बागेश्वर: द्यांगण गांव में एक बार फिर गुलदार के कारण एक किशोर को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। गुलदार देख घबरा कर अपने घर की ओर भागते हुए वह नाले में गिर गया और उसकी मौत हो गई।
बागेश्वर जिला मुख्यालय से लगे द्यांगण गांव में इन दिनों गुलदार का आतंक छाया है। गत शाम करीब पांच बजे गांव वालों को फिर से गुलदार दिखाई दिया। गुलदार दिखते ही लोगों ने भागो गुलदार, भागो गुलदार चिल्लाना शुरू कर दिया। सभी लोग अपने घर की तरफ भागने लगे।
गुलदार के डर से हेमंत टंगड़िया (15 वर्ष) पुत्र कमल सिंह निवासी द्यांगण भी भागने लगा। तभी वह गांव के पास स्थित नाले में गिर गया। इससे उसके सिर आदि में अंदरुनी चोटें लगी और वह बेहोश हो गया। घटना के बाद ग्रामीण व परिजन उसे जिला अस्पताल ले गए। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
गुलदार को मारने की मांग
घटना के बाद से क्षेत्र में कोहराम मचा है। ग्रामीण गुलदार को तुरंत मारने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि गुलदार के कारण उनके बच्चे व ग्रामीण अब सुरक्षित नहीं रह गए हैं। अगर जल्द वन विभाग कुछ नहीं करता है तो गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
नौनिहाल में रहकर कर रहा था पढ़ाई
हेमंत टंगड़ियां मूल रुप से बोर गांव का रहने वाला है। वह उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बहुली में कक्षा दसवीं का छात्र था। वह बचपन से द्यांगण गांव में अपने मामा लाल सिंह के यहां रह रहा था। उसके मामा द्यांगण गांव में ही पलंबर का काम करते हैं। घटना के बाद से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
दहशत में कट रहे ग्रामीणों के दिन
द्यांगण गांव के ग्रामीणों के दिन-रात दहशत में कट रहे हैं। गांव के एक मासूम को गुलदार ने निवाला बना लिया था। ठीक चार दिन बाद गुलदार के भय से किशोर की मौत हो गई। घटना के बाद ग्रामीणों में भारी रोष है। उन्होंने गुलदार को मार गिराने की मांग की है। ऐसा नहीं होने पर सड़क पर उतरने का एलान कर दिया है।
ठीक चार दिन पहले गांव के करन सिंह को भी शाम के समय गुलदार ने मार दिया था। ग्रामीण डरे और सहमे हुए हैं। गांव के किसन कठायत, दर्शन कठायत, कैलाश कठायत, आदर्श कठायत आदि ने कहा कि वन विभाग ने सिर्फ दो पिंजरे लगाए हैं। गुलदार अभी तक पिंजरे में कैद नहीं हो सका है। चार दिन बीत जाने के बावजूद भी गुलदार को आमदखोर घोषित नहीं किया गया है।
गुलदार के आतंक के चलते गांव के लोग घरों में कैद होकर रह गए हैं। महिलाएं जंगल जाने से कतरा रहीं हैं। बच्चे और बुजुर्ग दहशत में हैं। उन्होंने कहा कि यदि गुलदार को जल्द नहीं मारा गया तो वे सड़कों पर उतरकर आंदोलन शुरू करेंगे।
आदमखोर घोषित करने को शासन को लिखा पत्र
डीएफओ आरके सिंह के अनुसार घटना की जांच की जा रही है। वन विभाग की टीम गांव में मुस्तैद है। गुलदार को आदमखोर घोषित करने के लिए शासन को पत्र लिखा गया है। दो पिंजरे भी लगाए गए हैं।
वन विभाग की टीम ने रात भर की पेट्रोलिंग
गुलदार की तलाश में वन विभाग की टीम ने रात भर जंगलों की खाक छानी। फिलहाल गुलदार वन विभाग की पकड़ से बाहर है। गुलदार के नहीं पकड़े जाने से ग्रामीणों में गुस्सा हैं।
घटना के बाद से गुलदार की ना तो ग्रामीणों को ही दिखाई दिया और ना ही वन विभाग को। वन विभाग ग्रामीणों से सतर्क रहने की अपील कर रहा हैं। उनका कहना है कि शाम के समय बच्चों को अकेला ना छोड़ें। नदी गांव, द्यांगण, मजियाखेत, सैंज, बिलौना, कठायतबाड़ा क्षेत्र में गुलदार सक्रिय हैं। अगर थोड़ी सावधानी बरतेंगे तो अप्रिय घटना नही होगी।
ग्रामीणों ने सड़क पर लगाया जाम
गुलदार के आतंक से निजात दिलाने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने बागेश्वर-गरुड़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर चक्का जाम कर उग्र प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने कहा कि गुलदार लगातार बच्चों पर हमला कर उन्हें मौत के घाट उतार रहा है। पिछले 4 दिनों में दो बच्चों पर गुलदार हमला कर चुका है। उसके बाद भी वन विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। उन्होंने गुलदार को आदमखोर घोषित कर मारने की मांग की।