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चारा घोटाले में लालू यादव का सीबीआइ कोर्ट में सरेंडर, जेल के बाद रिम्स पहुंचे

रांची। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने गुरुवार को रांची में सीबीआइ की विशेष अदालत में सरेंडर कर दिया। एसएस प्रसाद की अदालत ने न्‍यायिक हिरासत में लेते हुए लालू प्रसाद को होटरवार जेल भेज दिया है। चारा घोटाले से जुड़े मामले में सजा काट रहे लालू चिकित्‍सा के सिलसिले में ऑपबंधिक जमानत पर थे। उनकी जमानत की मियाद खत्‍म हो गई थी। कोर्ट ने रिम्स के डॉक्टर से लालू प्रसाद के मेडिकल चेक-अप का भी आदेश दिया है। लालू प्रसाद के अधिवक्ता प्रभात कुमार के अनुसार, लालू प्रसाद को कोर्ट से जेल भेजा गया। इसके बाद जेल प्रशासन उन्हें रिम्स भेज दिया। लालू रिम्स के कॉर्डियो वार्ड में भर्ती हैं।

 कोर्ट परिसर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम 
कोर्ट परिसर में सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की गई है। राजद समर्थक राजद समर्थक और पुलिसकर्मियों की भीड़ लगी हुई है। लालू प्रसाद की अदालत सीबीआई भवन के पहले मंजिल पर है जहां जाने से पुलिसकर्मियों ने रोक लगा रखी है। नीचे के गेट को बंद कर दिया गया है, ताकि ऊपरी मंजिल पर कोई नहीं जा सके। कोर्ट परिसर में सिटी डीएसपी प्राण रंजन कोतवाली डीएसपी कुमार अजीत, कोतवाली इंस्पेक्टर श्यामानंद मंडल सहित कई अधिकारी और पुलिसकर्मी मौजूद हैं।
लालू 10 मई को अपने बेटे तेजप्रताप यादव की शादी के लिए बाहर आए थे, जिसके बाद अब करीब 110 दिन बाद वह जेल लौटेंगे। लालू यादव, पिछले कई दिनों से जमानत पर थे, वह मुंबई में अपना इलाज करा रहे थे। लालू के सरेंडर करने से पहले गुरुवार को झारखंड विकास मोर्चा चीफ बाबूलाल मरांडी ने रांची में उनसे मुलाकात की। लालू से मुलाकात करने के बाद बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राजनीति के कारण बीजेपी लालू यादव पर शिकंजा कस रही है।

बीते 27 अगस्त को लालू की जमानत की मियाद पूरी हो रही थी। इससे पहले लालू ने अदालत से औपबंधिक जमानत की अवधि तीन महीने और बढ़ाने की अपील की थी जिसे अदालत ने अस्वीकार करते हुए उन्हें 30 अगस्त तक सीबीआई अदालत में आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया था।

पटना से रवाना होने से पहले आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि देश तानाशाह शासन की ओर बढ़ रहा है। पटना एयरपोर्ट पर बातचीत में लालू ने बिहार में कानून व्यवस्था ठीक नहीं होने का आरोप लगाते हुए कहा कि यहां पूरी तरह से अराजकता का माहौल है। चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सह राजद प्रमुख लालू प्रसाद बुधवार को रांची पहुंचे। उन्हें इलाज के लिए मिली बेल की मियाद खत्म हो गई है।

मोदी पर जमकर किया हमला
लालू ने कहा कि यह प्रोपगंडा फैलाया जा रहा है कि मोदी को जान का खतरा है, कोई बताए तो सही, आखिर खतरा किससे है? कोई प्रमाण तो दें। ऐसा भी प्रधानमंत्री क्या जो किसी से डर जाए। देश में तानाशाही बढ़ रही है। सरकार के खिलाफ बयानबाजी करने वाले बुद्धिजीवियों को माओवादियों के नाम पर फंसाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राजद किसी भी स्तर पर हिंसा का समर्थन नहीं करता है। आसन्न चुनाव में गठबंधन के मसले पर उन्होंने दो टूक कहा, सारा विपक्ष एक मंच पर है, कहीं कोई ईगो नहीं है। राहुल गांधी, ममता बनर्जी, मायावती समेत अन्य शीर्ष नेता इस मसले पर चर्चा करेंगे। समय पर सब होगा।

अभी 50 फीसद अस्वस्थ हूं
लालू ने कहा कि कोर्ट के आदेश पर वे रांची पहुंचे हैं। अभी भी 50 फीसद अस्वस्थ हैं। मोतियाबिंद, किडनी, प्रोस्टेट, हार्ट की बीमारी समेत कई तरह के इंफेक्शन से पीडि़त हैं। अटल बिहारी वाजपेयी को भी इंफेक्शन था। एशियन हार्ट इंस्टीच्यूट के डॉक्टरों ने रिम्स के डॉक्टरों के संपर्क में रहने को कहा है।

रिम्स में कुत्ते रात में करते हैं अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन 
राजद सुप्रीमो ने कहा कि इलाज के लिए उन्हें रिम्स भेजा गया। यहां रात में कुत्ते अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन करते हैं। यहां की स्थिति जगजाहिर है। वार्डों में जलजमाव रहता हैं। डेंगू और चिकनगुनिया का मच्छर प्रहार करने को तैयार हैं।

