देहरादून: एनएच-74 मुआवजा घपले में कुछ और अधिकारियों पर भी शिकंजा कसने की चर्चा है। इनमें कुछ आइएएस बताए जा रहे हैं। एसआइटी जांच रिपोर्ट में घेरे में आए दो आइएएस अधिकारियों के जवाब मिलने के बाद अब शासन ने इसका परीक्षण शुरू कर दिया है।
उधर, इस मामले में चल रही जांच को किसी भी सूरत में प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने कहा कि जांच निष्पक्ष तरीके से की जा रही है। जांच में किसी भी तरह से दबाव बनाने की कोशिशों से उन्होंने इन्कार किया।
ऊधमसिंह नगर जिले में एनएच-74 मुआवजा घोटाले में एसआइटी जांच में तत्कालीन जिलाधिकारी और आर्बिट्रेटर की भूमिका में रहे दो आइएएस अधिकारियों की भूमिका संदेह के दायरे में आ चुकी है। उक्त दोनों अधिकारियों को सरकार की ओर से नोटिस दिए जा चुके हैं।
इन नोटिस का दोनों अधिकारियों की ओर से जवाब दिया जा चुका है। वहीं आइएएस अधिकारियों में बेचैनी बढ़ती दिख रही है। यह मामला आइएएस एसोसिएशन में भी पहुंच चुका है।
यह दीगर बात है कि नौकरशाहों के एक तबके ने इस मामले में सरकार पर दबाव बनाने की कोशिशें तेज कर दी हैं। दरअसल, सरकार की ओर से खासतौर पर मुख्यमंत्री की ओर से इस मामले में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने से अधिकारियों में चिंता झलक रही है।
वहीं इस मामले में और अधिकारियों पर भी शिकंजा कसने के संकेत हैं। बताया जा रहा है कि जून 2013 से लेकर मई 2016 के बीच एसडीएम के तौर पर कार्यरत रहे अधिकारी भी जांच के दायरे में आ सकते हैं। इनमें कुछ आइएएस बताए जा रहे हैं।
हालांकि, मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने अन्य आइएएस अधिकारियों के भी जांच के दायरे में आने की जानकारी होने से इन्कार किया। साथ ही उन्होंने कहा कि एनएच मुआवजा मामले में सरकार निष्पक्ष जांच करेगी। इसमें किसी भी तरह से दबाव बनाए जाने से उन्होंने इन्कार किया।
एसआइटी जांच के दायरे में आए दो आइएएस अधिकारियों को भेजे गए नोटिस का जवाब मिलने की बात उन्होंने कही। मुख्य सचिव ने कहा कि जवाब का परीक्षण किया जा रहा है। सारे तथ्य देखने के बाद ही आगे कार्रवाई के बारे में निर्णय होगा।