सर्विस से जुड़ी शिकायतें तेजी से बढ़ीं। दूसरी ओर, बैंक अब इन्हें सुलझाने में दोगुना वक्त लगाने लगे हैं। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की रिपोर्ट के मुताबिक 1 जनवरी से 30 जून 2020 तक बैंकिंग सेवाओं से जुड़ी 3.08 लाख शिकायतें मिलीं। यह आंकड़ा 2019 के इसी समय के मुकाबले 57% ज्यादा है।रिपोर्ट के मुताबिक सबसे ज्यादा शिकायतें ATM और डेबिट कार्ड से जुड़ी हैं। कुल शिकायतों में इनकी हिस्सेदारी 20% से भी ज्यादा है। मोबाइल या इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग से जुड़ी शिकायतें 13.38% रहीं।

शिकायतों के निपटारे में लग रहा ज्यादा वक्त

शिकायतों के निपटारे में जून 2020 से पहले जहां औसतन 47 दिन लगते थे, वहीं अब इसमें 95 दिनों का समय लग रहा है। 2019-20 में इसमें 45 दिन का समय लगता था। मतलब शिकायतों को निपटाने का समय कम होने की बजाय दोगुना हो गया है।देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) और दूसरे सरकारी बैंकों में शिकायतों में कमी आई है। शिकायतों में इनकी हिस्सेदारी घटकर 59.65% रह गई, जबकि 2019 में यह आंकड़ा 61.90% था। लोकपाल योजना के तहत नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों (NBFC) के खिलाफ शिकायतें 386% बढ़ी हैं। इनके खिलाफ कुल 19,432 कंप्लेन मिलीं।SBI ने सबसे ज्यादा 48,333 शिकायतों को सुलझाया। इसके बाद HDFC बैंक ने 15,004, ICICI बैंक ने 11,844 और एक्सिस बैंक ने 10,457 शिकायतों को सुलझाया।RBI की रिपोर्ट के मुताबिक बैंकिंग से जुड़ी सबसे ज्यादा 31,594 शिकायतें चंडीगढ़ से आईं। इस मामले में दूसरे नंबर पर भोपाल रहा। यहां से 14,510 शिकायतें मिलीं।कुल शिकायतों में मेट्रो शहरों से आने वाली शिकायतों की संख्या 2019-20 में सबसे ज्यादा 50% रही। तीन साल पहले कुल शिकायतों में मेट्रो शहरों से आने वाली शिकायतों का शेयर करीब 26% था। वहीं शहरी इलाकों में यह घटकर 22% पर आ गया है।

ग्राहकों को सही सर्विस के लिए शुरू हुई थी बैंकिंग लोकपाल योजना

बैंकिंग लोकपाल योजना (ऑम्बड्समैन स्कीम) के जरिए RBI बैंकों, NBFC और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर नजर रखती है। ये स्कीम 2006 में ग्राहकों की शिकायतों और समस्याओं को सुलझाने के लिए शुरू की गई थी। वैसे तो बैंकिंग लोकपाल योजना 1995 में लागू की गई थी, लेकिन 2002 और 2006 में इस योजना का दायरा बढ़ाते हुए और सुधार किए गए, ताकि लोगों को बैंकों से बेहतर सेवाएं मिल सकें।

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