देहरादून: राज्य के अराजपत्रित श्रेणी के राज्य कर्मचारियों, कार्यप्रभारित, सहायताप्राप्त शिक्षण एवं प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं, स्थानीय निकायों के साथ ही सार्वजनिक उपक्रमों-निगमों के कर्मचारियों की दीपावली के मौके पर तदर्थ बोनस की मांग आखिरकार पूरी हो गई। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के अनुमोदन और राज्य निर्वाचन आयोग की अनुमति के बाद उक्त कार्मिकों को 6908 रुपये बोनस भुगतान का आदेश सरकार ने जारी कर दिया। इससे तकरीबन डेढ़ लाख कार्मिकों को लाभ मिलेगा।
दीपावली के मौके पर राज्य सरकार के कार्मिकों को बोनस के भुगतान को लेकर अनिश्चय बना हुआ था। नगर निकाय चुनाव के चलते राज्य में चुनाव आचार संहिता लागू है। इस वजह से सरकार को जन हित और कल्याण योजनाओं को अंजाम तक पहुंचाने के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। वित्त की ओर इस संबंध में पत्रावली को अनुमोदन के लिए मुख्यमंत्री को भेजा गया था। मुख्यमंत्री ने उक्त प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इसके बाद उक्त पत्रावली को राज्य निर्वाचन आयोग की मंजूरी के लिए भेजा गया। आयोग से मंजूरी मिलते ही वित्त विभाग ने देरी किए बगैर ही उक्त संबंध में शासनादेश जारी कर दिया।
वित्त सचिव अमित नेगी की ओर से जारी आदेश में कहा गया कि उक्त कर्मचारियों को वर्ष 2017-18 के लिए 30 दिन के तदर्थ बोनस का भुगतान किया गया है। बोनस राशि के रूप में केंद्र सरकार की तर्ज पर अराजपत्रित कर्मचारियों को अधिकतम सात हजार रुपये मिलेंगे। 31 मार्च, 2018 को सेवारत और न्यूनतम छह माह की लगातार सेवा कर चुके कर्मचारियों को उक्त बोनस का भुगतान किया जाएगा। इस आदेश से 4800 ग्रेड वेतन तक के कर्मचारियों को बोनस का लाभ मिलेगा।
4800 से अधिक ग्रेड वेतन ले रहे ऐसे अराजपत्रित कर्मचारी भी तदर्थ बोनस के पात्र होंगे, जिनकी प्रास्थिति में कोई परिवर्तन न हुआ हो। कैजुअल, दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए यह राशि 1200 रुपये होगी। खास बात ये है कि सरकार ने इस बार सार्वजनिक-निगमों और उपक्रमों को भी राज्य कर्मचारियों के साथ ही बोनस देने का फैसला किया गया है। इस संबंध में औद्योगिक विकास विभाग ने भी आदेश जारी किया है। से सरकारी खजाने पर तकरीबन 150 करोड़ का बोझ पड़ेगा। सरकार के इस फैसले से तमाम कर्मचारी संगठनों में खुशी की लहर दौड़ गई है।