देहरादून: टर्नर रोड क्षेत्र में एक साल पहले हुई विवाहिता की हत्या से पुलिस ने पर्दा उठा दिया। 60 लाख का बीमा क्लेम पाने के लिए पति ने अपने दोस्त और उसके चार परिचितों के जरिये योजनाबद्ध तरीके उसे मार डाला। यही नहीं, स्वाभाविक मौत बताकर बगैर पोस्टमार्टम के अंतिम संस्कार भी कर दिया।
हालांकि, शक के दायरे में आने की वजह से उसने पत्नी की मौत के कुछ दिन बाद ही बीमा क्लेम संबंधी आवेदन वापस ले लिया था। लेकिन, इससे पहले पहले वह अपने दोस्त के साथ बीमे के रूप में मिलने वाली राशि में से दस लाख रुपये उसे देने का सौदा कर चुका था। गलत दवाएं देकर पत्नी को मौत के घाट उतारने के लिए उसने चार लाख की सुपारी दी थी।
पुलिस ने घटनाक्रम के सिलसिले में मृतका के पति, उसके दोस्त, सहारनपुर निवासी एक पशु चिकित्सक और मेरठ के एक नर्सिंग होम में कार्य करने वाले दो युवकों समेत छह आरोपितों को गिरफ्तार किया है। मृतका और उसका पति पहले से तलाकशुदा थे, इसके बाद उन्होंने प्रेम विवाह किया था।
एसपी सिटी प्रदीप राय ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि टर्नर रोड में किराये पर रहने वाले आकाश ठक्कर ने वर्ष 2014 में विधि से प्रेम विवाह किया था। आकाश यहां गिफ्ट सेंटर चलाता था, जबकि विधि एरोबिक सिखाती थी। शादी के दो साल बाद उनमें मतभेद पैदा हो गए और जनवरी 2017 दोनों का तलाक हो गया।
लेकिन, बेटे की वजह से दोनों एक ही मकान में साथ रहने लगे। इस बीच, 23 जुलाई 2017 को विधि की मौत हो गई। आकाश ने पास पड़ोस के लोगों और रिश्तेदारों को विधि की मौत ब्रेस्ट कैंसर से होना बताया। मृतका की मां को बताए बगैर उसने शव का अंतिम संस्कार कर दिया।
मृतका की मां पुष्पा देवी पत्नी स्व. सुभाष सचदेवा निवासी आजाद नगर पनियाला रोड रुड़की हरिद्वार ने बेटी की हत्या का शक जाहिर करते हुए एसएसपी को शिकायती पत्र सौंपकर मामले की जांच का अनुरोध किया था। इस पर पटेलनगर कोतवाली पुलिस ने 30 मार्च 2018 को मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू की। एसएसआई विपिन बहुगुणा को यह जिम्मा सौंपा गया था।
एसपी सिटी के मुताबिक विवेचना में सामने आया कि मृतका को ब्रेस्ट कैंसर नहीं था, उसकी मौत को स्वाभाविक जतलाने के लिए पति आकाश ने ऐसा प्रचारित किया। जांच में यह भी सामने आया कि आकाश ने तलाक लेने के बाद विधि का आइसीआइसीआइ कंपनी से 60 लाख का इश्योरेंस करवाया था। जिसमें उसने खुद को नॉमिनी बनाया था।
उसकी मौत के ठीक 15 दिन बाद उसने इश्योंरेंस क्लेम के लिए आइसीआइसीआइ में आवेदन पत्र भी जमा कर दिया था। इसमें भी उसने विधि की मौत को स्वाभाविक बताया था।
पुलिस के अनुसार जांच में सामने आया कि विधि को अपने पूर्व पति से तलाक लेने के दौरान 15 लाख रुपये मिले थे। इमसें से नौ लाख रुपये आकाश ने रख लिए थे। विधि तलाक के बाद आकाश पर यह रकम लौटाने का दबाव बना रही थी।
