देहरादून : आखिरकार मानसून उत्तराखंड में भी सक्रिय हो गया है। इसके साथ ही बारिश से परेशानी जारी हैं। उत्तरकाशी में यमुनोत्री हाईवे फिर से बंद हो गया। केदारनाथ व बदरीनाथ यात्रा सुचारु है। वहीं, मौसम विभाग ने भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।
राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के मुताबिक शनिवार से मानसून रफ्तार पकड़ लेगा। शनिवार और रविवार को प्रदेश में कुछ स्थानों पर भारी से भारी बारिश हो सकती है।
इस बीच बारिश से दुश्वारियां जारी रहीं। बुधवार रातभर बारिश और भूस्खलन से यमुनोत्री हाईवे मलबा आने से बंद हो गया। करीब 12 घंटे की मशक्कत के बाद इस मार्ग पर आवाजाही शुरू हो पाई।
इसके बाद फिर से यमुनोत्री हाईवे डाबरकोट के पास और गंगोत्री हाईवे नालूपानी, ज्ञानसू के भूस्खलन के चलते बंद हो गया। डाबरकोट में पहाड़ी से लगातार हो रहे भूस्खलन के कारण यहां पर मार्ग खोलने में दिक्कत आ रही है। गंगोत्री हाईवे पर ज्ञानसू में वार्ड नंबर सात स्थित एक नाले में उफान आया। इसके मलबे से हाईवे बंद हुआ।
रात दो बजे से बंद हाईवे की स्थिति देखने सुबह तक मौके पर जिम्मेदार अधिकारी नहीं पहुंचे थे। वहीं, ज्ञानसू क्षेत्र के लोग भयभीत हैं। लोगों ने पूरी रात जागकर काटी। शुक्रवार को बारिश थमने से लोगों ने राहत महसूस की। वर्ष 1978 में भी इसनाले में उफान आया था। बाद में गंगोत्री हाईवे को खोल दिया गया।
दूसरी ओर भारत-चीन सीमा को जोड़ने वाला मलारी हाईवे पर भी करीब सात घंटे बाद यातायात सुचारु किया जा सका। मौसम विभाग के अनुसार बीते 24 घंटे में सर्वाधिक बारिश टिहरी में 42.8 मिमी दर्ज की गई।
गत रात प्रदेश में हरिद्वार, देहरादून के अलावा गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ में अच्छी बारिश हुई। दूसरी ओर चमोली जिले में जोशीमठ से मलारी जाने वाले हाईवे सुबह आठ बजे मलबा आ गया। सीमा सड़क संगठन के के कमांडर एसएस मक्कड़ ने बताया कि एक चट्टान टूटकर हाईवे पर आ गिरी। आठ घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद जवानों ने मलबा हटा यातायात सुचारु कर दिया।
कुमाऊं के पिथौरागढ़ जिले में भारी बारिश हो रही है। इस दौरान जिले के गंगोलीहाल में सर्वाधिक 42 एमएम वर्षा हुई है। बारिश के कारण जिले में काली और गोरी नदियों का जलस्तर बढ़ गया है, हालांकि अभी ये खतरे के निशान से दूर हैं।