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Jammu (Tawi) 180001 (J&K Union Territory) Updated, 29 May 2020.
THU, 01:09 AM (IST HRS) : Team Work: Kuldeep & Sandeep Agerwal
फ्लोरिडा : नासा की तरफ से जारी बयान में कहा गया है, ‘हम आज लॉन्च नहीं करने जा रहे हैं। मौसम के हालात की वजह से लॉन्च को टाला जा रहा है। अब लॉन्च की अगली संभावना 30 मई को अमेरिकी समय के मुताबिक दोपहर 3 बजकर 22 मिनट पर होगी। इसकी लाइव कवरेज सुबह 11 बजे से शुरू होगी।’लॉन्च के लिए NASA काउंटडाउन देगी लेकिन SpaceX ही लॉन्च का आखिर सिग्नल देगी। करीब 10 साल बाद अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA के इतिहास रचने से पहले मौसम आड़े आ गया। SpaceX के Falcon 9 रॉकेट में Crew Dragon Spacecraft के साथ अमेरिका के दो वेटरन ऐस्ट्रनॉट्स इंटरनैशनल स्पेस स्टेशन जाने को लॉन्च के लिए तैयार थे। लेकिन खराब मौसम की वजह से लॉन्चिंग को टालना पड़ा है। अब 30 मई को एक बार फिर लॉन्चिंग का प्रयास किया जाएगा। SpaceX के Falcon 9 रॉकेट में Crew Dragon Spacecraft के साथ अमेरिका के दो वेटरन ऐस्ट्रनॉट्स इंटरनैशनल स्पेस स्टेशन जाने को लॉन्च के लिए तैयार हैं। इस सबके बीच फ्लोरिडा में NASA के केनेडी स्पेस सेंटर और Dragon के ऑर्बिट तक के रास्ते में तूफान के हालात का बनना एक बड़ी चिंता का कारण बना है। लिफ्टऑफ से चार घंटे पहले तक लॉन्च कंट्रोलर्स ने अनुकूल मौसम के चांस 50-50 बताए थे। बारिश, बादल और तूफान NASA के केनेडी स्पेस सेंटर पर छाए रहे। हालांकि 2 बजे के बाद यह 60 प्रतिशत तक अनुकूल हो गए लेकिन ईस्ट कोस्ट में ट्रॉपिकल तूफान की आशंका की वजह से परेशानी खड़ी हो सकती है। अगली कोशिश 30 मई को की जाएगी। स्पेस शटल प्रोग्राम पूरा होने के बाद साल 2011 के बाद से अमेरिका की धरती से लॉन्च बंद हो गए थे। अमेरिकी ऐस्ट्रोनॉट्स रूस की मदद से स्पेस में जाते रहे। अब NASA वापस अमेरिका की मिट्टी से अपने के ऐस्ट्रोनॉट्स को अपने देश के रॉकेट्स में बैठाकर स्पेस में भेजने के लिए एकदम तैयार हो चुका है और इस वक्त दुनिया की निगाहें उसके इसी मिशन पर टिकी हैं। अमेरिका के फ्लोरिडा में केप कनवरल में जॉन एफ केनेडी स्पेस सेंटर। चांद को छूने के लिए पृथ्वी से पहली उड़ान इसी जमीन से रखी गई थी। अमेरिका के इतिहास में NASA नैशनल ऐरोनॉटिक्स ऐंड स्पेस ऐडमिनिस्ट्रेशन ने मंगल मिशन समेत कई अहम कीर्तिमान यहीं से अपने नाम किए, लेकिन 2011 के बाद से इस पर ब्रेक लग गया। अमेरिकी ऐस्ट्रोनॉट्स रूस की मदद से स्पेस में जाते रहे। अब NASA वापस अमेरिका की मिट्टी से अपने के ऐस्ट्रोनॉट्स को अपने देश के रॉकेट्स में बैठाकर स्पेस में भेजने के लिए एकदम तैयार हो चुका है और इस वक्त दुनिया की निगाहें उसके इसी मिशन पर टिकी हैं। जेएफ केनेडी स्पेस सेंटर की इस लॉन्च साइट से NASA ने कई महत्वाकांक्षी मिशन लॉन्च किए। चांद पर जाने वाला Apollo, मंगल पर जाने वाला Mariner और भारतीय मूल की ऐस्ट्रनॉट कल्पना चावला को ले जाने वाला शटल Columbia भी यहीं से लॉन्च हुआ था। 2011 के बाद से यहां से कोई लॉन्च नहीं हुआ और अमेरिका के ऐस्ट्रोनॉट्स रूस के Soyuz रॉकेट्स से स्पेस में जाते रहे। हालांकि, अब अमेरिका की प्राइवेट कंपनियां तैयार हैं NASA के ऐस्ट्रोनॉट्स को ‘टैक्सी राइड’ देने के लिए। दरअसल, इन वीइकल्स पर NASA का अधिकार नहीं होगा, SpaceX और Boeing जैसी कंपनियां इन्हें NASA या किसी और को स्पेस में ले जा सकेंगी। ISS जाने वाले दोनों ऐस्ट्रोनॉट काफी अनुभवी हैं। NASA के ऐडमिनिस्ट्रेटर बेनकेन और डग को अमेरिका का हीरो बताते हैं। आखिरकार दोनों देश के लिए इतिहास लिखने जा रहे हैं। ब्राइडेनस्टाइन का कहना है कि दोनों ह्यूमन स्पेसफ्लाइट के नए युग की नींव रखने जा रहे हैं। दोनों ही इसके लिए बेहद एक्साइटेड भी हैं। बेनकेन स्पेस में 708 घंटे बिता चुके हैं और 6 बार स्पेसवॉक कर चुके हैं। वहीं डग 683 घंटे स्पेस में बिता चुके हैं। इस लॉन्च के साथ ही Elon Musk की SpaceX ऐसी पहली प्राइवेट कंपनी बन जाएगी जो ऐस्ट्रोनॉट्स को ऑर्बिट तक ले जाएगी। यह प्लान अपने तय समय से कम से कम पांच साल पीछे हो गया है लेकिन SpaceX ने Boeing को पछाड़ते हुए आखिरकार यह रेकॉर्ड अपने नाम करने की इबारत लिख डाली है।