पुलिस के अनुसार पति-पत्नी के बीच अनबन का आकाश के दोस्त अखिल को सारी जानकारी थी। इस पर अखिल ने भरोसा दिलाया कि वह उसे विधि से छुटकारा दिला देगा। इसके लिए उसने उससे पैसों की मांग की। साथ ही विधि के नाम पर इंश्योरेंस पॉलिसी लेने की योजना बनवाई। ताकि विधि की मौत के बाद उसे स्वाभाविक दिखाकर मोटी रकम बीमा कंपनी से हासिल की जा सके।
योजना के अनुरूप उन्होंने आइसीआइसीआइ में विधि 60 लाख का इश्योरेंश करवा दिया। पॉलिसी में आकाश खुद को नॉमिनी दर्शाया। इसके बाद अखिल ने आकाश की मुलाकात सहारनपुर के एक पशु चिकित्सक अंकुर से कराई। अंकुर ने जून 2017 में आकाश को कुछ गोलियां देकर पत्नी को खिलाने को कहा। इसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ने लगी। साजिश के तहत उन्होंने विधि को यहां एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया।
यहां मुलाकात के बहाने अस्पताल पहुंचकर आकाश और उसके दोस्त अखिल ने एक अन्य युवक विक्रांत के माध्यम से कुछ इंजेक्शन विधि को लगा दिए। ये इंजेक्शन पशु चिकित्सक ने उपलब्ध कराए थे। इसके बाद आकाश विधि को घर ले आया। इस बीच आकाश के दोस्त अखिल ने मेरठ के एक निजी नर्सिंग होम के कंपाउडर कपिल उर्फ कुलदीप व राजेंद्र से संपर्क करके उन्हें देहरादून बुलाया।
यहां उन्होंने एक अन्य साथी की मदद से 22 जुलाई 2017 की रात विधि को ड्रिप में नशीले इंजेक्शन दिए। इसके बाद मध्य रात्रि उन्होंने तकिये से मुंह और गला दबाकर उसकी हत्या कर दी।
एसपी सिटी ने बताया कि इस प्रकरण में मृतका के पति आकाश, उसके दोस्त अखिल के साथ ही पशु चिकित्सक अंकुर वालियान पुत्र सरदार सिंह निवासी ग्राम गगनोली थाना नागल सहारनपुर, अखिल पुत्र किशनलाल निवासी चामुंडा मन्दिर सहारनपुर, विक्की उर्फ विक्रांत पुत्र ऋषिपाल निवासी मजरी मेरठ ,कपिल उर्फ कुलदीप पुत्र बृजपाल निवासी ग्राम खनोदा मेरठ व राजेन्द्र पुत्र बलजीत निवासी जनता कॉलोनी मोदीपुरम मेरठ को गिरफ्तार किया गया है। इन सभी को अदालत में पेश किया गया, अदालत ने उन्हें जेल भेज दिया।
आकाश ने दी थी चार लाख की सुपारी
पुलिस के मुताबिक आकाश ने आरोपितों को 4 लाख की सुपारी दी थी। आकाश एवं अखिल के बीच यह भी तय हुआ था कि यदि इंश्योरेंस क्लेम 55 लाख प्राप्त होगा तो अखिल उसमें से 15 लाख लेगा। अगर 50 लाख मिलेंगे तो 10 लाख रुपए अखिल को मिलेंगे।
मृतका की मां बोली नहीं थी उम्मीद
घटना के खुलासे के बाद मृतका की मां पुष्पा देवी पत्नी स्व. सुभाष सचदेवा ने कहा कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि उनकी बेटी का न्याय मिल पाएगा। बताया बेटी की मौत के बाद कईं बार खुद दून आकर साक्ष्य एकत्रित करने की कोशिश कर रही थी। लेकिन पुलिस ने जिस तरह से इस मामले में काम किया उससे उसकी मृतक बेटी की आत्मा को शांति मिली है।
पुलिस टीम को इनाम
घटना का खुलासा करने वाली टीम को डीआइजी अजय रौतेला और एसएसपी निवेदिता कु करेती ने इनाम की घोषणा की है। कहा कि बिना पोस्टमार्टम के जिस प्रकार से पुलिस टीम ने घटना का खुलासा कि वह सराहनीय है।