Breaking News
हिज्बुल मुजाहिद्दीन ने गाजी हैदर उर्फ सैफुल्ला मीर को जम्मू कश्मीर में संगठन का प्रमुख कमांडर बनाया...(Young Organiser

24 सीटें PoK की छोड़ेंगे परिसीमन J&K अब विधानसभा की होंगी 114 सीटें

www.youngorganiser.com

Jammu (Tawi) 180001 (J&K Union Territory) Updated, 11 May 2020.

 Mon, 09:36 AM (IST) :           Team Work:  Kuldeep & Pawan Vikas Sharma

म्मू: अंतिम बार 1995-96 में हुआ था परिसीमनः पूर्व जम्मू कश्मीर में कश्मीर की एक सीट का औसत क्षेत्रफल 344 वर्ग किलोमीटर तो जम्मू की विधानसभा सीट का औसत क्षेत्र 710 वर्ग किलोमीटर था। जम्मू कश्मीर में अंतिम बार परिसीमन प्रक्रिया वर्ष 1995-96 में हुई थी। वर्ष 2002 में डॉ. फारूक अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली नेशनल कांफ्रेंस सरकार ने जम्मू कश्मीर जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1957 और जम्मू कश्मीर संविधान के अनुच्छेद 47 की धारा तीन में संशोधन कर परिसीमन पर 2026 तक रोक लगा दी थी। विधानसभा में सात सीटें बढ़ेंगीः पूर्व जम्मू कश्मीर विधानसभा में कुल 111 सीटें थीं। गुलाम कश्मीर के लिए 24 सीटें छोड़ी गई थी। शेष 87 सीटों में से कश्मीर में 46, जम्मू में 37 और लद्दाख में चार विधानसभा सीटें थी। अब लद्दाख के अलग केंद्रशासित प्रदेश बनने से जम्मू कश्मीर विधानसभा की सीटें 83 हो गई हैं। परिसीमन के बाद सात सीटें बढऩी तय हैं। इस तरह सीटों की संख्या 90 हो जाएगी। इसके अलावा पहले की तरह 24 सीटें गुलाम कश्मीर के लिए छोड़ी जाएंगी। अर्थात जम्मू कश्मीर विधानसभा में कुल 114 सीटें रहेंगी। परिसीमन के लिए संघर्ष कर रहे संगठन इकजुट जम्मू के संस्थापक अंकुश शर्मा कहते हैं कि इससे जम्मू को भेदभाव के दंश से मुक्ति मिलेगी। यह परिसीमन 2011 की जनगणना के आधार पर कराया जा रहा है। हालांकि कांग्रेस और पैंथर्स पार्टी इसका विरोध कर रहे हैं। जम्मू कश्मीर में संसदीय और विधानसभा सीटों की परिसीमन प्रक्रिया में पांच सांसदों की भूमिका अहम होगी। राज्य के सभी निर्वाचित सांसद और राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी भी इसके सदस्य होंगे। अपेक्षा है कि जम्मू संभाग से अब भेदभाव की परंपरा पर अंकुश लगेगा। जम्मू कश्मीर में कश्मीर केंद्रित सरकारों के कार्यकाल में जम्मू को नजरअंदाज किया गया। उम्मीद है कि नए परिसीमन होने से कश्मीर के मुकाबले जम्मू की सीटें बढ़ेंगी या बराबर हो जाएंगी।जस्टिस देसाई की अध्यक्षता में बना है आयोगः केंद्र सरकार ने मार्च माह में सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायधीश जस्टिस रंजना देसाई की अध्यक्षता में परिसीमन आयोग का गठन किया था। इसके बाद मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा जम्मू कश्मीर में प्रस्तावित परिसीमन आयोग के लिए चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा को अपना प्रतिनिधि नामित कर चुके हैं। अब उनके सदस्यों की नियुक्ति की पहल से राज्य में परिसीमन आयोग तेजी से काम करना आरंभ करेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

x

Check Also

सिंथान रोड और मुगल रोड  5 जुलाई से खुलेंगे : उपराज्यपाल मनोज सिन्हा

www.youngorganiser.com    Jammu (Tawi) 180001 (J&K Union Territory) Updated, 2nd Jul. 2021, Fri. 00: 16  AM ...