देहरादून: दून शहर की पॉश कॉलोनी रेसकोर्स में 92 अतिक्रमण पर प्रशासन की जेसीबी चली। यहां अतिक्रमणकारियों ने आलीशान कोठियों के मुख्य द्वार सड़क पर बनाकर तीन से पांच मीटर तक घेर रखा था। अतिक्रमण की कार्रवाई में कई बड़े कारोबारी और अधिकारी भी आए हैं। इधर, शहर के कांवली रोड समेत अन्य क्षेत्र में टास्क फोर्स ने 104 नए अतिक्रमण पर लाल निशान लगाए हैं।
हाई कोर्ट के आदेश पर नगर निगम क्षेत्र में अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत सड़क, फुटपाथ, नाली और सरकारी जमीनों पर किए गए अतिक्रमण पर कार्रवाई जारी है। टास्क फोर्स ने शहर की व्यवस्थित कॉलोनी रेसकोर्स में अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की।
यहां फोर लेन सड़क होने के बावजूद लोगों ने सड़क तक तीन से पांच मीटर तक अतिक्रमण किया था। खासकर आलीशान कोठियों के मुख्य गेट पर आने-जाने के रास्ते को पूरी तरह से आरसीसी बनाया गया था। टास्क फोर्स ने जेसीबी चलाते हुए अधिकांश अतिक्रमण ध्वस्त किया।
सिटी मजिस्ट्रेट मनुज गोयल ने बताया कि यहां सड़क तक फैले अतिक्रमण को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया गया है। कई लोगों ने स्वयं अतिक्रमण हटाने की मोहलत मांगी है। ऐसे लोगों को निश्चित समय के भीतर स्वयं अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए हैं।
इधर, टास्क फोर्स ने बंजारावाला में भी अभियान चलाया। मगर, यहां अधिकांश लोगों ने स्वयं अतिक्रमण हटाया। शहर में अब तक 7821 अतिक्रमण चिह्नित और 4526 ध्वस्त किए गए हैं।
टर्नर रोड पर तीन बड़े कॉम्पलेक्स सील
अतिक्रमण हटाओ अभियान की टास्क फोर्स में शामिल एमडीडीए की टीम ने टर्नर रोड पर तीन बड़े कॉम्पलेक्स सील किए हैं। इन लोगों को करीब एक माह पहले नोटिस दिया गया था। नक्शा न दिखाने और नोटिस का जवाब न देने पर एमडीडीए की टीम ने यहां पहुंचकर रईस आलम की छह दुकानों, ईशांत अहमद की चार दुकानों और सैमसंग मोबाइल के शोरूम को सील किया है।
एमडीडीए का आरोप है कि इन लोगों ने आवासीय नक्शे पर व्यावसायिक प्रतिष्ठान खोले थे। अभी कई और लोगों के खिलाफ सीलिंग की कार्रवाई होनी है।
गढ़ी-डाकरा में चिन्हित किया अतिक्रमण
छावनी परिषद देहरादून ने अतिक्रमण के खिलाफ अभियान शुरू कर दिया है। इसके तहत डाकरा, गढ़ी व बीरपुर रोड अतिक्रमण चिन्हित किया। यहां नाली पर बने स्लैब, अनाधिकृत निर्माण आदि पर लाल निशान लगाए गए। अब प्रेमनगर में अतिक्रमण चिन्हित किया जाएगा। एक बार चिन्हिकरण का काम पूरा हो जाने के बाद फिर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
दरअसल कुछ दिन पहले ही कैंट बोर्ड ने अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाया था। लेकिन तब व्यापारियों ने इसका विरोध किया। कैंट बोर्ड के पूर्व उपाध्यक्ष विष्णु प्रसाद के नेतृत्व में सीईओ जाकिर हुसैन से मुलाकात कर उन्होंने स्वयं कब्जे हटाने की बात की थी। उनसे एक सप्ताह का वक्त मांगा था। पर हालात अब भी बहुत ज्यादा नहीं बदले हैं।
ऐसे में अब कैंट बोर्ड ने अवैध निर्माण तोडऩे का निर्णय लिया है। इसके लिए टीम का गठन कर दिया गया है। पुलिस फोर्स उपलब्ध कराने के लिए कैंट बोर्ड ने पत्र भेज दिया है। सीईओ जाकिर हुसैन ने बताया कि गढ़ी-डाकरा व प्रेमनगर में अतिक्रमण चिन्हित किया जा रहा है। इसके बाद अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जाएगी।
कांवली रोड पर दुकानें बंद कर व्यापारियों ने किया विरोध
कांवली रोड पर अतिक्रमण चिह्नित करने गई टीम को व्यापारियों ने घेर दिया। व्यापारियों ने विरोध में दुकानें बंद कर प्रदर्शन किया। इस दौरान टीम के साथ कहासुनी भी हुई। बाद में टीम ने 1896 के नक्शे के आधार पर अतिक्रमण चिह्नित कर लाल निशान लगाए। व्यापारियों ने जबरन उत्पीडऩ की कार्रवाई पर चक्काजाम की चेतावनी दी।
हाई कोर्ट के आदेश पर शहर में अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत टास्क फोर्स की टीम कांवली रोड पहुंची। यहां सहारनपुर रोड से बल्लीवाला चौक की तरफ लाल निशान लगाना शुरू किया गया। इस दौरान दाएं में 15 फीट और बाएं में चार फीट अतिक्रमण चिह्नित हुआ। 1938 के नक्शे से यह चिह्नीकरण चल रहा था।
इसकी भनक जब व्यापारियों को लगी तो सभी ने दुकानें बंद कर टीम को घेर लिया। सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए व्यापारियों ने कार्रवाई का विरोध किया। इस दौरान व्यापारियों ने नक्शे को गलत बताते हुए मिस्री लाल, बनवारी लाल के यहां से 1896 का नक्शा लाया। जिसमें कांवली रोड पर पुराने भवन मौजूद हैं।
इसके बाद टीम ने बीच का रास्ता निकालते हुए इसी नक्शे से आगे की कार्रवाई की बात कही। व्यापारी नेता गौरव, कनक सहानी, डॉ. बलराज, फकीरचंद, आकाश अग्रवाल, विशाल वेदी, मनोज वोहरा, अमित बजाज ने कहा कि दोबारा अतिक्रमण के नाम पर व्यापारियों का उत्पीड़न हुआ तो सड़क चक्काजाम कर उग्र आंदोलन शुरू कर देंगे।
कांवली रोड पर लगा लंबा जाम
कांवली रोड पर सीमांकन के दौरान व्यापारियों के विरोध के चलते लंबा जाम लग गया। इससे पुलिस को बमुश्किल जाम खुलवाना पड़ा। इस दौरान कई वाहनों को सहारनपुर और झंडा बाजार से डायवर्ट किया गया। इससे लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ी। इस दौरान चिह्नीकरण कर रही टीम के साथ पुलिस फोर्स की भी कमी देखी गई।