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मोदी सरकार के 7 साल को सेवा दिवस का नाम व विदेश नीति

www.youngorganiser.com    Jammu (Tawi) 180001 (J&K Union Territory) Updated, 31th May. 2021, Mon. 01: 10 AM (IST) : ( Article ) टीम डिजिटल Pawan Vikas भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार के 30 मई को सात वर्ष पूरे होने के मौके को पार्टी ने ‘सेवा दिवस’ के तौर पर इसे मनाया है। भाजपा के मीडिया प्रभारी और मुख्य प्रवक्ता अनिल बलूनी ने शनिवार को यहाँ जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा भाजपा विभिन्न सेवा कार्यों के माध्यम से देश की जनता तक पहुंचेगी और कोरोना के खिलाफ विशेष सेवा अभियान चलाएगी। मनाने का निर्णय लिया है भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने पार्टी पदाधिकारियों, सांसदों, विधायकों और कार्यकर्ताओं का आह्वान करते हुए कहा है कि वैश्विक कोरोना संकट के मद्देनजर दुनिया भर में मानवता के लिए त्रासदी के इस क्षण पार्टी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की सातवीं वर्षगांठ पर किसी प्रकार का कोई समारोह आयोजित नहीं करेगी बल्कि पार्टी के सभी कार्यकर्ता समर्पित भाव से मानवता की सेवा में जुटेंगे और जनता की सेवा करेंगे। मोदी जी मार्गदर्शन और श्री नड्डा के नेतृत्व में भाजपा सेवा ही संगठन 2.0 अभियान के तहत देश के लगभग एक लाख गाँवों में कोविड से संबंधित विशेष राहत एवं बचाव अभियान चलाएगी। इनमें उन गावों का खासतौर से चयन किया जाएगा, जहां कोरोना के मामले मिले हैं। भाजपा ने एक लाख गांव तक पहुंचने के लिए केंद्रीय नेताओं से लेकर बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं की अलग-अलग जिम्मेदारी तय की है। पार्टी सांसदों और विधायकों के अलावा केंद्रीय मंत्रियों व राज्यों के मंत्रियों को कम से कम दो गांवों में इसी प्रकार के अभियान में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने को कहा गया है। वे अपने हाथों से लोगों के बीच बीच राहत सामग्री वितरित करेंगे। इसमें सैनिटाइजर, मास्क और ऑक्सीमीटर के साथ-साथ कोरोना से निपटने में काम आने वाली वस्तुएं शामिल हैं। पार्टी कार्यकर्ता इस अवसर पर कोविड प्रोटोकॉल के साथ गरीबों और जरूरतमंदों के बीच खाद्य सामग्री बांटेंगे और टीकाकरण अभियान के प्रति लोगों को जागरूक करेंगे। इसके साथ-साथ देश भर पाटर्ी कार्यकर्ता रक्तदान शिविर भी लगायेंगे जिसमें भाजपा के सभी मोर्चो के लगभग 50,000 कार्यकर्ता रक्तदान करेंगे। कई जगह स्वच्छता अभियान भी चलाया जाएगा। भाजपा अध्यक्ष ने भाजपा शासित राज्यों से कोरोना महामारी से अनाथ बच्चों के पुनर्वास के लिए अलग से विशेष योजना चलाने का आह्वान किया है ताकि उनका भविष्य सुरक्षित किया जा सके। प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से भाजपा ने जानकारी दी कि सेवा ही संगठन 2.0 अभियान के तहत अब तक पार्टी कार्यकर्ताओं ने देश भर में लगभग 2,000 ब्लड डोनेशन कैंप लगाए हैं। जरूरतमंदों की मदद के लिए जिला स्तर तक लगभग 41,00 कोविड हेल्पलाइन केंद्रों की स्थापना की गई है। इस अभियान के तहत अब तक 98 लाख से अधिक फेस मास्क का वितरण किया है। पार्टी कार्यकर्ताओं की ओर से देश भर में लगभग 30 लाख घरों में भोजन पहुंचाया गया है और 18 लाख घरों में राशन किट पहुंचाई गई है। भाजपा ने कोरोना आपदा के दौरान जनता के हितों के लिए केंद्र सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में कोविड-19 की दूसरी लहर को भी काफी हद तक नियंत्रित कर लिया गया है। इस बीच सरकार द्वारा देशभर में स्वास्थ्य सुविधाओं, दवा उत्पादन, ऑक्सीजन, की उपलब्धता एवं उत्पादन, चिकित्सालय का सुद्दढ़ीकरण एवं विस्तार जिस बड़े पैमाने पर हुआ वह उल्लेखनीय है। