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Jammu (Tawi) 180001 (J&K Union Territory) Updated, 16 May 2020.
Sat, 11:47 PM (IST) :Team Work: Kuldeep & Pawan Vikas Sharma
श्री माता वैष्णो देवी : श्रद्धालु की संख्या प्रतिदिन 5000 से 6000 करने पर हो रहा विचारः श्राइन बोर्ड के सी.ई.ओ रमेश कुमार ने बताया कि श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड सभी पहलुओं पर गंभीरता से विचार कर रहा है और सभी एक्सपोर्ट के सुझावों को भी इसमें शामिल किया जाएगा ताकि भविष्य में श्री श्रीयादे भविष्य में वैष्णो देवी यात्रा शुरू होने से पहले सभी तैयारियां पूरी हो सकें। इसके लिए मुख्यता श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड श्रद्धालु की संख्या प्रतिदिन 5000 से 6000 करने के बारे में विचार कर रहा है। बताया जा रहा है कि वैष्णो देवी यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं के लिए आने-जाने के लिए अलग मार्ग होंगे। भविष्य में हेलीकॉप्टर या फिर बैटरी कार में सफर को लेकर भी शारीरिक दूरी की शर्तों का विशेष ध्यान रखा जाएगा। रमेश कुमार ने कहा कि फिलहाल श्राइन बोर्ड सभी सुझावों तथा पहलुओं पर गंभीरता से अपना कार्य जारी रखे हुए हैं और जल्द ही कुछ अन्य विशेषज्ञों से भी विचार विमर्श करने के साथ ही राय ली जाएगी ताकि श्रद्धालुओं को भी अपनी वैष्णो देवी यात्रा के दौरान किसी भी तरह की परेशानी न हो। वैष्णो देवी यात्रा में 40 से 50 फीसद तक श्रद्धालु आर्थिक तौर पर कमजोर वर्ग होते हैं। उनके पास शायद स्मार्टफोन न हो। ऐसे में उनके लिए क्या व्यवस्था की जाए, इस पर भी विचार किया जाएगा। गृह मंत्रालय की अनुमति मिलते ही यात्रा आरंभ हो जाएगी। श्राइन बोर्ड अपनी तैयारियां जल्द पूरी कर लेगा। मार्ग पर फोरलेन सैनिटाइजर टनल लगाने की योजनाः मां वैष्णो देवी के दर्शन को लेकर भवन पर गुफा से लेकर मनोकामना भवन तक क्यूबिक फ्लेक्सिग्लास लगाने की योजना है। इसे लेकर एक घंटे में 470 से 490 श्रद्धालु मां के दर्शन कर सकेंगे। इसके साथ अर्धकंवारी, वैष्णो देवी भवन तथा भैरव घाटी में सैनिटाइजर टनल के निर्माण करने की योजना है। बाणगंगा के साथ ही नए ताराकोट मार्ग, अर्धकंवारी, वैष्णो देवी भवन तथा भैरव घाटी आदि पर थर्मल स्कैनिंग भी की जाएगी। भोजनालय और लंगर स्थल पर श्रद्धालुओं की भीड़ एकत्रित न हो, इसके लिए टोकन सिस्टम शुरू किया जाएगा। यह सभी सुझाव यात्रा पर्ची पर अंकित होंगे। यात्रा पर्ची उपलब्ध होते ही श्रद्धालुओं को करीब आधे घंटे के भीतर अपनी वैष्णो देवी यात्रा शुरू करनी होगी। पहले यात्रा पर्ची लेने के उपरांत उपरांत श्रद्धालुओं को कटरा से 6 घंटे के भीतर यात्रा करने की अनुमति थी। वैष्णो देवी भवन के साथ ही सभी मार्गों पर फुट सैनिटाइजर लगाने की योजना है। होटल व रेस्त्रां मालिकों ने की चर्चाः होटल व रेस्त्रां संघ कटरा तथा पीएचडीसीसीआइ जम्मू के सदस्यों ने वेबिनार का आयोजन कर अधिकारियों के समक्ष अपनी चिंताएं रखीं। इसमें राज्यपाल के पूर्व सलाहकार परवेज़ दीवान, श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के सीईओ रमेश कुमार, डीआइजी उधमपुर रियासी रेंज सुजीत कुमार सिंह के अलावा कई व्यापारी भी शामिल हुए।इनमें होटल व रेस्त्रां एसोसिएशन तथा प्रमुख व्यापारी संगठनों ने श्राइन बोर्ड को यात्रा आरंभ करने के संदर्भ में अपने सुझाव दिए। इसमें श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के सदस्य के बी काचुरू, एमडी सनोबर होटल तथा रिजॉर्ट अजय बकाया, चीफ एडिटर डेफिनेशन इंडिया पत्रिका नवीन वेरी, प्रधान पीएचडीसीसीआई डीके अग्रवाल, गिरीश ओबरॉय, अनिल खेतान, संजय अग्रवाल उप प्रधान पीएचडीसीसीआई, श्यामलाल केसर चेयरमैन कटरा होटल व रेस्तरां संघ, प्रदीप मुल्तानी उपप्रधान पीएचडीसीसीआई, राहुल सहाय के साथ ही कटड़ा प्रेस क्लब प्रधान राकेश शर्मा, महासचिव अरुण शर्मा भी मौजूद थे।