मैं नीतीश नहीं, जो हार मान लूं, सुप्रीम नहीं है लोअर कोर्ट
एक सवाल के जवाब में लालू ने कहा, राजद गरीबों, किसानों, दलितों, बेरोजगारों की लड़ाई लड़ता आया है। आगे भी लड़ता रहेगा। बिहार के मुख्यमंत्री की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि मैं नीतीश कुमार नहीं जो डर जाऊं। हार नहीं मानूंगा, लड़ता रहूंगा। लोअर कोर्ट ही सबकुछ नहीं है, ऊपर भी कोई चीज है।

हाई कोर्ट ने खारिज की थी जमानत
लालू चारा घोटाला में सजायाफ्ता हैं। तबीयत बिगड़ने के बाद 17 मार्च को उन्हें बिरसा मुंडा कारागार से इलाज के लिए रिम्स भेजा गया था। यहां से बेहतर इलाज के लिए उन्हें 28 मार्च को एम्स भेजा गया। जहां से वो 30 अप्रैल को रिम्स वापस लौटे थे। 10 मई को उनके बेटे की शादी के लिए पैरोल मिला, जिसके बाद 16 मई को हाई कोर्ट से उन्हें इलाज के प्रोविजनल बेल मिली थी। इसके बाद कई बार उनकी बेल अवधि बढ़ती रही। 24 अगस्त को प्रोविजनल बेल की अवधि बढ़ाने से इन्कार करते हुए हाई कोर्ट ने उन्हें 30 अगस्त तक सीबीआइ कोर्ट में सरेंडर करने का आदेश दिया गया था।

26 को मुंबई से पहुंचे थे पटना
इससे पहले 26 अगस्त को लालू प्रसाद को मुंबई एशियन हार्ट इंस्टीट्यूट से डिस्चार्ज कर दिया गया। वो पटना लौटे। लालू के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने झारखंड हाईकोर्ट से प्रोवीजनल बेल और 3 महीने बढ़ाने की मांग की थी। उन्होंने हाईकोर्ट को बताया था कि पिछले महीने मुंबई में उनका फिस्टुला का ऑपरेशन हुआ है। घाव जिंदा है। उन्हें बीपी, शुगर, किडनी की भी समस्या है। इस पर झारखंड हाईकोर्ट के जज अपरेश कुमार सिंह ने कहा था कि वे रिम्स आएं और यहीं इलाज कराएं। सजायाफ्ता लालू को इलाज के लिए 11 मई को कोर्ट ने छह हफ्ते की जमानत मंजूर की थी। इसे बढ़ाकर 14 और फिर 27 अगस्त तक कर दिया गया था। इसके बाद तीन माह और अवधि बढ़ाने की अपील को खारिज कर दिया गया।

23 दिसम्बर 2017 को दोषी करार दिए गए थे लालू
– चारा घोटाला के देवघर ट्रेजरी केस में 23 दिसम्बर, 2017 को दोषी करार दिए जाने के बाद से लालू यादव रांची जेल में थे। इस केस में 6 जनवरी 2018 को लालू समेत 16 आरोपियों को साढ़े तीन साल की सजा सुनाई गई। उन पर 10 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया।

– तबीयत बिगड़ने पर लालू यादव को 17 मार्च को रिम्स में भर्ती किया गया। सुधार नहीं होने पर 28 मार्च को एम्स रेफर कर दिया गया था। एम्स से उन्हें 30 अप्रैल को डिस्चार्ज कर रिम्स भेज दिया गया। फिर लालू को हाईकोर्ट ने छह हफ्ते की प्रोविजनल बेल दी थी।

चारा घोटाले के 6 मामलों में से 4 में हुई लालू को सजा
– चाईबासा ट्रेजरी का पहला केस: 30 सितंबर 2013 को कोर्ट ने लालू यादव को दोषी माना। पांच साल जेल की सजा हुई। 25 लाख रुपए का जुर्माना भी उन पर लगाया गया था। इस मामले में लालू को जमानत मिल चुकी है।

– देवघर ट्रेजरी केस: 23 दिसम्बर 2017 को दोषी करार। 6 जनवरी 2018 को लालू समेत 16 आरोपियों को साढ़े तीन साल जेल की सजा सुनाई गई। लालू पर 10 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया।

– चाईबासा ट्रेजरी का दूसरा केस: 24 जनवरी 2018 को लालू दोषी करार। इसी दिन उन्हें पांच साल की सजा सुनाई गई। दस लाख रुपये जुर्माना।

– दुमका ट्रेजरी केस: मार्च 2018 में लालू यादव को दोषी माना गया। पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र बरी हुए। 24 मार्च को लालू को 7-7 साल की सजा सुनाई गई। दोनों सजाएं अलग-अलग चलेंगी। यानी कुल 14 साल। लालू पर 60 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया। इन तीनों मामलों में लालू सजा काट रहे हैं।

इन 2 केस में चल रही सुनवाई
– डोरंडा ट्रेजरी केस: इस केस की सुनवाई भी रांची में चल रही है।
– भागलपुर ट्रेजरी केस: इसकी सुनवाई पटना की सीबीआई कोर्ट में चल रही है।

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