- ……… अमेरिका का पाकिस्तान को फिर झटका- बाइडेन प्रशासन भी नहीं देगा सुरक्षा सहायता………
- ……… भारत हमारे समय की बड़ी चर्चाओं को आकार देना जारी रखेगा % एस जयशंकर………
www.youngorganiser.com Jammu (Tawi) 180001 (J&K Union Territory) Updated, 26th May. 2021, Wed. 00: 16 AM (IST) : टीम डिजिटल: Arun Gavaskar & Gurmeet Singh संयुक्त राष्ट्र : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस से मुलाकात की और इस दौरान कोविड-19 महामारी के चलते उपजी चुनौतियों को लेकर व्यापक चर्चा की। बैठक के दौरान जयशंकर ने वैश्विक स्तर पर तत्काल और प्रभावी वैश्विक टीका समाधान तलाशने की महती आवश्यकता को रेखांकित किया। इस साल जनवरी में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में गैर स्थायी सदस्य के तौर पर भारत के शामिल होने के बाद जयशंकर की संयुक्त राष्ट्र प्रमुख से यह पहली मुलाकात थी। बैठक के दौरान विदेश मंत्री ने भारत के पड़ोस से संबंधित क्षेत्रीय चुनौतियों को लेकर भी विचार-विमर्श किया और कहा कि आतंकवाद और कट्टरपंथ का मुकाबला करना पूरे क्षेत्र के लिए प्राथमिकता रहा है। जयशंकर ने लगभग एक घंटे चली बैठक के बाद ट्वीट कर कहा, ” संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस के साथ बैठक में व्यापक चर्चा हुई। कोविड की चुनौतियों पर चर्चा के साथ ही वैश्विक स्तर पर तत्काल और प्रभावी वैश्विक टीका समाधान तलाशने की महती आवश्यकता को रेखांकित किया। अधिक उत्पादन एवं उचित वितरण सुनिश्चित करने के लिए टीका आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत किया जाना महत्वपूर्ण है। जयशंकर ने गुतारेस के साथ ऐसे समय में मुलाकात की है, जब भारत कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर से जूझ रहा है और उसे टीके की मांग और आपूर्ति के बीच भारी अंतर का सामना करना पड़ रहा है। विदेश मंत्री ने अन्य ट्वीट में कहा कि उन्होंने संयुक्त राष्ट्र प्रमुख के साथ पर्यावरण संबंधी कदमों पर भी विचार साझा किए। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की अहम भूमिका का भी उल्लेख किया और अगस्त में उसकी अध्यक्षता के दौरान प्राथमिकताओं को भी साझा किया। जयशंकर ने कहाशांति बनाए रखने के लिए समुद्री सुरक्षा एवं तकनीक मौजूदा समय की आवश्यकता है। अमेरिका का पाकिस्तान को फिर झटका- बाइडेन प्रशासन भी नहीं देगा सुरक्षा सहायता % पेंटागन ने सोमवार को कहा कि पाकिस्तान को दी जाने वाली सुरक्षा सहायता जो पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने निलंबित कर दी थी, उस पर अब भी रोक जारी है । अमेरिका की ओर से यह बात ऐसे समय कही गई है जब हाल में रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा से बात की तथा अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने जिनेवा में अपने पाकिस्तानी समकक्ष से मुलाकात की है। पेंटागन के प्रेस सचिव जॉन किर्बी ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा पाकिस्तान को अमेरिका की ओर से दी जाने वाली सुरक्षा सहायता अब भी निलंबित है। आगे इसमें कोई बदलाव होगा या नहीं इस बारे में मैं अभी कुछ नहीं कहना चाहता। किर्बी से सवाल किया गया था कि इस विषय पर पूर्ववर्ती ट्रंप प्रशासन की नीति की अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन प्रशासन ने समीक्षा की है या नहीं? उनसे पूछा गया था कि क्या इसमें कोई परिवर्तन किया गया है या पाकिस्तानी नेतृत्व के साथ इस मुद्दे पर चर्चा हुई है? अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जनवरी 2018 में पाकिस्तान को दी जाने वाली सभी सुरक्षा सहायता निलंबित करते हुए कहा था कि वह आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान की भूमिका तथा उसकी ओर से मिलने वाले सहयोग को लेकर संतुष्ट नहीं हैं। किर्बी ने बताया कि इससे पहले ऑस्टिन ने जनरल बाजवा से बात की और उनके साथ साझा हितों एवं लक्ष्यों के बारे में चर्चा की। उन्होंने बताया, ”रक्षा मंत्री ने अफगानिस्तान शांति वार्ता में पाकिस्तान के समर्थन की सराहना की और अमेरिका-पाकिस्तान द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने की अपनी इच्छा जाहिर की।” ऑस्टिन ने ट्वीट किया, ”मैंने दोहराया कि अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों की मैं सराहना करता हूं। क्षेत्रीय सुरक्षा तथा स्थिरता को बढ़ाने की खातिर मिलकर काम करने की इच्छा भी मैंने दोहराई।” सुलिवन ने भी एक दिन पहले अपने पाकिस्तानी समकक्ष मोईद यूसुफ से जिनेवा में मुलाकात की थी। भारत हमारे समय की बड़ी चर्चाओं को आकार देना जारी रखेगा % एस जयशंकर % विदेश मंत्री एस जयशंकर ने विश्वास व्यक्त किया है कि भारत ‘हमारे वक्त की बड़ी बहसों’ को आकार देना जारी रखेगा. