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G-23 के नेताओं केकार्यक्रम में कहीं भी सोनिया गांधी, राहुल गांधी या प्रियंका गांधी वाड्रा की कोई तस्वीर नहीं दिखी

1……चुनाव के वक्त पार्टी को मजबूत करना चाहिए था…

2…..बगावत करने वाले G-23 ग्रुप पर अभिषेक मनु सिंघवी ने उठाए सवाल

3…..भगवा साफा पहन जम्मू में जुटा G-23, सिब्बल बोले, ‘कमजोर हो रही है कांग्रेस’, गुलाम नबी को दोबारा राज्यसभा न भेजने पर उठाए सवाल…

जम्मू – G-23 के नेताओं के इस कार्यक्रम में कहीं भी सोनिया गांधी, राहुल गांधी या प्रियंका गांधी वाड्रा की कोई तस्वीर नहीं दिखी। नेताओं के तेवर का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि आनंद शर्मा ने कहा कि हम कांग्रेसी हैं कि नहीं, यह तय करने का हक किसी को नहीं है। सवाल यह भी उठ रहा है कि अनुभवी नेताओं ने अनुभव की बात छेड़ कहीं ‘परिवारवाद’ के खिलाफ तेवर तो नहीं जाहिर कर रहे? पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने अपने संबोधन में कहा, ‘हममें से कोई ऊपर से नहीं आया। खिड़की रोशनदान से नहीं आया। दरवाजे से आए हैं। चलकर आए हैं। छात्र आंदोलन से आए हैं। युवक आंदोलन से आए हैं। यह अधिकार मैंने किसी को नहीं दिया कि मेरे जीवन में कोई बताए कि हम कांग्रेसी हैं कि नहीं हैं। यह हक किसी का नहीं है। हम बता सकते हैं कांग्रेस क्या है। हम बनाएंगे कांग्रेस को।’ आनंद शर्मा ने आगे कहा, ‘पिछले 10 सालों में कांग्रेस कमजोर हुई है। दो भाई अलग-अलग मत रखते हों, तो इसका मतलब यह नहीं है कि घर टूट जाएगा। या भाई, भाई का दुश्मन हो जाता है, ऐसा तो नहीं हो जाता है। अगर कोई अपना मत न व्यक्त करे कि उसका कोई क्या मतलब न निकाल ले, फिर वह घर मजबूत नहीं रहता है।’ चुनाव के वक्त पार्टी को मजबूत करना चाहिए था…बगावत करने वाले G-23 ग्रुप पर अभिषेक मनु सिंघवी ने उठाए सवाल:- नई दिल्ली जम्मू में बगावत का झंडा बुलंद करने वाले G-23 ग्रुप के कांग्रेस नेताओं को अभिषेक मनु सिंघवी ने कांग्रेस परिवार का अभिन्न अंग बताया है। हालांकि उन्होंने चुनाव के वक्त नेताओं के इस तरह बगावती तेवर अपनाने को लेकर सवाल भी खड़े किए।एबीपी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार मनु सिंघवी ने कहा, ‘गुलाम नबी आजाद के संसद में 7 टर्म गुजारने पर हमें गर्व है। सोनिया गांधी ने कभी उन्हें मुख्यमंत्री बनाया, कभी वो मंत्री रहे, कभी उन्हें महासचिव बनाया गया। जिन्होंने आजाद का इस्तेमाल होने की बात कही है, उन्हें शायद इतिहास पता नहीं है।’सिघंवी ने बगावत की टाइमिंग को लेकर भी सवाल खड़े करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी को लगता है कि ऐसे वक्त में जब 5 राज्यों में चुनाव हैं, इन नेताओं को पार्टी को मजबूत करना चाहिए था। उन्होंने आगे कहा कि सभी नेता सम्मानित हैं और वो उनका आदर करते हैं। G-23 से लेकर हार्दिक पटेल तक असंतोष पर वरिष्ठ नेता ने कहा कि पार्टी पिछले कुछ सालों से सत्ता से बाहर रही है, इसे कांग्रेस की कमजोरी कह सकते हैं। लेकिन जैसा कहा जा रहा है, वैसा कुछ नहीं है।शनिवार को जम्मू में कांग्रेस पार्टी के असंतुष्ट नेता एक कार्यक्रम में इकट्ठा हुए थे। इस दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने कांग्रेस के कामकाज पर सवाल उठाते हुए कहा कि कांग्रेस उन्हें कमजोर होती दिख रही है। उन्होंने गुलाम नबी आजाद को दोबारा राज्यसभा के लिए नामित न किए जाने पर भी सवाल उठाए। इस कार्यक्रम में सोनिया-राहुल के पोस्टर नहीं थे। कार्यक्रम के मंच पर गांधी ग्लोबल लिखा था। पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के नेतृत्व में कपिल सिब्बल, राज बब्बर समेत कांग्रेस के कई नेता जम्मू के शांति सम्मेलन में पहुंचे थे, जिसे गांधी ग्लोबल फैमिली नामक एक एनजीओ ने आयोजित किया है। इस दौरान कांग्रेस के सभी नेता भगवा साफे में नजर आए।

