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Jammu (Tawi) 180001 (J&K Union Territory) Updated, 27 Apr 2020
Mon, 9:10 AM (IST) Siddharth, Kapish & Arun Gavaskar
मुंबई: कोरोना वायरस का फिलहाल कोई सटीक इलाज नहीं है। कई तरह की दवाओं से इसका इलाज किया जा रहा है। एच.आई.वी के दो ड्रग्स कॉम्बिनेशन से भी इसके इलाज में मदद मिल रही है। लेकिन, इन सबसे इतर हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन इस बीमारी के इलाज में गेमचेंजर दवा बनकर उभरा है, जिसकी वजह से पूरी दुनिया में इसकी मांग बढ़ गई है।
हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन का इस्तेमाल मलेरिया के इलाज में किया जाता है। दुनिया के लगभग कई हिस्सों में इस दवा का उत्पादन नहीं किया जाता है। भारत में चूंकि हर साल मलेरिया के भारी तादाद में मामले सामने आते हैं इसलिए भारत में कई दवा कंपनियां इसका उत्पादन करती हैं और इसी कारण से पूरी दुनिया इस दवा के लिए भारत पर निर्भर है।
कोरोना वायरस इलाज में गेम चेंजर साबित हो रही दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन पूरी दुनिया की जरूरत बन गई है। भारत ने कुछ दिन पहले इस दवा के निर्यात पर सख्त प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन अमेरिका सहित कुछ देशों के अनुरोध के बाद उसने इसके सीमित निर्यात की मंजूरी दे दी है। यही कारण है कि भारत में दवा कंपनियां इसका भारी पैमाने पर उत्पादन कर रही हैं।
जानकर हैरानी होगी कि इस वक्त दवा कंपनियां हर महीने लगभग 20 करोड़ हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन टैब्लेट का उत्पादन कर रही हैं। जाइडस केडिला के सी.ई.ओ पंकज पटेल ने अहमदाबाद में बताया दवा उद्योग ने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि की है। इस महीने उद्योग ने 20 करोड़ हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन टैब्लेट का उत्पादन किया है।