देहरादून: डेंगू के बढ़ते मामलों के बीच स्वास्थ्य विभाग ने अब जीका वायरस को लेकर भी अलर्ट जारी कर दिया है। हालांकि अब तक उत्तराखंड में इसका कोई मामला सामने नहीं आया है। फिर भी एहतियात के तौर पर स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. टीसी पंत ने सभी जनपदों को सतर्क रहने व एहतियात बरतने के निर्देश दिए हैं।
महानिदेशालय ने इस संदर्भ में हेल्थ एडवाइजरी जारी की है। इसमें कहा गया है कि जीका वायरस से संबंधित मामलों की जांच-पड़ताल के लिए सर्विलांस टीम को एक्टिव मोड पर रखा जाए। जिला स्तर पर रिस्पांस टीम बनाने और जीका का कोई भी मामला सामने आने पर संबंधित मरीज को त्वरित उपचार की सुविधा सुनिश्चित की जाए।
राष्ट्रीय कार्यक्रम आइडीएसपी के सहायक निदेशक डॉ. पंकज कुमार सिंह कहा कि सभी जनपदों को निर्देशित किया गया है कि राजस्थान खासकर जयपुर से आने वाले मरीजों पर नजर रखी जाए और जीका वायरस से पीडि़त मरीज के बारे में तत्काल जानकारी दी जाए।
उन्होंने बताया कि जीका वायरस डेंगू, मलेरिया की तरह एनाफिलीज मच्छर से पैदा होता है। ऐसे में डेंगू व मलेरिया के नियंत्रण को लेकर जो कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, उसमें और तेजी लाई जाएगी। ताकि जीका वायरस को पनपने ही न दिया जाए।
उन्होंने बताया कि इसके लक्षण भी आमतौर पर डेंगू की बीमारी की तरह यानी तेज बुखार आना, जोड़ों में दर्द, सिरदर्द आदि होते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक गर्भवती महिलाओं पर इस वायरस का खतरा ज्यादा देखा गया है। वैज्ञानिक शोधों में यह बात सामने आई है कि जीका वायरस की वजह से गर्भवती के पेट में पल रहे बच्चों पर खासा असर पड़ा और बच्चे शारीरिक विकृतियों के साथ पैदा हुए।
जीका से बीमारी के लक्षण
-शरीर, खासकर घुटनों व कोहनी में गंभीर दर्द।
-आंखों के पीछे वाले हिस्सों में दर्द।
– मरीज को थकावट।
– कभी भयंकर ठंडी तो कभी पसीना होने लगता है।
-आंखें लाल, उल्टी और गंभीर सिरदर्द की शिकायत।
नौ और मरीजों में डेंगू की पुष्टि
डेंगू का डंक कमजोर नहीं हो रहा है। ताजा रिपोर्ट में प्रदेश में डेंगू के नौ नए मामले सामने आए। इनमें देहरादून में चार, हरिद्वार में तीन और टिहरी में दो मरीज शामिल हैं। इस तरह प्रदेश में अब तक डेंगू पीड़ितों की संख्या 472 तक पहुंच गई है।
देहरादून, हरिद्वार व टिहरी में डेंगू का प्रकोप ज्यादा बना हुआ है। हरिद्वार में अब तक सर्वाधिक 161 मरीजों में, देहरादून में 136 मरीजों में और टिहरी में 100 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है। वहीं नैनीताल में भी 48 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जिन क्षेत्रों से डेंगू के मरीज सामने आ रहे हैं, वहां लार्वानाशक दवा का छिड़काव किया जा रहा है। इसके अलावा नियमित फॉगिंग भी कराई जा रही है।