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दून में बादल फटा, नदियां उफनाई; सात की मौत

देहरादून: उत्तराखंड में बुधवार को मानसून जानलेवा साबित हुआ। अस्थायी राजधानी देहरादून के सीमाद्वार क्षेत्र में बादल फटने से जानमाल का व्यापक नुकसान हुआ। यहां एक ही परिवार के चार लोग मकान के मलबे में जिंदा दफन हो गए, जबकि इसी परिवार के दो अन्य करीबी घायल हो गए। कई कालोनियों में लोगों के घरों में पानी घुस गया।

दून में मंगलवार रात से बुधवार सुबह तक हुई मूसलाधार बारिश ने तीन और जिंदगियां लील लीं। इनकी नदी-नालों के उफान में बहने से मौत हुई। पांच मवेशी भी मारे गए। शहरों जगह-जगह जलभराव की स्थिति बनी रही। दीवारें टूटने से कई इलाकों में वाहनों के क्षतिग्रस्त होने की सूचना है। कुमाऊं मंडल में बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिले को जोडऩे वाला पुल उफनाती रामगंगा नदी में बह गया।

यमुनोत्री हाईवे पूरे दिन बाधित रहा, जबकि बदरीनाथ सुबह करीब तीन घंटें बंद रहा। हालांकि, पैदल यात्रा जारी रही। भूस्खलन की वजह से देहरादून-मसूरी के बीच भी दोपहर तक वाहनों की आवाजाही ठप रही। प्रदेशभर में कुल मिलाकर 115 संपर्क मार्ग अवरुद्ध हैं। नदियों के उफान को देखते हुए अधिकांश जिलों में इनके किनारे की बस्तियों को खाली करा दिया गया है।

प्रदेश के अधिकांश जिलों में रात दो बजे से सुबह आठ बजे तक बारिश का क्रम चला। हालांकि सबसे ज्यादा प्रभावित देहरादून, पिथौरागढ़ और बागेश्वर रहे। यहां बारिश ने तबाही मचाई। देहरादून में सीमाद्वार से एफआरआइ क्षेत्र के बीच सुबह करीब सवा पांच बजे बादल फटा। इससे सीमाद्वार क्षेत्र में सटे शास्त्रीनगर खाले के बरसाती नाले में आए उफान में दो कच्चे मकान जमींदोज हो गए। इनमें से एक मकान में दंपती और उसके दो बच्चे सो रहे थे, चारों की मलबे में दबकर मौत हो गई। उनकी पहचान संतोष साहनी, उसकी पत्नी सुलेखा साहनी, बेटे धीरज और नीरज के रूप में हुई। वे मूल रूप से बिहार के दरभंगा जिले के तारसराय मठिया गांव के रहने वाले थे। संतोष का परिवार मजदूरी करता था। उन्हीं के पड़ोस में उसके ससुर जगदीश साहनी और साढू भाई प्रमोद साहनी भी कच्चा मकान बनाकर रह रहे थे, वह भी मलबे की चपेट में आ गया, हादसे में दोनों चोटिल हो गए।

डालनवाला इलाके में बलवीर रोड निवासी रिक्शा चालक 40 वर्षीय राजेश की रिस्पना नदी में बहने से मौत हो गई। बताया गया कि वह पुश्ते पर खड़ा होकर नदी का उफान देख रहा था, तभी पुश्ता ढह गया। कुछ दूरी पर उसका शव बरामद किया गया। इसी इलाके में टेलर नफीस भी नदी के बहाव में बह गया। उसका शव दूधली में बरामद हुआ। बताया गया कि नदी में पानी का बहाव देख 50 वर्षीय नफीस ने पहले अपने परिवार के लोगों को सुरक्षित स्थान पर भेजा, लेकिन वह खुद पानी से घिर गया था।

इसी तरह सहसपुर के छरबा इलाके में आम के बाग की रखवाली के लिए जा रहे बुजुर्ग अब्दुल अजीज की नदी में बहने से मौत हा गई। शीतला नदी पार करते वक्त अजीज तेज बहाव में लापता हो गया था। रेस्क्यू के दौरान उसका शव बरामद हुआ।

उधर, कुमाऊं मंडल में पिथौरागढ़, बागेश्वर और चंपावत जिले में बारिश ने लोगों की दुश्वारियां बढ़ा दीं। बागेश्वर जिले के कपकोट में रामगंगा नदी पर बागेश्वर-पिथौरागढ़ को जोडऩे वाला झूला पुल टूटने से एक रिसॉर्ट सहित तीन मकान खतरे की जद में आ गए हैं। पिथौरागढ़ के खोलागांव में दो मकान क्षतिग्रस्त हो गए, जबकि थल तहसील के नापड़ गांव में भूस्खलन से दो मकान खतरे की जद में आ गए हैं। तीनों जिलों में थल-मुनस्यारी मुख्य मार्ग सहित 55 संपर्क मार्ग बंद हैं।

भारी बारिश की चेतावनी

राज्य मौसम केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह अनुसार अगले चौबीस घंटों के दौरान देहरादून समेत सभी जिलों में भारी बारिश की संभावना है।

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