नैनीताल: केदारनाथ में हेलीकाप्टर सेवा के टेंडर का मामला फिर से हाईकोर्ट पहुंच गया। हालांकि, एकल पीठ ने तर्कों के साथ इस पर सुनवाई से हाथ खींच लिए। अब यह मामला अन्य बेंच को रेफर किया जाएगा।
देहरादून निवासी राजीव धर ने याचिका दायर कर सरकार की टेंडर प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाते हुए निरस्त करने व नए सिरे से टेंडर प्रक्रिया शुरू करने की मांग की। याचिका में सरकार पर नौ हेलीकाप्टर कंपनियों को लाभ पहुंचाने के मकसद से टेंडर की शर्ते तय करने व उसमें संशोधन करने का आरोप लगाया गया है। याचिका में कहा गया है कि सरकार ने यह भी शर्त लगा दी कि वही कंपनी बिड में शामिल हो सकती है, जिसका उत्तराखंड में पिछले दो साल में हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त न हुआ हो। नियमानुसार दुर्घटना वाली शर्त का दायरा उत्तराखंड नहीं, बल्कि देश होना चाहिए। याचिका में यह भी कहा गया है कि मंदाकिनी घाटी में गुप्तकाशी से केदारनाथ, फाटा से केदारनाथ, सिरसी से केदारनाथ से तो हेली सेवा की अनुमति दी, जबकि गोविंद घाट से घांघरिया तक की नहीं दी गई। त्रियुगीनारायण हेलीपैड का टेंडर जारी नहीं किया गया।
न्यायाधीश सुधांशु धूलिया की एकलपीठ में सोमवार को इस पर सुनवाई होनी थी। लेकिन, एकल पीठ ने यह इन तर्कों के साथ कि इस मसले पर दाखिल अन्य याचिकाओं पर वह पहले सुनवाई कर चुके हैं, लिहाजा अब इस पर सुनवाई नहीं की जा सकती। बता दें, कि पूर्व में भी यह मामला विभिन्न याचिकाओं के माध्यम से हाईकोर्ट तक पहुंचा था।