रुड़की: महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश एटीएस ने सोमवार को रुड़की-देहरादून रोड पर डीआरडीओ (डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन) के वैज्ञानिक के घर छापा मारा है। टीम ने वैज्ञानिक के घर की आधे घंटे तक तलाशी ली और उसका लैपटॉप अपने कब्जे में ले लिया। वैज्ञानिक पर ब्रह्मोस मिसाइल से जुड़ी सूचनाएं पाकिस्तानी एजेंसी को भेजने के आरोप हैं। इधर, प्रदेश के पुलिस महानिदेशक अनिल कुमार रतूड़ी ने कहा कि केंद्रीय इंटेलीजेंस और एटीएस से संपर्क साधा जा रहा है। आरोपित की स्थानीय गतिविधियों की जानकारी जुटाई जा रही है।
उप्र और महाराष्ट्र एटीएस ने नागपुर में डीआरडीओ के वैज्ञानिक निशांत अग्रवाल निवासी बीएसएम चौक रुड़की को गिरफ्तार किया। इसके बाद एक टीम सोमवार को दोपहर बाद रुड़की पहुंची और वैज्ञानिक के घर पर छापेमारी की। परिजनों ने जब कार्रवाई की बाबत जानकारी मांगी तो पता चला कि निशांत अग्रवाल को नागपुर में गिरफ्तार किया गया है। टीम ने परिजनों को बताया कि निशांत अग्रवाल पर मिसाइल से जुड़ी सूचनाएं पाकिस्तानी एजेंसी को बेचने के आरोप हैं। यह सुनकर परिजन भी सकते में आ गए। कार्रवाई को देख कॉलोनी के लोग भी वैज्ञानिक के घर के बाहर जमा हो गए। बताते चलें कि वैज्ञानिक के पिता डॉक्टर पीके अग्रवाल सिविल अस्पताल रुड़की में संविदा चिकित्सक के रूप में कार्यरत रहे हैं। वह भी सूचना के बाद सदमे में हैं। एसएसपी कृष्ण कुमार वीके ने बताया कि पता चला है कि निशांत अग्रवाल पर मिसाइल से जुड़ी सूचनाएं पाकिस्तानी एजेंसी को भेजने के आरोप हैं।
अप्रैल में हुई थी शादी
निशांत अग्रवाल होनहार छात्र रहा है। वह शहर के प्रतिष्ठित स्कूल सेंट ग्रेबियल्स का टॉपर रहा है। निशांत अग्रवाल के चाचा आशु अग्रवाल ने बताया कि वह बेहद गंभीर और मेहनती है। करीब पांच साल पहले उसने एनआइटी कुरुक्षेत्र से पढ़ाई की है। इसके बाद उसने आइआइटी रुड़की से इंटर्नशिप की। बाद में उसकी डीआरडीओ में नौकरी लग गई थी। इस साल अप्रैल में उसकी शादी हुई थी। इसके बाद से वह घर नहीं आया था।
सहमा हुआ है परिवार
निशांत के गिरफ्तार होने के बाद से पूरा परिवार सहमा हुआ है। रुड़की में ही जॉब करने वाले डॉक्टर पीके अग्रवाल के छोटे भाई आशू ने बताया कि डॉक्टर पीके अग्रवाल घटना के बाद से परेशान हैं। परिवार को इस बात पर यकीन नहीं आ रहा है। निशांत की बहन दिल्ली में एमटेक कर रही है। देर शाम जब मीडिया घर के बाहर पहुंची तो अंदर से रोने की आवाज आ रही थी।
यंग साइंटिस्ट का मिल चुका है अवार्ड
चार साल से डीआरडीओ में बतौर सिस्टम इंजीनियर तैनात निशांत अग्रवाल को 2017-18 में यंग साइंटिस्ट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था।
हनी ट्रैप का तो नहीं हुए शिकार
वैज्ञानिक के फेसबुक अकाउंट पर पाकिस्तान की महिलाओं से उसकी दोस्ती के प्रमाण भी मिले हैं। शुरूआती पड़ताल में यह भी पता चला है कि निशांत अग्रवाल फेसबुक के जरिए पाकिस्तान के हनीट्रैप में फंसकर देश की गोपनीय सूचना दे रहा था।
एसएसपी हरिद्वार कृष्ण कुमार वीके का कहना है कि एटीएस के नागपुर से इंजीनियर के गिरफ्तार होने की जानकारी मिली है। वह रुड़की का रहने वाला है। एटीएस की टीम हरिद्वार आने पर उन्हें जिस सहयोग की आवश्यकता होगी, दिया जाएगा। पुलिस अपने स्तर से अलर्ट है।
वैज्ञानिक पकड़े जाने के बाद फिर सुर्खियों में रुड़की
रुड़की के वैज्ञानिक के नागपुर में गिरफ्तार होने के बाद एक बार फिर से रुड़की शहर सुर्खियों में आ गया है। दो साल पहले भी दिल्ली की स्पेशल टीम ने आइबी की मदद से रुड़की से आइएस के चार संदिग्ध आतंकी पकड़े थे। यह सभी लंढौरा के रहने वाले थे। जनवरी 2016 में अद्र्धकुंभ के दौरान दिल्ली की स्पेशल टीम ने आइबी के साथ मिलकर रुड़की से आइएस संगठन से जुड़े चार संदिग्ध आतंकी गिरफ्तार किए थे। यह सभी अद्र्धकुंभ को दहलाने की तैयारी कर रहे थे। इनके कब्जे से माचिस की तिल्ली में प्रयुक्त होने वाला बारूद बरामद किया गया था। साथ ही जौरासी गांव के जिस ट््यूबवेल की छत पर इन्होंने धमाके की रिहर्सल की थी। वहां से भी टीम ने जले हुए बारूद को बरामद किया था। पकड़े गए संदिग्धों में से एक ऋषिकुल आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज में बीएएमएस की पढ़ाई कर रहा था। वहीं वैज्ञानिक के गोपनीय सूचनाएं लीक करने के बाद से रुड़की सुर्खियों में आ गया है।
निशांत के संपर्की भी राडार पर
पुलिस अब इस बात की भी जानकारी जुटा रही है कि शहर में कौन-कौन लोग निशांत अग्रवाल के संपर्क में थे। पुलिस सूत्रों ने बताया कि निशांत के लैपटॉप में कुछ अहम जानकारी एटीएस को मिली है। इसके अलावा मोबाइल में भी कई नंबर होने की जानकारी मिल रही है। एसएसपी कृष्ण कुमार वीके ने बताया कि आइआइटी से इंटर्नशिप करने के दौरान उसके संपर्क में रहने वाले छात्रों के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है।