उत्तरकाशी: उत्तरकाशी से 55 किलोमीटर दूर डबराणी के निकट गंगोत्री हाईवे पर जबरदस्त भूस्खलन होने से मार्ग बंद हो गया। इस कारण धराली से लौट रहे जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान समेत करीब 700 कांवड़ यात्री फंस गए। सीमा सड़क संगठन के जवान मलबा हटाने में जुटे हैं।
इससे पहले बुधवार रात उत्तरकाशी से 80 किलोमीटर दूर धराली कस्बे में खीर गंगा ने कहर बरपाया। धराली में 20 से ज्यादा होटल, दुकानों और घरों में मलबा घुसा गया। सड़क किनारे खड़े वाहन भी मलबे में दब गए। संचार सुविधा न होने के कारण प्रशासन को घटना का पता सुबह चला।
सुबह आठ बजे टीम मौके पर पहुंची और फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकाल उत्तरकाशी पहुंचाया। जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने बताया कि एसडीएम देवेंद्र सिंह नेगी को धराली में ही कैंप करने को कहा गया है।
बीआरओ, एसडीआरएफ की टीम ने मार्ग खोलने के लिए काफी प्रयास किए। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेन्द्र पटवाल ने बताया कि पहाड़ी से लगातार मलबा आ रहा है। इस कारण हाईवे को सुचारु करने के कार्य में कठिनाई हो रही है।
जिलाधिकारी व अन्य अधिकारी भूस्खलन जोन डबराणी से वापस 15 किलोमीटर दूर सुक्की गांव चले गए हैं। जबकि कुछ कांवडियें सुक्की लौट गए हैं तथा कुछ अपने वाहनों में ही रुके हैं।
सुहग तक दुपहिया वाहनों के लिए बीआरओ ने रास्ता तैयार किया। इसके बाद करीब बाइक सवार चार सौ कांवडियें निकल सके हैं। वहीं, मौके पर अभी भी 60 से अधिक बड़े वाहन और 300 से अधिक कांवडियें व यात्री फंसे हुए हैं।
मलबा आने से सड़क बंद, चीन सीमा तक आवाजही ठप
जोशीमठ मलारी मार्ग पर मलबा आने से यातायात ठप हो गया। इससे सेना के वाहन भी चीन सीमा तक आवाजाही नहीं कर पा रहे हैं। सीमा सड़क संगठन के कमांडर एसएस मक्कड़ के अनुसार मार्ग को देर रात तक सुचारु कर दिया जाएगा।
प्रदेश के पर्वतीय इलाकों में ग्रामीण क्षेत्र अब भी जिला मुख्यालयों से कटे हुए हैं। प्रदेश में मलबा आने से 113 सड़कों पर आवाजाही नहीं हो पा रही है।
शनिवार से भारी बारिश का अलर्ट
मौसम विभाग ने शनिवार से बारिश का अलर्ट जारी किया है। इस दौरान देहरादून, टिहरी, नैनीताल, ऊधमसिंह नगर, चम्पावत और नैनीताल में भारी बारिश के आसार हैं। विभाग ने सलाह दी है कि यह स्थिति सोमवार तक बनी रह सकती है।