Breaking News

दलित सांसदों की शिकायत पर PM मोदी ने की योगी से चर्चा, यूपी BJP से मांगी रिपोर्ट, कहा- जल्द निकालें समाधान

नई दिल्ली : बीते दिनों भाजपा के अंदर से दलित सांसदों के विरोध के सुर बुलंद होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मामले का खुद संज्ञान लिया है। उत्तर प्रदेश के चार दलित सांसदों की योगी सरकार के खिलाफ नाराजगी को पीएम ने गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दिल्ली बुलाया। जिसके बाद पीएम मोदी ने योगी से इस विषय पर न सिर्फ चर्चा की बल्कि यूपी भाजपा से इस मसले पर विस्तृत रिपोर्ट भी मांगी है। मुख्यमंत्री योगी के आलावा उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य भी इस दौरान मौजूद थे।

पीएम ने मसले को जल्द सुलझाने को कहा

दिल्ली में हुई मुलाकात के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने योगी आदित्यनाथ से इस मामले को जल्द से जल्द सुलझाने को कहा है। उन्होंने सीएम योगी को हिदायत दी कि जरूरत पड़े तो नाराज सांसदों के साथ बैठक करके इनकी समस्या का समाधान करें।

इन चार दलित भाजपा सांसदों ने जताई नाराजगी

गौरतलब है कि प्रदेश में पिछले कुछ दिनों के बीच दलितों को केंद्र में रखते हुए राजनीति उफान पर है। बहराइच की सांसद सावित्री बाई फुले ने आरक्षण को लेकर बगावती तेवर अपनाया तो तीन और सांसदों ने प्रधानमंत्री को पत्र भेजकर अपने आक्रोश का इजहार किया था। शिकायत करने वालों की लिस्ट में भाजपा के रॉबर्ट्सगंज से सांसद छोटेलाल, नगीना लोकसभा सीट से भाजपा सांसद डॉ. यशवंत सिंह और इटावा के सांसद अशोक कुमार शामलि हैं। जिन्होंने पीएम मोदी को पत्र लिखकर राज्य और केंद्र सरकार की भूमिका पर सवाल उठाए।

सांसद छोटेलाल ने की CM योगी की शिकायत

भाजपा के रॉबर्ट्सगंज सांसद छोटेलाल ने प्रधानमंत्री को पत्र लिख कर कहा था, सपा सरकार के दौरान जब गुंडा राज चल रहा था, तब उन्होंने अपने भाई और आदिवासी दलित नेता जवाहर खरवार को चंदौली में नौगड़ ब्लॉक का प्रमुख पद जिताया। भाजपा की यह अकेली जीत थी, लेकिन आज अपनी ही सरकार में उनके भाई को ब्लॉक प्रमुख पद से हटाने की साजिश हो रही है। इसमें भाजपा के ही नेताओं के सहयोग से बसपा ने अविश्वास प्रस्ताव लाया है। उन्होंने कहा कि ये मसला दो महीने पूर्व का है। सांसद ने आरोप लगाया कि दोष सिर्फ इतना था कि उन्होंने सामन्य सीट पर दलित को प्रमुख बनाया। इस संबंध में वे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ महेंद्र नाथ पांडेय से भी मिले, जो चंदौली से सांसद हैं। दो बार संगठन महामंत्री सुनील बंसल से भी मिले। यही नहीं वह क्षेत्रीय अध्यक्ष से लेकर जिला अध्यक्ष तक से गुहार लगाई। प्रभारी मंत्री से मिले, लेकिन किसी ने कोई मदद नहीं की। जिसके बाद जब उन्होंने मुख्यमंत्री योगी से मुलाकात की तो उन्होंने डांट कर भगा दिया।

एससी-एसटी एक्ट को लेकर भड़कीं सांसद सावित्री बाई फुले

वहीं, एक अप्रैल को बहराइच से सांसद सावित्री बाई फुले ने लखनऊ में विशाल रैली के दौरान अपनी ही सरकार को घेरा। उन्होंने कहा अगर आरक्षण से छेड़छाड़ हुई तो वह बर्दाश्त नहीं करेंगी। उन्होंने कहा था कि अगर आरक्षण खत्म हुआ तो कोई दलित विधायक और सांसद नहीं बन सकेगा। वे यहां तक भी शांत नहीं हुईं, उन्होंने कहा- आरक्षण कोई भीख नहीं है और अगर इसे खत्म किया तो खून की नादियां बहेंगी।

आंकड़ों पर नजर

अगर आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो वर्तमान लोकसभा में 121 में से 67 दलित सांसद भाजपा के हैं। इनमें उत्तर प्रदेश की सभी सुरक्षित 17 लोकसभा सीटें भी शामिल हैं। वहीं यूपी विधानसभा में 87 दलित विधायक भाजपा की टिकट पर चुन कर आए हैं। लिहाजा 2014 के लोकसभा और 2017 के विधानसभा चुनावों में दलित वोट का एक बड़ा हिस्सा भाजपा के साथ गया। ऐसे में आने वाले 2019 लोकसभा चुनाव के लिए दलित को साधना भाजपा के लिए फायदेमंद साबित होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

x

Check Also

कश्मीर के सिख प्रतिनिधियों ने अमित शाह से भेंट की

* * *  www.youngorganiser.com    Jammu (Tawi) 180001 (J&K Union Territory) Updated, 4th Jul. 2021, Sun. ...