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हिंद-प्रशांत क्षेत्र में ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका का अनौपचारिक ‘क्वाड’ समूह समकालीन समय में उपजे बेहद महत्वपूर्ण अंतर को पाटता है, और नई दिल्ली इसमें (क्वाड में) अपनी सदस्यता को लेकर स्पष्ट है. क्वाड का लक्ष्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की आक्रामक कार्रवाइयों के बीच सामरिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण क्षेत्र में नियम आधारित व्यवस्था को मजबूत करना है शुक्रवार को यहां अपनी अधिकांश बैठकों के खत्म होने के बाद भारतीय पत्रकारों के एक समूह को उन्होंने बताया, ‘समकालीन समय में, जहां वैश्विक और क्षेत्रीय जरूरतें हैं जिन्हें एक देश द्वारा पूरा नहीं किया जा सकता, उभरे एक बेहद महत्वपूर्ण अंतर को आज क्वाड पाटता है. इस अंतर को किसी एक द्विपक्षीय रिश्ते से भी दूर नहीं किया जा सकता और बहुपक्षीय स्तर पर भी इसका समाधान नहीं किया जा रहा है.’अमेरिका की आधिकारिक यात्रा पर पहुंचे जयशंकर 20 जनवरी को जो बाइडन के अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद से देश की यात्रा पर आने वाले पहले भारतीय कैबिनेट मंत्री हैं. उन्होंने कहा कि क्वाड में अपनी सदस्यता को लेकर भारत का रुख साफ है. साथ ही कहा कि वह पिछले कई वर्षों से इस समूह की प्रगति में व्यक्तिगत तौर पर शामिल रहे हैं तब से जब वह भारत के विदेश सचिव थे. जयशंकर ने कहा, ‘हम क्वाड के सदस्य हैं. हम जब किसी भी चीज के सदस्य होते हैं तो हम उसे लेकर बहुत उत्सुक होते हैं नहीं तो हम इसके सदस्य ही नहीं होते. क्वाड पर हमारा रुख साफ है.’ विदेश मंत्री और बाइडन प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों के बीच जिन प्रमुख मुद्दों पर चर्चा हुई उनमें क्वाड का मुद्दा भी शामिल था. उन्होंने अपनी यात्रा के दौरान विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन, रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन से मुलाकात की. मंत्री ने कहा, ‘क्वाड पहले भी और अब भी हाल के वर्षों में नौवहन सुरक्षा एवं संपर्क पर चर्चा करता है. इसने प्रौद्योगिकी, आपूर्ति श्रृंखला और टीका उत्पादन के मुद्दों पर भी चर्चा शुरू कर दी है. इसके अलावा नौवहन सुरक्षा को भी लेकर कुछ मुद्दे हैं. कुल मिलाकर, कई तरह के मुद्दे हैं.’ किसी देश का नाम लिए बिना जयशंकर ने कहा कि ‘बहुत, बहुत चिंताएं’ हैं जिन्हें किसी न किसी को तो देखना होगा. विदेश मंत्री ने कहा कि बड़े देश इसमें बड़ी भूमिका निभा सकते हैं. हालांकि, देशों का समूह मिलकर साझा हितों एवं स्थितियों को लेकर चर्चा करे तो अधिकांश मुद्दों का हल हो जाएगा. उन्होंने कहा, ‘तो हम इस तरह क्वाड को देखते हैं. क्वाड कई देशों के हितों के सम्मिलन की अभिव्यक्ति है. यह कई मायनों में दुनिया की समकालीन प्रकृति का प्रतिबिंब है.जहां यह एक समुच्चय नहीं है, आप जानते हैं.किसी न किसी स्तर पर हमें शीतयुद्ध को पीछे छोड़ना होगा. सिर्फ वो लोग जो अब भी शीत युद्ध में उलझे हुए हैं वे क्वाड को नहीं समझ सकते.’ क्वाड या चार पक्षीय सुरक्षा वार्ता की शुरुआत 2007 में हुई थी जिसका हिस्सा ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका हैं. क्वाड के सदस्य राष्ट्रों ने क्षेत्र में चीन की बढ़ती आक्रामकता के बीच हिंद-प्रशांत में नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को कायम रखने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है. चीन हिंद-प्रशांत क्षेत्र और उससे इतर भी अपनी सैन्य शक्ति को दर्शाता रहता है और दक्षिण चीन सागर व पूर्वी चीन सागर दोनों में ही उसके कई देशों के साथ क्षेत्रीय विवाद हैं. चीन दक्षिण चीन सागर के लगभग समूचे 13 लाख वर्ग मील क्षेत्र को अपना संप्रभु क्षेत्र बताते हुए उस पर दावा करता है. चीन ने इस क्षेत्र के कई द्वीपों और चट्टानों पर सैन्य ठिकाने बनाकर इनका सैन्यीकरण कर लिया है. चीन क्षेत्र में कृत्रिम द्वीपों पर सैन्य अड्डों का निर्माण कर रहा है, जबकि इस क्षेत्र पर ब्रूनेई, मलेशिया, फिलीपीन, ताइवान और वियतनाम भी दावा करते हैं. दक्षिण और पूर्वी चीन सागर के नौवहन क्षेत्र खनिज, तेल और प्राकृतिक गैस के लिहाज से समृद्ध बताए जाते हैं और वैश्विक व्यापार की दृष्टि से भी अहम हैं. चीन क्वाड के गठन का विरोध करता है और मार्च में चीन के विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा था कि देशों के बीच विनिमय और सहयोग से परस्पर समझ और भरोसा बढ़ने में मदद मिलनी चाहिए, न कि इसका इस्तेमाल किसी तीसरे पक्ष को निशाना बनाने या उसे नुकसान पहुंचाने के लिये होना चाहिए?

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