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Lt. Gov. Manoj Sinha News by Young Organiser

वित्तीय प्रबंधन में सुशासन को बढ़ावा देना सरकार का मुख्य उद्देश्य : उपराज्यपाल मनोज सिन्हा

जम्मू कश्मीर में चुनौतियों के बावजूद जी.एस.टी में हुई बढ़ोतरी : उपराज्यपाल मनोज सिन्हा

www.youngorganiser.com    Jammu (Tawi) 180001 (J&K Union Territory) Updated, 19th May. 2021, Wed. 3:01 PM (IST) : टीम डिजिटल : Sampada Kerni & Kuldeep जम्मू :  उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने वित्त विभाग की साल 2020-21 की वार्षिक रिपोर्ट सुशासन को बढ़ावा देना को जारी किया जिसमें निर्माण कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही के बारे में जानकारी दी गई है। यह रिपोर्ट ई-बुक की शक्ल में है जिसमें वित्त विभाग द्वारा वित्तीय प्रबंधन के लिए उठाए गए कदमों की भी जानकारी है। इसमें ऑनलाइन बिलों की व्यवस्था, पेमेंट सिस्टम ,जीएसटी को सुचारू बनाना, ई स्टंपिंग, शराब के लाइसेंस की ई- नीलामी, डिजिटल पेमेंट, जम्मू कश्मीर बैंक में सुधार मेरा शहर मेरा गौरव व अन्य की जानकारी दी गई है। उपराज्यपाल ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर की वित्तीय प्रणाली एक पारदर्शी सिस्टम है। प्रणाली में पारदर्शिता लाने के लिए उठाए गए कदमों को अहम करार देते हुए उपराज्यपाल ने कहा कि बजट ऐस्टीमेशन एंड एलोकेशन मॉनिटरिंग सिस्टम (बीमस) को लागू किया गया है। जिससे बजट की प्रक्रिया ऑनलाइन है और मंजूर शुदा कामों के लिए धनराशि जारी की जाती है। इसके जरिए ऑनलाइन बिल जमा करवाए जा सकते हैं। आवश्यक प्रशासनिक मंजूरी, तकनीकी मंजूरी, ई टेंडरिंग ,डिजिटल पेमेंट, वित्तीय प्रबंधन का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि इनेबलिंग मॉनिटरिंग एंड पब्लिक ओवरव्यू आफ वर्कर्स बीइंग एग्जिक्यूटिड एंड रिसोर्स फॉर मीनिंगफुल ट्रांसपेरेंसी (एंपावरमेंट) पोर्टल के जरिए पारदर्शिता लाई गई है और यह पोर्टल निर्माण कार्यों को देखता है। बैक टू विलेज, जिला बजट, केंद्र शासित प्रदेश का बजट और अन्य जानकारियां ई- बुक में हैं। केंद्र शासित प्रदेश में यह पहली बार हुआ है जब लोगों को सरकार की तरफ से किए गए कार्यों को देखने और निगरानी करने का मौका मिला है। साल 2020-21 के 18 हजार कार्य एंपावरमेंट पोर्टल पर उपलब्ध है। सरकार चार पी के मंत्र पर विश्वास करती है जिसमें शांति, खुशहाली, तरक्की और पहले लोग पहले शामिल हैं। इसके जरिए जम्मू कश्मीर को आत्मनिर्भर बनाकर उसका विकास किया जा रहा है। उपराज्यपाल के साथ मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रहमण्यम, बिजली विभाग के प्रमुख सचिव रोहित कंसल, डिवीजनल कमिश्नर जम्मू डा. राघव लंगर, डिप्टी कमिश्नर अंशुल गर्ग, स्वास्थ्य निदेशक डा1 रेनू शर्मा भी थे। वहीं डीआरडीओ के चीफ इंजीनियर अनिल खुराना, हरप्रीत सिंह, कमलेश कुमार थे। जम्मू कश्मीर में चुनौतियों के बावजूद जी.एस.टी में हुई बढ़ोतरी : उपराज्यपाल मनोज सिन्हा-उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि वर्ष 2020-21 में जीएसटी के राजस्व वसूली कोरोना की चुनौतियों के बावजूद बढ़ोतरी हुई है। पिछले वर्ष अप्रैल, मई और जून में लॉकडाउन के बावजूद जीएसटी में बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2020- 21 में जीएसटी 4890. 35 करोड़ रहा है जबकि 2019-20 में यह 4750. 60 करोड़ था। इससे पता चलता है कि 2.94 फीसद की बढ़ाेतरी हुई है। कोरोना के बावजूद एक्साइज राजस्व वसूली 2020-21 में 5. 36 फीसद की वृद्धि हुई है और वर्ष 2020 में एक्साइज राजस्व की वसूली 1353.43 करोड़ रही है। वित्तीय प्रणाली में बदलाव यह है कि ट्रैजिरयों के जरिए निर्धारित समय पर पेमेंट की जा रही है। पेमेंट में सुधार लाया गया है और पेमेंट जारी करने में देरी नहीं की जा रही है। जम्मू कश्मीर सरकार ने वर्ष 2020-21 में नकद लेन देन को शामिल किए बिना इलेक्ट्रॉनिक मोड से पेमेंट सिस्टम को बढ़ावा दिया है। इससे पारदर्शिता आई है और समय बचा है। सरकारी बिजनेस में जवाबदेही तय हुई है। विभिन्न योजनाओं के लिए अस्सी लाख लाभांवितों को सीधे खाते में धनराशि दी गई है। सीधे खातों में धनराशि का सिस्टम लागू करने से पीडीएस में ही दो लाख फर्जी मामलों को बाहर निकाला गया। वहीं साढ़े चार लाख चुपचाप बैठे लाभांवितों को निष्क्रिय किया गया। उपराज्यपाल ने कहा कि पिछले साल 1353 करोड़ रुपये का आर्थिक पैकेज जारी किया गया था। जिसमें पांच फीसद ब्याज माफ करके 3.44 लाख लोगों को 750 करोड़ का फायदा किया गया। इससे बिजनेस को बहाल करने में मदद मिली। साल 2014 के बाढ़ प्रभावित लोगों 4542 लोगों का 37.32 करोड़ रुपये का पांच फीसद ब्याज माफ किया गया। बिजनेस ब्याज राहत योजना के तहत 20228 लोगों को 102.31 करोड़ की राहत दी गई। युवाओं को सशक्त बनाने के लिए मुमकिन योजना लांच की गई थी इसने जम्मू कश्मीर के युवाओं को जीने की राह दिखाई और इसका मकसद था यह सब्सिडी पर छोटे व्यवसायिक वाहन युवाओं को दिए जाएं। बैक टू विलेज कार्यक्रम के तहत 4000 अधिकारियों ने पंचायतों में रात दिन बिताई जिसका मकसद यह था कि लोगों को सुशासन दिया जाए। बैक टू विलेज के पहले और दूसरे कार्यक्रम में 4000 प्रोजेक्ट पूरे किए गए। बैक टू विलेज के तीसरे चरण में हर पंचायत को दस-दस लाख रुपये की धनराशि दी गई। बैक टू विलेज के तीसरे कार्यक्रम में बीस हजार रुपये की स्पोर्ट्स किट हर ग्राम पंचायत को दी गई। 20 हजार युवाओं को बैंक से मदद के लिए चुना गया है । वित्त विभाग ने मेरा शहर मेरा गौरव के शहरों में विकास के लिए 57 करोड़ जारी किए हैं।

 

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