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समूचे उत्तर भारत में भूकंप के तेज झटके, घरों से बाहर निकले लोग
समूचे उत्तर भारत में भूकंप के तेज झटके, घरों से बाहर निकले लोग

समूचे उत्तर भारत में भूकंप के तेज झटके, घरों से बाहर निकले लोग

www.youngorganiser.com    Jammu (Tawi) 180001 (J&K Union Territory) Updated, 12th Feb. 2021.Fri, 11:09 PM (IST) : ( Article ) Taru. R.Wangyal  & Pawan Vikas Sharma , जम्मू और कश्मीर/ नई दिल्ली : समूचा उत्तर भारत शुक्रवार रात को आए भूकंप के तेज झटकों से कांप उठा। ये झटके 10 बजकर 31 मिनट पर राजस्थान, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, जम्मू और कश्मीर समेत समूचे उत्तर भारत में महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता के घबराकर कई इलाकों में लोग घरों से बाहर निकल आए। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.1 मापी गई है। हालांकि, अच्छी खबर यह है किअभी तककिसी भी तरह के जान-माल के नुकसान की खबर सामने नहीं आई है।उल्लेखनीय है कि आज ही राजस्थान के बीकानेर में भी रिक्टर पैमाने पर 4.3 तीव्रता वाले भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। भूकंप का केंद्र बीकानेर से लगभग 420 किलोमीटर उत्तरपश्चिम में था। यह भूकंप भारतीय समयानुसार सुबह 8:01 बजे सतह से आया था।

5 हिस्सों में बंटा है भारत का भूकंप जोन

भारतीय मानक ब्यूरो ने विभिन्न एजेंसियों से प्राप्त वैज्ञानिक जानकारियों के आधार पर पूरे भारत को पांच भूकंपीय जोनों में बांटा है। इसमें सबसे ज्यादा खतरनाक जोन 5 है। वैज्ञानिकों के अनुसार, इस क्षेत्र में रिक्टर स्केल पर 9 तीव्रता का भूकंप आ सकता है। जानिए भारत का कौन सा क्षेत्र किस जोन में स्थित है।

जोन 5

जोन-5 में पूरा पूर्वोत्तर भारत, जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्से, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड गुजरात में कच्छ का रन, उत्तर बिहार का कुछ हिस्सा और अंडमान निकोबार द्वीप समूह शामिल है। इस क्षेत्र में अक्सर भूकंप आते रहते हैं।

जोन-4

जोन-4 में जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के बाकी हिस्से, दिल्ली, सिक्किम, उत्तर प्रदेश के उत्तरी भाग, सिंधु-गंगा थाला, बिहार और पश्चिम बंगाल, गुजरात के कुछ हिस्से और पश्चिमी तट के समीप महाराष्ट्र का कुछ हिस्सा और राजस्थान शामिल है।

जोन-3

जोन-3 में केरल, गोवा, लक्षद्वीप द्वीपसमूह, उत्तर प्रदेश के बाकी हिस्से, गुजरात और पश्चिम बंगाल, पंजाब के हिस्से, राजस्थान, मध्यप्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और कर्नाटक शामिल हैं।

जोन-2

जोन-2 भूकंप की दृष्टि से सबसे कम सक्रिय क्षेत्र है। इसे सबसे कम तबाही के खतरे वाले क्षेत्र की श्रेणी में रखा गया है। जोन-2 में देश का बाकी हिस्से शामिल हैं।

जोन-1

भूकंप को लेकर दिल्ली बहुत संवेदनशील है। दिल्ली और इसके आसपास के इलाके को भूवैज्ञानिकों ने जोन 1 में रखा है। इस क्षेत्र में 7.9 तीव्रता तक का भूकंप आ सकता है। जिससे व्यापक तौर पर जनहानि संभव है।

भारतीय उपमहाद्वीप में विनाशकारी भूकंप आते रहे हैं। 2001 में गुजरात के कच्छ क्षेत्र में आए भूकंप में हजारों की संख्या में लोग मारे गए थे। भारत तकरीबन 47 मिलीमीटर प्रति वर्ष की गति से एशिया से टकरा रहा है। टेक्टॉनिक प्लेटों में टक्कर के कारण ही भारतीय उपमहाद्वीप में अक्सर भूकंप आते रहते हैं। हालांकि भूजल में कमी से टेक्टॉनिक प्लेटों की गति में धीमी हुई है।

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