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भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह फरवरी में चुनावी शंखनाद को आएंगे उत्तराखंड

देहरादून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उत्तराखंड के प्रति खास लगाव जगजाहिर है। ऐसे में राज्य की पांचों लोकसभा सीटों पर वर्ष 2014 के चुनावी प्रदर्शन को दोहराकर अपना कब्जा बरकरार रखने को भाजपा नेतृत्व पूरी तैयारी कर रहा है। इस कड़ी में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह आगामी दो फरवरी को एक दिनी दौरे पर उत्तराखंड आ रहे हैं। इस दिन वह देहरादून में पार्टी के त्रिशक्ति सम्मेलन को संबोधित करेंगे।

इस दौरान भाजपा अध्यक्ष जमीनी स्तर पर पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ ही अन्य स्तरों से लोकसभा चुनाव की तैयारी को लेकर फीडबैक लेंगे। प्रदेश भाजपा ने शाह के दौरे को लेकर तैयारी शुरू कर दी है। लोकसभा चुनाव में अब कुछ ही महीनों का वक्त बचा है। ऐसे में भाजपा ने अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देना आरंभ कर दिया है।

तैयारियों में किसी भी स्तर पर ढील न हो, इसके लिए प्रदेश में सरकार से लेकर पार्टी संगठन के पेच कसने को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह खुद राजधानी देहरादून पहुंच रहे हैं।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह दो फरवरी को देहरादून में त्रिशक्ति सम्मेलन को संबोधित करेंगे। त्रिशक्ति, यानी बूथ पालक, बूथ अध्यक्ष और बूथ लेवल एजेंट। भाजपा का फोकस पूरी तरह बूथ स्तर तक चुनावी प्रबंधन पर है।

लिहाजा, पार्टी सबसे पहले इसे और बेहतर स्वरूप देने की रणनीति पर काम कर रही है। यही वजह है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने भी चुनावी तैयारियों के क्रम में पहले बूथ मैनेजमेंट से जुड़े कार्यकर्ताओं के कार्यक्रम को ही तवज्जो दी है।

दरअसल, पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में भाजपा का उत्तराखंड में जो प्रदर्शन रहा था, उसे दोहराना पार्टी के लिए किसी चुनौती से कम नहीं। भाजपा ने लोकसभा की पांचों सीटों पर जीत दर्ज की तो विधानसभा चुनाव में 70 में से 57 सीटों पर परचम फहराया।

यानी, पार्टी इस वक्त अपने चरम पर है और इस स्थिति को बरकरार रख पाना खासा मशक्कत का काम है। गत जून में अपने एक दिनी दौरे के दौरान भी भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कार्यकर्ताओं को पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनावों के प्रदर्शन को दोहराने के लिए अपने वोट बैंक को सहेजने की हिदायत दी थी।

पार्टी अध्यक्ष के दौरे की अहमियत इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि अब भाजपा पूरी तरह लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई है। दरअसल, पिछले कुछ समय के दौरान देश की सियासत में बदली परिस्थितियों में भाजपा के समक्ष चुनौतियों में इजाफा हुआ है।

खासकर, विपक्ष जिस तरह एकजुट होने के संकेत दे रहा है, उससे भाजपा अपनी रणनीति पर नए सिरे से मंथन कर रही है। इसके लिए पार्टी ने 50 प्रतिशत से ज्यादा मत हासिल करने का लक्ष्य कार्यकर्ताओं को दिया है।

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