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाय प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति और अन्य अधिकारियों तथा राजनयिकों से संवाद के बाद उन्होंने यह बात कही. इस साल जनवरी में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में गैर स्थायी सदस्य के तौर पर भारत के शामिल होने के बाद जयशंकर की यह पहली अमेरिका यात्रा है जिसमें रविवार की शाम वह न्यूयॉर्क पहुंचे. वह संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस से मंगलवार को मुलाकात करेंगे. तिरुमूर्ति, उपस्थायी प्रतिनिधि राजदूत के नागराज नायडू और संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन से राजनयिकों से मुलाकात के बाद जयशंकर ने सोमवार को ट्वीट किया, ‘राजदूत तिरुमूर्ति और न्यूयॉर्क में हमारी संयुक्त राष्ट्र की टीम के साथ रणनीति पर सार्थक सत्र हुआ. भरोसा है कि भारत हमारे समय की बड़ी बहसों को आकार देना जारी रखेगा.’ तिरुमूर्ति ने ट्वीट किया, ‘संयुक्त राष्ट्र में और 2021-22 के लिए सुरक्षा परिषद में हमारे प्रयासों को केंद्रित करने में मार्गदर्शन देने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर का आभार.’ न्यूयॉर्क से, जयशंकर वाशिंगटन जाएंगे जहां वह अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से मुलाकात करेंगे. विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि ब्लिंकन और जयशंकर कोविड-19, क्वाड समूह के माध्यम से हिंद-प्रशांत सहयोग को मजबूत करने के प्रयासों सहित कई मुद्दों पर चर्चा करेंगे और संयुक्त राष्ट्र एवं बहुपक्षीय सहयोग को बढ़ाएंगे. प्रवक्ता ने कहा, “ब्लिंकन विदेश मंत्री जयशंकर की यात्रा के दौरान उनसे मुलाकात करने के और कोविड-19 राहत, क्वाड के माध्यम से हिंद-प्रशांत सहयोग मजबूत करने के प्रयास सहित कई मुद्दों और साझा क्षेत्रीय सुरक्षा एवं आर्थिक प्राथमिकताओं पर चर्चा करने के इच्छुक हैं.’अपने समकक्ष से मुलाकात करने के अलावा जयशंकर अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन, बाइडन प्रशासन के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों, प्रभावशाली सांसदों, थिंक टैकों, कॉर्पोरेट क्षेत्र के नेताओं और भारतीय अमेरिका समुदाय के सदस्यों से भी मुलाकात करेंगे. जयशंकर-ब्लिंकन मुलाकात के दिन एवं समय की न तो अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने न ही भारत के विदेश मंत्रालय ने घोषणा की है. पश्चिम एशिया में बाइडन प्रशासन की शांति प्रक्रिया के प्रयासों के तहत ब्लिंकन सोमवार को वहां की संक्षिप्त यात्रा पर रवाना हुए. अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक क्यों न्यूज़ मीडिया संकट में है और कैसे आप इसे संभाल सकते हैं आप ये इसलिए पढ़ रहे हैं क्योंकि आप अच्छी, समझदार और निष्पक्ष पत्रकारिता की कद्र करते हैं. इस विश्वास के लिए हमारा शुक्रिया. आप ये भी जानते हैं कि न्यूज़ मीडिया के सामने एक अभूतपूर्व संकट आ खड़ा हुआ है. आप मीडिया में भारी सैलेरी कट और छटनी की खबरों से भी वाकिफ होंगे. मीडिया के चरमराने के पीछे कई कारण हैं. पर एक बड़ा कारण ये है कि अच्छे पाठक बढ़िया पत्रकारिता की ठीक कीमत नहीं समझ रहे हैं. हमारे न्यूज़ रूम में योग्य रिपोर्टरों की कमी नहीं है. देश की एक सबसे अच्छी एडिटिंग और फैक्ट चैकिंग टीम हमारे पास है, साथ ही नामचीन न्यूज़ फोटोग्राफर और वीडियो पत्रकारों की टीम है. हमारी कोशिश है कि हम भारत के सबसे उम्दा न्यूज़ प्लेटफॉर्म बनाएं. हम इस कोशिश में पुरज़ोर लगे हैं. दिप्रिंट अच्छे पत्रकारों में विश्वास करता है. उनकी मेहनत का सही वेतन देता है. और आपने देखा होगा कि हम अपने पत्रकारों को कहानी तक पहुंचाने में जितना बन पड़े खर्च करने से नहीं हिचकते. इस सब पर बड़ा खर्च आता है. हमारे लिए इस अच्छी क्वॉलिटी की पत्रकारिता को जारी रखने का एक ही ज़रिया है- आप जैसे प्रबुद्ध पाठक इसे पढ़ने के लिए थोड़ा सा दिल खोलें और मामूली सा बटुआ भी अगर आपको लगता है कि एक निष्पक्ष, स्वतंत्र, साहसी और सवाल पूछती पत्रकारिता के लिए हम आपके सहयोग के हकदार हैं तो नीचे दिए गए लिंक को क्लिक करें. आपका प्यार दिप्रिंट के भविष्य को तय करेगा. 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