इंसान का सबसे बड़ा धर्म इंसानियत : गुलाम नबी आजाद ने कहा कि इंसान का सबसे बड़ा धर्म इंसानियत का है। चाहे वह किसी भी मजहब, जाति से ताल्लुक रखता हो, इंसानियत सबसे आगे हैं। इसी इंसानियत को बनाए रखने के लिए ही हमारे विभिन्न गुरुओं ने काम किया है। एकता व मानवता का संदेश दिया। वह गुरु रविदास जी के प्रकाश दिवस पर कृष्णा नगर स्थित गुरु रविदास सभा द्वारा आयोजित कार्यक्रम में लोगों को संबोधित कर रहे थे।उन्होंने कहा कि भले ही हमारे मजहब अलग-अलग हों, हमारे पूजा करने के तरीके अलग-अलग हों। मगर मगर हम सब भगवान, रब, अल्लाह के ही बंदे हैं। हमारे गुरुओं ने भी यही पाठ लोगों को पढ़ाया है। उन्होंने गुरु रविदास जी की जयंती पर लोगों को बधाई दी। वहीं लोगों को इंसानियत के लिए काम करने पर जोर दिया। आजाद ने कहा कि जब आदमी अस्पताल में होता है और रक्त की जरूरत पड़ती है ताे वह नहीं पूछता कि किस जाति के व्यक्ति का रक्त है। यह रक्त जब कोई भेदभाव नहीं करता तो इंसान फिर भेदभाव को बढ़ावा क्यों दे।

भगवा साफा पहन जम्मू में जुटा G-23, सिब्बल बोले, ‘कमजोर हो रही है कांग्रेस’, गुलाम नबी को दोबारा राज्यसभा न भेजने पर उठाए सवाल :- एक ओर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी चुनावी राज्य तमिलनाडु का दौरा कर रहे हैं, वहीं जम्मू में पार्टी के असंतुष्ट नेता एक कार्यक्रम में इकट्ठा हुए। इस दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने कांग्रेस के कामकाज पर सवाल उठाते हुए कहा कि कांग्रेस उन्हें कमजोर होती दिख रही है। उन्होंने गुलाम नबी आजाद को दोबारा राज्यसभा के लिए नामित न किए जाने पर भी सवाल उठाए। इस कार्यक्रम में सोनिया-राहुल के पोस्टर नहीं थे। कार्यक्रम के मंच पर गांधी ग्लोबल लिखा था।पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के नेतृत्व में कांग्रेस के कई नेता जम्मू के शांति सम्मेलन में पहुंचे जिसे गांधी ग्लोबल फैमिली नामक एक एनजीओ ने आयोजित किया है। इस दौरान कांग्रेस के सभी नेता भगवा साफे में नजर आए।

सच बोलने का मौका है, सच बोलेंगे- सिब्बल

कपिल सिब्बल ने कहा, ‘सच बोलने का मौका है और आज सच ही बोलेंगे। हम क्यों यहां इकट्ठा हुए हैं। सच्चाई तो यह है कि कांग्रेस पार्टी हमें कमजोर होती दिख रही है। इसलिए हम यहां इकट्ठा हुए हैं। पहले भी इकट्ठा हुए थे। हमें इकट्ठा होकर इसे मजबूत करना है। हम नहीं चाहते थे कि गुलाम नबी आजाद साहब को संसद से आजादी मिले।’

कांग्रेस अनुभव का इस्तेमाल क्यों नहीं कर पा रही’

