देहरादून। प्रदेश कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग व महानगर महिला कांग्रेस ने संयुक्त रूप से पटेलनगर कोतवाली में भाजपा महानगर अध्यक्ष के खिलाफ शिकायती पत्र दिया।
कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग के पूर्व संयोजक मोहन काला व महानगर महिला कांग्रेस अध्यक्ष कमलेश रमन ने शिकायती पत्र में कहा कि सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था। इसमें भाजपा महानगर अध्यक्ष द्वारा दलित समुदाय पर की गई अभद्र टिप्पणी व समाज विशेष को बदनाम करने की नियत से बयान दिया गया है। इससे अनुसूचित जाति समुदाय की भावनाएं आहत हुई हैं।
आरोप लगाया कि महानगर अध्यक्ष की ओर से दलित समाज के खिलाफ टिप्पणी व समुदाय विशेष को बदनाम करने की नियत से अनर्गल बयानबाजी की गई। इस तरह का बयान समाज में द्वेष भावना फैलाने वाला एवं दलित समाज को बदनाम करने की नियत से दिया गया है। इस दौरान देवेंद्र सिंह, श्रवण कुमार राजोरिया, मुकेश सोनकर, अमरजीत सिंह, संजय, आदर्श सूद, पार्षद देविका रानी, रीता रानी आदि उपस्थित थे।
मीटू पीड़िता के विवेचक ने दर्ज किए बयान
भाजपा के पूर्व प्रदेश महामंत्री संगठन पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली युवती एसएसपी आफिस पहुंची। यहां उसने मामले की विवेचना कर रही एसआइ ज्योति चौहान से मुलाकात की, जिसके बाद उसे कोतवाली ले जाकर धारा 161 के तहत बयान दर्ज किए गए।
सूत्रों की मानें तो पीड़िता ने तहरीर में लिखी गई बातों को सिलेसिलेवार बताते हुए आरोपों को दोहराया है। अब उसके मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दर्ज कराए जाएंगे।
बता दें, भाजपा के पूर्व महामंत्री संगठन संजय कुमार पर फोन पर अश्लील बात करने और शारीरिक-मानसिक उत्पीड़न करने का आरोप लगाने वाली युवती ने शनिवार को जांच अधिकारी सरिता डोबाल के समक्ष बयान दर्ज कराए थे। उसने लिखित में पुलिस को दिया था कि वह भाजपा नेता पर मुकदमा दर्ज कराना चाहती है।
इसके बाद एसपी सरिता डोबाल ने जांच रिपोर्ट एसएसपी निवेदिता कुकरेती को सौंप दी। एसएसपी ने मामले में उसी दिन मुकदमे का आदेश कर दिया। इसके बाद कोतवाली पुलिस ने शनिवार की ही रात संजय कुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया था।
इस मामले की विवेचना कर रही महिला हेल्पलाइन प्रभारी ज्योति चौहान ने पीडि़ता को मंगलवार को बयान के लिए बुलाया था। सूत्रों की मानें तो पीड़िता ने विवेचक को उत्पीड़न की शुरूआत से लेकर अब तक की व्यथा से अवगत कराया। उसने विवेचक को कुछ साक्ष्य भी दिए हैं। हालांकि पुलिस ने गोपनीयता का हवाला देते हुए इससे अधिक कुछ बताने से इन्कार कर दिया।