देहरादून: आइएएस अधिकारियों के लगातार जांच के दायरे में आने और उन पर कसते शिंकजे के बीच आइएएस एसोसिएशन ने अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश और राधा रतूड़ी से मुलाकात कर अपना पक्ष रखा। एसोसिएशन ने अब इस मसले पर अपर मुख्य सचिव के जरिये मुख्यमंत्री से मिलने का भी समय मांगा है। वहीं, एसआइटी की फाइनल रिपोर्ट आने से पहले एसोसिएशन की इस कवायद के कई मायने निकाले जा रहे हैं।
प्रदेश में इस समय भाजपा सरकार सुशासन की राह पर चल रही है। इस कड़ी में चल रही जांच में आइएएस अधिकारियों के नाम भी सामने आ रहे हैं। एनएच 74 घोटाले में जहां दो आइएएस अधिकारियों के नाम सामने आए हैं तो वहीं एमडीडीए में हुए कार्यों को लेकर वीसी के रूप में तैनात आइएएस अधिकारी की भूमिका भी सवालों के घेरे में है।
इतना ही नहीं, अब कुछ अन्य जांच भी आइएएस अधिकारियों की पेशानी पर बल डाले हुए है। अभी तक जो मामले सामने आए हैं उनमें आइएएस अधिकारियों ने एक आर्बिट्रेटर की भूमिका पर सवाल उठाए गए हैं।
सूत्रों की मानें तो आइएएस अधिकारी इसी को आधार बना रहे हैं। उनका कहना है कि आर्बिट्रेटर की भूमिका एक जज की तरह होती है ऐसे में इन निर्णयों पर कैसे सवाल उठाया जा सकता है।
इस कड़ी में आइएएस अधिकारियों के प्रतिनिधिमंडल ने प्रमुख सचिव आनंद वर्द्धन के नेतृत्व में अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश और राधा रतूड़ी से मुलाकात की। प्रमुख सचिव गृह और एसोसिएशन के सचिव आनंद वर्द्धन ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि सेवा संबंधी मामलों को लेकर दोनों अधिकारियों से मुलाकात की गई थी।
सितारगंज के किसान ने जमा किए पांच लाख
एनएच मुआवजा घोटाले में बैक डेट पर कृषि भूमि को अकृषि दिखाकर करोड़ों का मुआवजा लेने वाले सितारगंज के किसान ने पांच लाख रुपये सरकारी खाते में जमा किया। एसआइटी के मुताबिक अब तक 19 किसान 2.21 करोड़ रुपये जमा कर चुके हैं।
एनएच-74 निर्माण के दौरान जिले के जसपुर, काशीपुर, बाजपुर, गदरपुर, रुद्रपुर, किच्छा और सितारगंज के दर्जनों किसानों की भूमि एनएच की जद में आई थी। इस दौरान कई किसानों ने अधिकारियों की मिलीभगत से कृषि भूमि की 143 करा ली, साथ ही मानक से अधिक करोड़ों का मुआवजा ले लिया।
एसआइटी ने जांच शुरू की तो जद में कई किसान आ गए। इस पर एसआइटी ने 22 अधिकारी, कर्मचारियों के साथ ही दो किसान भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिए थे। यह देख किसानों ने मुआवजा वापस करने की पेशकश की तो एसबीआइ में खाता खोल दिया गया।
किसानों ने इसमें लिया गया अतिरिक्त मुआवजा वापस करना शुरू कर दिया। एसआइटी अधिकारियों के मुताबिक गुरुवार को भी सितारगंज तहसील के किसान गुरमेल सिंह ने पांच लाख रुपये जमा कराए। अब तक सरकारी खाते में 2.21 करोड़ रुपये जमा हो चुके हैं।