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प्रेमनगर बाजार में फिर होने लगा अतिक्रमण, फुटपाथ पर सजने लगी दुकानें

देहरादून: प्रेमनगर क्षेत्र में ध्वस्तीकरण के बाद कई जगह फिर अतिक्रमण होने लगा है। खासकर हटाए गए बाजार में लोग अस्थायी रूप से कच्चे खोखे बनाकर दुकान लगाने लगे हैं। इससे बाजार में फिर अव्यवस्थाएं नजर आने लगी है।

हाईकोर्ट के आदेश पर प्रशासन की ओर से प्रेमनगर बाजार में अतिक्रमण ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई थी। इस दौरान बड़ी संख्या में कच्चे और पक्के भवन ध्वस्त किए गए। अभी एक पखवाड़ा भी नहीं बीता कि बाजार में दोबारा अतिक्रमण होने लगा है।

यहां बाजार में लोगों ने कच्चे टिनशेड और फुटपाथ पर दुकानें सजाने शुरू कर दी हैं। खासकर ठाकुरपुर रोड पर स्थिति ज्यादा खराब दिख रही है। यहां बाजार में सड़क तक दुकान सजने से आवाजाही करने में भी लोगों को मुश्किलें उठानी पड़ रही है।
इसे लेकर लोगों ने जिलाधिकारी और कैंट बोर्ड को लिखित रूप में शिकायत दर्ज कराई है। लोगों ने कहा कि अभी ध्वस्तीकरण की कार्रवाई पूरी भी नहीं हुई कि दोबारा अतिक्रमण होने लगा है।

इधर, जिलाधिकारी एसए मुरूगेशन ने कहा कि दोबारा अतिक्रमण करने वालों पर नजर रखी जा रही है। ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
दोबारा न होने पाए अतिक्रमण: न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह

देहरादून को अतिक्रमण मुक्त करने को लेकर निर्णय देने वाली नैनीताल हाई कोर्ट की खंडपीठ के जज न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह ने कहा कि सरकार के साथ आम लोगों की जिम्मेदारी है कि जहां से अतिक्रमण हटाया जा चुका है, वहां दोबारा अतिक्रमण न हा पाए।

भवन सभागार में अधिवक्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने न्याय प्रक्रिया में जीरो टॉलरेंस के साथ ही जजों और अधिवक्ताओं के काम के तरीकों पर भी अपनी राय रखी।

नैनीताल हाई कोर्ट के न्यायाधीश लोकपाल सिंह अधिवक्ताओं के विशेष आग्रह पर सोमवार को देहरादून बार एसोसिएशन भवन पहुंचे थे। यहां बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मनमोहन कंडवाल व सचिव अनिल शर्मा ने उन्हें स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया और उनके द्वारा दिए गए ऐतिहासिक फैसलों के बारे में भी विस्तार से बताया।
अधिवक्ताओं को संबोधित करते हुए न्यायमूर्ति ने कहा कि हाल के दिनों में अतिक्रमण पर हुई कार्रवाई से लोगों को काफी फायदा हुआ है। कोशिश की जानी चाहिए की यह व्यवस्था आगे भी बनी रहे। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में सबसे ज्यादा भार च्यूडिशरी के कंधों पर है। वकीलों की जिम्मेदारी है कि कानून के दायरे में रह कर न्याय को साबित करें।

अधिवक्ता सीमा में बंधकर काम न करें। इसके लिए केस का पहले अच्छी तरह से अध्ययन करें और जानकारी जुटाएं। किसी खास का केस ही लडऩे का टैग अपने ऊपर नहीं लगने देना चाहिए। हर क्षेत्र में काम करना चाहिए। इससे काम करने की क्षमता और ज्ञान बढ़ेगा। न्याय के मंदिर में साफ-सुथरा काम होना चाहिए। इस मौके पर बार एसोसिएशन के पदाधिकारी व अन्य अधिवक्तागण मौजूद रहे।
दोबारा होने लगा है अतिक्रमण

हाई कोर्ट के आदेश पर दून के कई हिस्सों में प्रशासन ने पूरी सख्ती के साथ अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया। लेकिन, हाल के दिनों में आम लोगों की ओर से अधिकारियों को पत्र भेजकर बताया गया कि जहां से अतिक्रमण हटाया जा चुका है, वहां फिर से लोग अतिक्रमण करने लगे हैं।

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