सिब्बल ने आगे कहा, ‘पूछिए क्यों? क्योंकि मैं समझता हूं कि जबसे वह राजनीति में आए कोई ऐसा मंत्रालय नहीं रहा, जिसमें वह मंत्री नहीं रहे। कोई ऐसा नेता नहीं है, जिसको वह जानते नहीं हैं। टेलिफोन पर जब किसी भी नेता को फोन करते थे, तो उनके यहां आकर बैठक करते थे। मुझे समझ नहीं आ रहा है कि इस अनुभव को कांग्रेस पार्टी इस्तेमाल क्यों नहीं कर पा रही है।’

हमें कोई न बताए कि हम कांग्रेसी हैं या नहीं- आनंद शर्मा

पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने अपने संबोधन में कहा, ‘हममें से कोई ऊपर से नहीं आया। खिड़की रोशनदान से नहीं आया। दरवाजे से आए हैं। चलकर आए हैं। छात्र आंदोलन से आए हैं। युवक आंदोलन से आए हैं। यह अधिकार मैंने किसी को नहीं दिया कि मेरे जीवन में कोई बताए कि हम कांग्रेसी हैं कि नहीं हैं। यह हक किसी का नहीं है। हम बता सकते हैं कांग्रेस क्या है। हम बनाएंगे कांग्रेस को।’आनंद शर्मा ने आगे कहा, ‘पिछले 10 सालों में कांग्रेस कमजोर हुई है। दो भाई अलग-अलग मत रखते हों, तो इसका मतलब यह नहीं है कि घर टूट जाएगा। या भाई, भाई का दुश्मन हो जाता है, ऐसा तो नहीं हो जाता है। अगर कोई अपना मत न व्यक्त करे कि उसका कोई क्या मतलब न निकाल ले, फिर वह घर मजबूत नहीं रहता है।’इससे पहले गुलाम नबी आजाद ने कहा, ‘पिछले 5-6 साल से इन सभी दोस्तों ने जम्मू-कश्मीर को लेकर, यहां की बेरोजगारी, राज्य का दर्जा छीनने, इंडस्ट्री को खत्म करने, शिक्षा और जीएसटी लागू करने के मुद्दे लेकर संसद में मुझसे कम नहीं बोला है। चाहे जम्मू हो या कश्मीर या लद्दाख, हम सभी धर्म, लोगों और जाति का सम्मान करते हैं। हर एक समान रूप से सभी का आदर करते हैं। यह हमारी ताकत है और इसे हम आगे भी जारी रखेंगे।’

जी-23 चाहता है कि कांग्रेस मजबूत बने

इस मौके पर यूपी कांग्रेस के पूर्व चीफ और जी-23 के नेता राजबब्बर भी मौजूद थे। राज बब्बर ने मंच से कहा, ‘लोग कहते हैं, जी 23, मैं कहता हूं गांधी 23। महात्मा गांधी के विश्वास, संकल्प और सोच के साथ, इस देश के कानून और संविधान का गठन किया गया था। कांग्रेस इसे आगे ले जाने के लिए मजबूती से खड़ी है। जी 23 चाहता है कि कांग्रेस मजबूत बने।’

गुलाम नबी के नेतृत्व में जम्मू पहुंचे ये नेता

इस समारोह में गुलाम नबी आजाद और राज बब्बर के अलावा, पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल, मनीष तिवारी, विवेक तन्खा और भूपिंदर सिंह हुड्डा मौजूद हैं। गुलाम नबी गांधी ग्लोबल फैमिली एनजीओ के प्रमुख हैं। माना जा रहा था कि ये नेता कांग्रेस के कामकाज पर सवाल उठा सकते हैं।

राहुल के बयान से नाखुश है जी-23!

यह भी कहा जा रहा है कांग्रेस में अंसतुष्ट नेताओं का समूह राहुल गांधी के हालिया ‘उत्तर-दक्षिण की राजनीति’ वाली टिप्पणी से नाखुश है। कांग्रेस के ये नेता गुलाम नबी आजाद को राज्यसभा के लिए फिर से नामित न किए जाने से भी नाराज हैं। पिछले दिनों गुलाम नबी आजाद का कार्यकाल समाप्त हो गया था जिसके बाद उन्हें विदाई दी गई। आजाद की विदाई समारोह में पीएम मोदी ने सदन में उनकी काफी तारीफ की थी। इसके कई मायने निकाले गए थे।

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