Breaking News
लड़कियों को कोचिंग देना अधिक मुश्किल: Sania-Mirza-durining-covid-19-at-home.jpg May 15, 2020: Young Organiser

सानिया मिर्जा ने कहा लोग पूछते थे बच्चे कब पैदा करोगी…

www.youngorganiser.com

Jammu (Tawi) 180001 (J&K Union Territory) Updated, 15 May 2020.

 Fri, 01:33 PM (IST) : Team Work: Siddharth, Kapish & Sampada Kerni

मुंबई: स्टार टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा को गर्व है कि क्रिकेट से इतर भारत के खेल सितारों में महिलाएं शामिल हैं। हालांकि उन्हें लगता है कि देश में महिलाओं के लिए खेलों को वास्तविक करियर के रूप में देखने में अभी कुछ और समय लगेगा। छह बार की ग्रैंड स्लैम विजेता ने अखिल भारतीय टेनिस संघ और भारतीय खेल प्राधिकरण साई द्वारा आयोजित वेबिनार के दौरान कई मसलों पर बातचीत की जिसमें माता पिता की भूमिका और महिला खिलाड़ियों के प्रति कोचों का रवैया शामिल है।सानिया ने कहा मैं इस बात से गर्व महसूस करती हूं कि क्रिकेट से इतर देश में सबसे बड़े खेल सितारे महिलाएं हैं। अगर आप पत्रिकाएं, बिलबोर्ड देखोगे तो आपको महिला खिलाड़ी दिखेंगी। यह बहुत बड़ा कदम है। मैं जानती हूं कि महिला होकर खेलों में आना मुश्किल होता है। उन्होंने कहा यह इस बात का संकेत है कि चीजें बदली हैं लेकिन अभी हमें उस स्थिति में पहुंचने के लिए लंबी राह तय करनी है जबकि एक लड़की मुक्केबाजी के ग्लब्स पहने या बैडमिंटन रैकेट पकड़े या कहे कि ‘मैं पहलवान बनना चाहती हूं। मेरे कहने का मतलब है कि प्रगति नैसर्गिक होनी चाहिए।’सानिया से पूछा गया कि लड़कियां 15 या 16 साल के बाद टेनिस क्यों छोड़ देती हैं तो उन्होंने कहा कि यह भारतीय संस्कृति से जुड़ा गंभीर मसला है। उन्होंने कहा, ‘दुनिया के इस हिस्से में माता पिता खेल को सीधे तौर पर नहीं अपनाते। वे चाहते हैं कि उनकी बेटी चिकित्सक, वकील, शिक्षिका बने लेकिन खिलाड़ी नहीं। पिछले 20-25 वर्षों में चीजें बदली हैं लेकिन अब भी लंबा रास्ता तय करना है।’

लोग पूछते थे बच्चे कब पैदा करोगी

भारत की कई महिला खिलाड़ियों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी विशेष छाप छोड़ी हैं इनमें ओलिंपिक पदक विजेता बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु और साइना नेहवाल छह बार की विश्व चैंपियन मुक्केबाज एमसी मेरी कॉम, एशियाई खेलों की चैंपियन विनेश फोगाट, पूर्व विश्व चैंपियन भारोत्तोलक मीराबाई चानू आदि प्रमुख हैं। सानिया ने हालांकि महिला खिलाड़ियों के सामने आने वाली कई चुनौतियों पर बात की। उन्होंने कहा लड़कियों के लिए कुछ चीजें तय कर दी जाती। यहां तक कि मैंने सब कुछ हासिल कर दिया तब भी मुझसे पूछा जाता था कि मैं कब बच्चे के बारे में सोच रही हूं और जब तक मैं मां नहीं बनूंगी मेरी जिंदगी पूर्ण नहीं होगी।’ सानिया ने कहा हम लोगों से गहरे सांस्कृतिक मुद्दे जुड़े हैं और इनसे निजात पाने में अभी कुछ पीढ़ियां और लगेंगी।’

विंबलडन के सपने पर लोग हंसते थे

सानिया ने कहा कि उन्हें अपने करियर में भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा लेकिन उनके माता पिता ने उनकी सफलता में बेहद अहम भूमिका निभायी। उन्होंने कहा हम जो कर रहे थे वह चलन के विपरीत था। मैंने छह साल की उम्र से खेलना शुरू किया और उस समय अगर कोई लड़की रैकेट पकड़कर विंबलडन में खेलने का सपना देखती थी तो लोग उस पर हंसते थे। लोग क्या कहेंगे यह वाक्य कई सपनों को तोड़ देता है। मैं भाग्यशाली थी कि मुझे ऐसे माता पिता मिले जिन्होंने इसकी परवाह नहीं की।’

लड़कियों को कोचिंग देना अधिक मुश्किल

सानिया ने इसके साथ ही कहा कि लड़कियों को प्रशिक्षण देते हुए कोचों को अधिक समझदारी दिखानी चाहिए। उन्होंने कहा लड़कियों को कोचिंग देना अधिक मुश्किल है। जब 13-14 साल की होती है तो तब उन्हें पता नहीं होता है कि वे क्या हैं। उनके शरीर में बदलाव हो रहा होता है। उनके शरीर में हार्मोन संबंधी बदलाव होते हैं जो कि उनकी पूरी जिंदगी होते रहते हैं। सानिया मिर्जा ने जीता फेड कप हार्ट अवॉर्ड, पुरस्कार राशि सीएम रिलीफ फंड में डोनेट की :टेनिस स्टार सानिया मिर्जा फेड कप हार्ट पुरस्कार जीतने वाली पहली भारतीय बन गईं जिन्हें यह सम्मान मां बनने के बाद कोर्ट पर सफल वापसी के लिए मिला है। उन्होंने इस अवॉर्ड से मिला पैसा तेलंगाना सीएम रिलीफ फंड में देने का फैसला किया। इसकी घोषणा उन्होंने सोशल मीडिया पर भी कर दी।सानिया को एशिया ओसियाना क्षेत्र के लिए अवॉर्ड दिया गया। उन्हें कुल 16985 में से 10 हजार से अधिक वोट मिले। फेड कप हार्ट पुरस्कार के विजेता का चयन प्रशंसकों के वोट के आधार पर होता है। इस अवॉर्ड के लिए वोटिंग एक मई से शुरू हुई। सानिया को कुल वोट के 60 प्रतिशत मिले। उन्होंने अखिल भारतीय टेनिस संघ द्वारा जारी बयान में कहा फेड कप हार्ट पुरस्कार जीतने वाली पहली भारतीय बनना गर्व की बात है। मैं पूरे देश और अपने प्रशंसकों को यह पुरस्कार समर्पित करती हूं। भविष्य में देश के लिए और उपलब्धियां हासिल करने की कोशिश करूंगी।’सानिया ने चार साल बाद फेड कप में वापसी की और इतिहास में पहली बार भारत ने प्लेऑफ में जगह बनाई। अपने बेटे इजहान को अक्टूबर 2018 में जन्म देने के बाद सानिया इस साल जनवरी में कोर्ट पर लौटीं और नादिया किचेनोक के साथ होबार्ट इंटरनेशनल खिताब जीता। हर वर्ग में पुरस्कार विजेता को दो हजार डॉलर मिलते हैं। सानिया ने यह रकम तेलंगाना मुख्यमंत्री राहत कोष में दे दी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

x

Check Also

आधिकारिक घोषणा UAE में होगा टी-20 वर्ल्ड कप

www.youngorganiser.com    Jammu (Tawi) 180001 (J&K Union Territory) Updated, 28th Jun. 2021, Mon. 04: 22  PM ...