देहरादून: दून में अतिक्रमण के खिलाफ प्रशासन का अभियान जारी है। शहर को अतिक्रमण मुक्त करने के बाद यातायात व्यवस्था ढर्रे पर लाने के प्रयास होंगे। इसके तहत शहर में स्मार्ट ट्रैफिक सिगलन लगाए जाने हैं।
हाईकोर्ट के आदेश पर चल रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत बुधवार को टास्क फोर्स ने हरिद्वार रोड पर 61 अतिक्रमण ध्वस्त किए। उधर, शहर के दो जोन में 116 नए अतिक्रमण पर लाल निशान लगाए गए।
मेहूंवाला और हरिद्वार रोड पर बचे अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। टास्क फोर्स ने रिस्पना पुल से जोगीवाला के बीच हरिद्वार रोड पर चिह्नित अतिक्रमण हटाया। इस दौरान छोटे-बड़े 61 अतिक्रमण को ध्वस्त किया गया।
इसके अलावा मेहूंवाला में टास्क फोर्स ने लोगों को अंतिम चेतावनी जारी करते हुए कहा कि स्वयं अतिक्रमण न हटाया तो जेसीबी से अतिक्रमण ध्वस्त किया जाएगा। इसके अलावा शहर के तिलक रोड, कांवली रोड आदि क्षेत्र में 161 अतिक्रमण चिह्नित किए गए।
एमडीडीए के सचिव पीसी दुम्का ने बताया कि अब तक शहर में 8230 अतिक्रमण चिह्नित और 4587 ध्वस्त किए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि एमडीडीए की अनुमति के विपरीत बने होटल, आवास और व्यवसायिक 123 भवनों के खिलाफ सीलिंग की कार्रवाई की गई।
प्रेमनगर और राजपुर रोड पर साधी चुप्पी
हाईकोर्ट के सख्त आदेश के बावजूद प्रशासन और टास्क फोर्स ने प्रेमनगर, राजपुर रोड और पलटन बाजार के अतिक्रमण पर चुप्पी साध ली है। इस मामले में अफसर अतिक्रमण हटाने की बात तो कह रहे हैं, मगर कब हटेगा, इसे लेकर स्पष्ट नहीं बोल रहे हैं। जिलाधिकारी एसए मुरूगेशन ने बताया कि अभी शहर में कार्रवाई जारी है। जल्द प्रेमनगर और राजपुर रोड का भी अतिक्रमण हटाया जाएगा।
स्मार्ट सिटी: आराघर से जाखन तक स्मार्ट सिग्नल
स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत दून पहला बड़ा कदम बढ़ाने जा रहा है। यह कदम ऐसे स्मार्ट ट्रैफिक सिग्नल के रूप में है, जो ऑटोमैटिक ट्रैफिक का संचालन करेगा। इसके साथ ही ट्रैफिक लाइट जंप करने वालों की स्वयं पहचान कर स्मार्ट सिग्नल कंट्रोल रूम में सूचना दे देगा। पहले फेज में आराघर चौक से जाखन तक के सभी चौराहों-तिराहों को स्मार्ट सिग्नल से लैस करने का निर्णय लिया गया है। इसको लेकर ब्रिडकुल ने एमडीडीए कार्यालय में प्रस्तुतीकरण दिया।
एमडीडीए उपाध्यक्ष व स्मार्ट सिटी देहरादून लि. कंपनी के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि यह काम स्मार्ट सिटी के तहत ‘पैन सिटी’ यानी अखिल शहर के रूप में किया जा रहा है। इसका आशय यह हुआ कि स्मार्ट सिटी परियोजना क्षेत्र से बाहर पूरे शहर में ऐसे सिग्नल लगाए जाएंगे। ब्रिडकुल के प्रस्तुतीकरण के बाद संशोधन के कुछ सुझाव दिए गए हैं।
इसके बाद डीपीआर बनाने की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। योजना का कार्य पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड में कराया जाएगा। इस तरह स्मार्ट सिग्नल में खर्च होने वाली करीब चार करोड़ रुपये की राशि का इंतजाम संबंधित कंपनी ही करेगी। हालांकि इससे कंपनी को आय किस रूप में होगी, इसका भी खाका तैयार किया जा रहा है। प्रस्तुतीकरण में ब्रिडकुल के महाप्रबंधक प्रदीप गैरोला, एमडीडीए के ट्रांसपोर्ट प्लानर जगमोहन सिंह आदि उपस्थित रहे।
पहले चरण में यहां लगेंगे स्मार्ट सिग्नल
आराघर चौक, सर्वे चौक, बहल चौक, दिलाराम बाजार तिराहा, जाखन चौक आदि।
इसलिए खास है स्मार्ट सिग्नल
एमडीडीए के ट्रांसपोर्ट प्लानर जगमोहन सिंह के अनुसार, स्मार्ट सिग्नल ऐसे सेंसर पर आधारित है, जो अलग-अलग लेन के ट्रैफिक को भांप लेता है। यदि किसी लेन पर ट्रैफिक का दबाव अधिक है तो यह स्वत: ही ग्रीन सिग्नल दे देता है। जबकि अब तक की व्यवस्था में हर चौराहे या तिराहे पर लगे सिग्नल टाइमर से चलते हैं।
किसी लेन पर एकदम में वाहनों का दबाव बढ़ने पर भी टाइमर उसी गति से आगे बढ़ता है। ऐसे में पुलिस या होमगार्ड कर्मियों को ट्रैफिक को अपने हिसाब से भी संचालित करना पड़ जाता है। जबकि स्मार्ट सिग्नल में न सिर्फ पुलिस कर्मियों की यह कसरत कम हो जाएगी, बल्कि लोगों को भी किसी बंधी-बंधाई व्यवस्था के भरोसे नहीं रहना पड़ेगा। क्योंकि यह सिग्नल अब तक के सिग्नल की भांति काउंटडाउन पर आधारित नहीं है।