हल्द्वानी: नैनीताल के लिए खैरना में कोसी नदी पर बैराज बनाकर पेयजल योजना बनाने का प्रस्ताव 31 दिसंबर को उत्तराखंड शासन को भेजा जाएगा। राज्य सरकार इसे इसे केंद्र सरकार को भेजेगा। वहीं शुक्रवार को कमिश्नर राजीव रौतेला ने जल निगम, जल संस्थान व सिंचाई विभाग के अफसरों की बैठक लेकर प्री डीपीआर की प्रगति जानी और हर हाल में 31 दिसंबर तक इसे पूरा कर शासन को भेजने के निर्देश दिए।
कमिश्नर राजीव रौतेला को सिंचाई विभाग के अफसरों ने बताया कि कोसी नदी पर 125 मीटर लंबा और 15 मीटर ऊंचा बैराज बनाया जाएगा। इसे बनाने में 150 करोड़ की लागत आने का अनुमान है। वहीं जल निगम के अफसरों ने बताया कि कोसी बैराज से नैनीताल तक पानी पहुंचाने के लिए 25 मीटर लंबी लाइन बिछाई जाएगी। बैराज से 55 एमएम के दो मोटे पाइपों से पानी नैनीताल पहुंचाया जाएगा। ये पेयजल लाइन चार चरणों में होगी। पहले चरण में बैराज से घूना गांव में टैंक बनाकर पानी पहुंचाया जाएगा। दूसरे चरण में घूना गांव से पडाली चौरसा, तीसरे चरण में पडाली चौरसा से दूनी खाल व अंतिम चरण में दूनी खाल से बिडला स्कूल नैनीताल के पास टैंक बनाकर पानी लिफ्ट किया जाएगा। बिडला स्कूल पर बनने वाले टैंक से नैनीताल को जलापूर्ति होगी।
बैराज से एक माह तक लगातार जलापूर्ति करने की क्षमता होगी : सिंचाई विभाग के अफसरों ने बताया कि बैराज में नौ लाख क्यूबिक पानी एकत्र किया जा सकेगा। इस हिसाब से अगर गर्मियों में 30 एमएलडी पानी प्रतिदिन नैनीताल को दिया जाए तो एक माह तक निर्बाध जलापूर्ति की जा सकेगी। ये पानी बरसात व सर्दियों में एकत्र किया जाएगा। कोसी से बनी रामनगर आदि क्षेत्रों की पेयजल योजनाओं पर भी असर नहीं पड़ेगा। गर्मियों में पहाड़ों से आने वाला पूरा पानी रामनगर के लिए छोड़ा जाएगा। केवल स्टोर पानी को ही नैनीताल भेजा जाएगा।
भीमताल के लिए भी खैरना बैराज से बनेगी योजना : नैनीताल के साथ ही भीमताल के लिए भी खैरना के प्रस्तावित बैराज से पेयजल आपूर्ति करने के लिए मंथन शुरू हो गया है। कमिश्नर की बैठक में भीमताल के लिए खैरना से पानी पहुंचाने की संभावनाएं तलाशकर प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए गए हैं।