इंदौर। संविधान निर्माता बाबा साहब आंबेडकर के जन्मदिवस के अवसर पर शनिवार, 14 अप्रैल को उनकी जन्मस्थली महू स्थित अम्बेडकर में आयोजित भव्य समरसता सम्मेलन में देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होंगे। वे शनिवार, को महू आ रहे हैं। बाबा साहब की जन्मस्थली आने वाले वे देश के पहले राष्ट्रपति होंगे।
प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द शनिवार, 14 अप्रैल को बाबा साहब जन्म स्थली का दौरा करेंगे। वे बाबा साहब की मूर्ति पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे। बाबा साहब के जन्मदिन के दिन पर आयोजित समरसता सम्मेलन को भी राष्ट्रपति संबोधित करेंगे। इसके साथ ही बाबा साहब के जन्मदिन पर आने वाले अनुयायियों के साथ भोजन भी करेंगे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अलावा 14 अप्रैल को भीमराव अांबेडकर की जन्मस्थली पर पहुंचने वालों में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ प्रदेश के मंत्री और कुछ केंद्रीय मंत्री भी शामिल हो सकते हैं, जिसके लेकर प्रशासन बड़े स्तर पर तैयारियां कर रहा है।
महासम्मेलन में आएंगे दो लाख श्रद्धालु
बाबा साहब डॉ भीमराव अम्बेडकर की जन्मस्थली महू के अम्बेडकर नगर में शनिवार को आयोजित विशाल महासम्मेलन की सभी तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। कार्यक्रम में देश-विदेश के लगभग दो लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। कलेक्टर निशांत बरवड़े ने बताया कि बाबा साहेब अम्बेडकर के जन्मदिवस के अवसर पर 14 अप्रैल को उनकी जन्मस्थली अम्बेडकर नगर (महू) में बने स्वर्ण मंदिर परिसर में विशाल महासम्मेलन आयोजित किया जा रहा है, जिसमें देश-विदेश के करीब दो लाख श्रद्धालु आएंगे। उन्होंने बताया कि राज्य शासन द्वारा मेजबान बनकर इन श्रद्धालुओं की आवभगत मेहमान की तरह की जाएगी। परिसर में विशाल पंड़ाल बनाया गया है, जिसमें श्रद्धालुओं के लिये पंखें और पीने की पानी की भी पर्याप्त व्यवस्था रहेगी। इसी परिसर के पास में श्रृद्धालुओं के लिये भोजन शाला भी बनाई जाएगी।
उन्होंने बताया कि अम्बेडकर नगर महू में श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुक्रवार से ही शुरू हो गया है। तीन दिन तक चलने वाले इस आयोजन में लगभग दो लाख श्रद्धालुओं आएंगे। श्रद्धालुओं के लिए भोजन, आवास आदि की व्यवस्था की जाएगी। आयोजन के दौरान साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। चिकित्सा की समुचित व्यवस्था की जाएगी। शीतल पेयजल की व्यवस्था भी रहेगी। श्रद्धालुओं के लिए अस्थाई रूप से 850 शौचालय, स्नानागार बनाए गए हैं। श्रद्धालुओं को लाने-ले जाने के लिए वाहनों की विशेष व्यवस्था की गई है।