लॉकडाउन शुरू होने से एक सप्ताह पहले 18 मार्च को रोकी गई श्री माता वैष्णो देवी यात्रा को बहाल करने की योजना तैयार हो गई है। लॉकडाउन खुलते ही रोजाना पांच से छह हजार श्रद्धालुओं को ऑनलाइन पंजीकरण से दर्शन की अनुमति दी जाएगी। श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड प्रशासन की योजना के तहत मनोकामना भवन से माता के भवन तक क्यूबिक फ्लैक्सिग्लास लगाकर एक घंटे में 470 से 490 श्रद्धालु माता की पवित्र पिंडियों के दर्शन कर सकेंगे।श्राइन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) रमेश कुमार ने यह जानकारी यात्रा से जुड़े हितधारकों के साथ एक वीडियो कांफ्रेंसिंग में दी। शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग में पूर्व राज्यपाल के सलाहकार परवेज दीवान, बोर्ड के सदस्य, पुलिस अधिकारी और यात्रा से जुड़े व्यवसाइयों के प्रतिनिधि शामिल हुए। होटल उद्योग से लेकर अन्य व्यवसाइयों के प्रतिनिधियों से सुझाव भी लिए गए।सीईओ ने बताया कि लॉकडाउन की पाबंदियों में यात्रा शुरू नहीं की जा सकती। गृह मंत्रालय से अनुमति मिलने पर इस वैकल्पिक योजना को फौरन अमल में लाने की तैयारी की जा रही है। योजना का क्रियान्वयन सरकार की अनुमति पर निर्भर करेगा। सीईओ ने कहा कि श्री माता वैष्णो देवी यात्रा मार्ग को कोरोना वायरस से मुक्त रखना प्राथमिकता होगा। हर श्रद्धालु की स्वास्थ्य सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अगले छह माह के लिए श्रद्धालुओं की सीमित संख्या के साथ यात्रा चलाने का प्रस्ताव है। छह माह की परिस्थितियों को देखते हुए ही यात्रियों की संख्या में परिवर्तन पर कोई विचार किया जाएगा।थर्मल स्क्रीनिंग, फुट ऑपरेटेड सैनिटाइजर लगेंगेयात्रा मार्ग को संक्रमण मुक्त रखने के लिए बाणगंगा, नया ताराकोट मार्ग, अर्धकुंवारी, वैष्णो देवी भवन और भैरव घाटी में थर्मल स्क्रीनिंग और फुट ऑपरेटेड सैनिटाइजर लगेंगे। पूरे यात्रा मार्ग पर श्रद्धालुओं की लोकेशन पर जीपीएस ट्रैकिंग से नजर रखी जाएगी। फोरलेन सैनिटाइजिंग टनल भी लगेंगी।सी.ई.ओ ने कहा कि माता वैष्णो देवी के दर्शनार्थियों में 40 से 50 फीसदी श्रद्धालुओं के पास स्मार्ट फोन अथवा मोबाइल फोन भी नहीं होता। ऐसे श्रद्धालुओं को यात्रा का अवसर देने के लिए विशेषज्ञों के साथ विचार-विमर्श चल रहा है।कटड़ा, राकेश शर्मा। कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरों के कारण बंद की गई श्री माता वैष्णोदेवी की यात्रा प्रशासन फिर से आरंभ करने की तैयारी कर रहा है। यात्रा शुरुआती चरणों में सीमित स्तर पर ही चलाए जाने की तैयारी है। फिलहाल यात्रा का आकार व स्वरूप क्या रहेगा उस पर मंथन चल रहा है। बताया जा रहा है कि प्रतिदिन पांच हजार लोगों को ही यात्रा की अनुमति दी जा सकती है। हालांकि इस पर अंतिम फैसला केंद्र ही करेगा। श्रीमाता श्राइन बोर्ड ने लॉकडाउन से पूर्व ही 18 मार्च को श्रीमाता वैष्णो देवी यात्रा स्थगित कर दी थी। अब नई रियायतों के साथ लॉकडाउन का चौथा चरण आरंभ होने वाला है। इस बीच श्राइन बोर्ड ने अपनी तैयारियों को आरंभ कर दिया है।कटरा में पंजीकरण केंद्र पर श्रद्धालुओं को यात्रा पर्ची उपलब्ध करवाने के बजाय पंजीकरण ऑनलाइन करने की तैयारी है। एक विशेष एप का निर्माण किया जाएगा जिसके भीतर श्रद्धालु की ट्रैवल हिस्ट्री के साथ ही उसकी पूरी जानकारी होगी और श्रद्धालु का मोबाइल जीपीएस के साथ कनेक्ट कर भवन मार्ग पर जीपीएस सिस्टम लगाया जाएगा ताकि श्रद्धालु की हर मूवमेंट के बारे में श्राइन बोर्ड को पता चल सके। सूत्रों ने बताया कि यात्रा केवल पैदल मार्ग से ही फिलहाल आरंभ की जाएगी और यह संभव हो सकता है कि यात्रा के लिए पूर्व पंजीकरण अनिवार्य किया जाएगा। श्राइन बोर्ड से जुड़े अधिकारी ने स्वीकारा कि वह यात्रा के लिए तैयार हैं लेकिन फैसला उच्च स्तर पर ही होगा। इस पर कई दौर का मंथन भी हो चुका है। इस सुझाव पर भी मंथन किया जा रहा है कि यात्रा में पांच से छह हजार ही लोग रहें ताकि मार्ग पर उचित शारीरिक दूरी का पालन हो। श्रद्धालु ताराकोट मार्ग से जाएंगे और दूसरे मार्ग से वापस लौटेंगे। इसके लिए यात्रा मार्ग पर कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए विषाणुनाशक टनल लगाने की भी तैयारी है।