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श्रीनगर के निजी मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल , ग्रुप के खिलाफ मिले टैक्स चोरी के सबूत
श्रीनगर के निजी मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल , ग्रुप के खिलाफ मिले टैक्स चोरी के सबूत

श्रीनगर के निजी मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल ग्रुप के खिलाफ मिले टैक्स चोरी के सबूत

www.youngorganiser.com    Jammu (Tawi) 180001 (J&K Union Territory) Updated, 21th Feb. 2021.Sun, 11:58 PM (IST) : Agency,     श्रीनगर : आयकर विभाग ने श्रीनगर के एक बड़े निजी मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल चलाने वाले समूह पर छापे के दौरान टैक्स चोरी के कई मामले हैं। आयकर विभाग ने तीन दिन पूर्व शुक्रवार को श्रीनगर में टैक्स सर्वे किया था। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड द्वारा जारी एक अधिकारिक बयान में हालांकि किसी भी समूह का नाम नहीं लिया गया है, लेकिन कहा जा रहा है कि यह श्रीनगर का निजी मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल चलाने वाला समूह है। बयान में कहा गया है कि 82.75 लाख रुपये नकद और 35.7 लाख रुपयों के आभूषण इस सर्वे के दौरान जब्त किए किए गए थे। समूूह के मालिक इस संपत्ति के बारे में कोई भी पुख्ता जानकारी नहीं दे पाए।आयकर विभाग ने इन छापों के दौरान एक बैंक लॉकर भी सील कर दिया है। इस समूह का काम सौ बिस्तरों की क्षमता वाला एक मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल चलाने के अलावा रियल एसटेट का काम भी है। समूह जमीन खरीद कर उसके प्लाट बनाता है और इसे फिर बेचता है। सबूतों के अनुसार पंजीकृत प्रापर्टी की कीमत से पचास फीसद से अधिक नकद में लिया जाता है। इस नकद राशि का कभी भी कर नहीं दिया गया। वित्त वर्ष 2013-14 के बाद इस समूह ने नकद में सौ करोड़ से अधिक का लेनदेन किया है। समूह ने बैंक के माध्यम से भी जो भुगतान किए हैं, उनकी भी जांच की जा रही है। प्राथमिक नजर में यह लग रहा है कि निवेश टैक्स के माध्यम से नहीं किया गया है।बेचने वाले और खरीदने वाले दोनों को ही कर देना होता है। सभी खरीददारियों के दौरान टीडीएस में हुई धांधलियों के कई मामले मिले हैं।यही नहीं स्टांप ड्यूटी चोरी का भी पता चला है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने इसकी जानकारी जम्मू-कश्मीर प्रशासन को भी दी है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने यी भी दावा किया है कि इस समूह ने कई प्लाट और भूमि लोगों से उपहार में ली हुई दिखाई है। इसमें उन्होंने किसी भी प्रकार की आय भी नहीं दिखाई है। बोर्ड ने कहा कि जिन लोगों ने भूमि दान की है, उनके मामलों की भी जांच होगी। टैक्स चोरी के एक और मामले पर केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने कहा कि समूह का एक व्यक्ति घरों में इस्तेमाल होने वाली चीजों के व्यापार में शामिल है। उसने छह महीने में दो करोड़ रुपयों की नकद खरीद की। इसमें भी उन्होंने टैक्स चोरी की। कई बेनामी जायदाद का पता भी चला है। इसे जब्त कर लिया गया है। इसकी जांच भी जारी है। अस्पताल की रसीद के मामलों की भी जांच हो रही है। अस्पताल ने वित्तीय वर्ष 2015-16 के बाद से औसतन टर्नओवर 10 से 12 करोड़ रुपये दिखाया है। लेकिन यहां से जो रसीद मिली हैं, वह टर्नओवर करीब चार गुणा अधिक है। चालू वित्त वर्ष में तीन करोड़ का भुगतान डाक्टरों को वेतन के रूप में किया गया है।

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