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सरकार ने रिफाइंड पामतेल आयात का लाइसेंस रद्द किया

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Jammu (Tawi) 180001 (J&K Union Territory) Updated, 12 May 2020.

 Tue, 10:40 PM (IST) :Team Work: Arun Gavaskar , Siddharth, Kapish & Sampada Kerni

नयी दिल्ली: वास्तव में 20 लाख टन की मासिक खाद्य तेल की आवश्यकता की जगह कोविड-19 के कारण लागू लॉकडाउन की वजह से होटल और रेस्तरां बंद होने के कारण खाद्यतेलों की मांग में 32 प्रतिशत की कमी आई है। मंगलवार को सरकार ने 4.55 लाख टन रिफाइंड पाम तेल आयात के लिए जारी किए गए सभी 39 लाइसेंस कोरद्द कर दिए हैं। इस ककदम का स्वागत करते हुए साल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ने कहा कि इससे अवैध रूप से हो रहे सस्ते आयात पर अंकुश लगेगा और घरेलू तेलशोधक कंपनियों का बचाव होगा। खाद्य तेलों के अवैध आयात को रोकने के लिए, इस साल आठ जनवरी को रिफाइंड पामतेल आयात की प्रतिबंधात्मक सूची में डाल दिया गया था और कंपनियों को वाणिज्य मंत्रालय के तहत आने वाले विदेश व्यापार महानिदेशालय से आयात का लाइसेंस लेना आवश्यक बना दिया गया था। डी.जी.एफ.टी ने 11 मई के एक कार्यालय ज्ञापन में कहा डीजीएफटी ने विभिन्न कंपनियों को आयात करने के लिए 39 लाइसेंस जारी किए थे … वाणिज्य विभाग ने अपने फैसले की समीक्षा की है और इन सभी लाइसेंसों को रद्द करने का फैसला किया है। ये 39 लाइसेंस कुल 4,55301 टन रिफाइंड पामतेल के आयात के लिए थे और इसमें से ज्यादातर मात्रा 2.93 लाख टन नेपाल के रास्ते आयात होनी थी। नेपाल पामतेल का उत्पादन नहीं करता है। इसी तरह बांग्लादेश के रास्ते 12000 टन और इंडोनेशिया के रास्ते 1.5 लाख टन पाम तेल का आयात होना था। कई लाइसेंस पूर्वी भारत, विशेष रूप से पश्चिम बंगाल और बिहार में स्थित कंपनियों को जारी किए गए थे। आधिकारिक ज्ञापन में निदेशालय ने यह भी कहा कि यह संभव है कि इन लाइसेंसों के कारण कुछ आयात हुए भी हों। सरकार के फैसले की सराहना करते हुए मुंबई स्थित सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के कार्यकारी निदेशक बी वी मेहता ने कहा कि इंडोनेशिया और मलेशिया पामतेल के प्रमुख आपूर्तिकर्ता उेश हैं। लेकिन नेपाल और बांग्लादेश के रारस्ते शून्य आयात शुल्क पर अवैध रूप से इस तेल का आयात किया जाता है। उन्होंने बताया कि अगर इस तरह के मार्गों से आयात की अनुमति दी जाती है, तो इससे सरकार को भारी मात्रा में राजस्व का नुकसान होता है। उन्होंने कहा कि एस.ई.ए ने ऐसे आयात को रोकने के संबंध में वार्णिज्य मंत्रालय को कई ज्ञापन दिये थे। उन्होंने कहा कि रिफाइंड पामतेल का आयात पिछले कुछ महीनों से बढ़ रहा था जिससे घरेलू तेलशोधक कंपनियों का काम और स्थानीय नौकरियां प्रभावित हो रही थीं। एस.ई.ए के अनुसार, लाइसेंस के निलंबन से देश में खाद्यतेल की उपलब्धता प्रभावित नहीं होगी क्योंकि देश में खाद्य तेलों की पर्याप्त आपूर्ति है।

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