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कादर खान ने महज तीन घंटे में लिख दिए थे इस फिल्म के डायलॉग्स, इसके बाद…

मुंबई। मशहूर फिल्म अभिनेता कादर खान अब हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनकी कई यादें साथ हैं और सिनेमा में उनके अविस्मरणीय योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। कादर खान ने कई बार बातचीत में अपनी जिंदगी से जुड़ी बाते साझा की थी। एक बातचीत में उन्होंने बताया कि किस प्रकार उन्होंने पहली बार फिल्म के डायलॉग लिखे थे और उसके लिए उन्हें खूब दाद भी मिली थी।

कादर खान ने एक बातचीत में बताया था कि, उनका एक ड्रामा बहुत प्रसिद्ध हुआ था ‘लोकल ट्रेन’ जिसके लिए बेस्ट राइटर, बेस्ट एक्टर और बेस्ट डायरेक्टर का अवॉर्ड मिला था। उन दिनों उनके पास लेट नरेंद्र बेदी पास आए और बैक स्टोज पर आकर कहा कि मैं एक फिल्म बना रहा हूं जवानी दीवानी जिसमें रणधीर कपूर और जया बच्चन हैं। पहले जया भादुड़ी हुआ करती थी। उन्होंने कहा कि, मैं चाहता हूं कि आप इसमें डायलॉग लिखें। कादर खान ने आगे बताया कि, इसके बाद उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता डायलॉग कैसे लिखे जाते हैं। इस पर नरेंद्र बेदी ने कहा था कि हमको पता है कि आपसे डायलॉग कैसे लिखवाए जाएंगे क्योंकि आप जब ड्रामा लिख सकते हैं तो फिल्म के डायलॉग भी लिख ही सकते हैं। इसके बाद कादर खान ने बताया था कि, उन्हें दूसरे दिन कार्यालय बुलाकर फिल्म की स्क्रिप्ट दे दी गई थी जिसको लेकर वे मुंबई के मरीन ड्राइव पर पहुंचे। यहां पर उन्होंने लिखना शुरू किया और पास में क्रॉस मैदान पर फूटबॉल मैच भी चल रहा था। बीच-बीच में फूटबॉल उनको आकर लग रही थी इस बीच तीन घंटे बाद वे बांद्रा पहुंचे और नरेंद्र बेदी को लिखे डायलॉग्स बताए। आगे कादर खान ने बताया था कि, तीन घंटे में डायलॉग लिखने पर नरेंद्र बेदी ने उन्हें खूब दाद दी थी। और जिस प्रकार उन्हें सीन से लग कर दाद दी थी वो उनकी जिंदगी की राह बन गया था।

कादर खान ने खुद यह बात कही थी कि, नरेंद्र बेदी ने जिस प्रकार उनकी सराहना की थी वह उनकी जिंदगी की राह बना गई। उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया था कि अगर नरेंद्र बेदी उस समय उन्हें ठुकरा देते तो वो इतने बड़े मुकाम पर नहीं पहुंच पाते। कादर खाने ने आगे कहा कि, कभी भी कोई कलाकार अच्छा काम करे तो उसको प्रोत्साहित जरूर करना चाहिए और उसकी सराहना करते हुए दाद देना चाहिए।

कादर खान ने अपनी बचपन की बातों को बताते हुए कहा था कि, उन्हें नकल करने की आदत थी। राह चलते वो लोगों को देखकर उनके जैसे बोलने और चलने के अंदाज की नकल करने लगते थे। क्योंकि हर व्यक्ति रिस्पॉन्स का भूखा होता है। और जब उसे लोगों को प्यार मिलता है तो वह और अच्छा परफॉर्म करता है। 

कादर खान हिंदी सिनेमा के ऐसे अभिनेता थे जिन्होंने सिर्फ़ एक्टिंग को कमाई का साधन नहीं बनाया बल्कि उसे बेहतर ढंग से निभाने के लिए कड़ा परिश्रम किया और दूसरों को भी सिखायाl कादर खान का 81 साल की उम्र में कनाडा के एक अस्पताल में निधन हो गया थाl इस खबर के बात बॉलीवुड के कई दिग्गज कलाकारों ने शोक व्यक्त किया था।

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