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मैं कुछ भी कर सकती हूं’ की अभिनेत्री मीनल का इंटरव्यू

www.youngorganiser.com// Mumbai  Fri,22,Feb,2019. updated,1:10 PM IST ( Tamana kapoor, Young Organiser Jammu)

  1. मैं कुछ भी कर सकती हूँ यह कार्यक्रम मनोरंजन के साथ लोगों को शिक्षित भी करता हैं. क्या आपको लगता हैं की ऐसे कार्यक्रमों के प्रति दर्शक आज भी रूचि रखते हैं?  उत्तर- मुझे ऐसा लगता हैं की आज भी ‘मैं कुछ भी कर सकती हूं’ जैसे कार्यक्रमों में लोग काफी रूचि रखते हैं और वे ऐसे शोज देखना चाहते हैं. आज ऐसे कार्यक्रमों की समाज को सख्त ज़रूरत हैं. दुनिया भर में पर्याप्त सबूत हैं, जिसमें ‘मैं कुछ भी कर सकती हूँ’ के पहले दो सत्रों को मिली प्रतिक्रिया भी शामिल है, जिससे यह साबित होता हैं कि इस तरह के कार्यक्रम न केवल लोकप्रिय हैं, बल्कि वे लोगों के ज्ञान में महत्वपूर्ण बदलाव लाने के साथ ही उनके दृष्टिकोण और सामाजिक मानदंडों को भी संबोधित करते हैं।
  2. यह शो का तीसरा सीजन हैं. इसके पहले के दो सीजन्स में किन विषयों पर चर्चा की गयी?  उत्तर- जहां पहले सीज़न में बाल विवाह, लैंगिक भेदभाव, सेक्स-चयनात्मक प्रथाओं, महिलाओं और बाल स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया गया था, वहीं देसरे सीजन में किशोर मुद्दों और विषयों पर चर्चा की गई, जिन पर लोग शायद ही चर्चा कर सकें जबकि यह विषय लोगों के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं.
  3. क्या आपको लगता है कि सामाजिक बदलाव लाने या कम से कम लोगों को शिक्षित करने के लिए टेलीविजन एक सशक्त माध्यम है? उत्तर- टेलीविजन निश्चित रूप से एक बहुत शक्तिशाली माध्यम है। इसकी विशाल पहुंच है और लोग अपने खाली समय में टीवी देखते हैं जबकि कई अपने पसंदीदा शो देखने के लिए समय निकालते हैं। वे अपने पसंदीदा सितारों का अनुसरण करते हैं और उनकी जीवन शैली का अनुकरण करते हैं। इसलिए यदि कोई जीवन शैली में बदलाव करना चाहता है, तो टीवी का उपयोग अधिक सार्थक तरीके से किया जाना चाहिए।
  4. आपके अनुसार इस शो की लोकप्रियता को किस घातक ने बढ़ावा दिया?  उत्तर- शो में मुख्य रूप से मजबूत पात्रों के साथ बुने गए स्पष्ट संदेश के साथ संयुक्त रूप से मनोरंजन किया गया है। समाज में प्रचलित वर्तमान वास्तविकताओं के लिए इसकी प्रासंगिकता ने इसे लोकप्रिय बना दिया क्योंकि यह लोगों के वास्तविक जीवन के मुद्दों से जुड़ा हैं. इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि इसने इन मुद्दों को न केवल संबोधित किया बल्कि समाधानकारक उपाय भी पेश किये गए.
  5. ‘मैं कुछ भी कर सकती हूँ’ जैसे शो के लिए किस तरह के शोध की आवश्यकता है? उत्तर- ‘मैं कुछ भी कर सकती हूँ’ के लिए बहुत सारे जमीनी शोध किए गए हैं क्योंकि स्क्रिप्ट में शामिल सभी चीजें वास्तविक जीवन के अनुभवों पर आधारित हैं। इसके अलावा इन समस्याओं के समाधान मौजूदा मानसिकता को ध्यान में रखते हुए प्रस्तुत किए जाते हैं और स्थानीय समाधानों पर निर्मित होते हैं जिन्हें लोगों ने खुद हासिल किया है।
  6. क्या भारत में अधिक सामजिक रूप से प्रासंगिक कार्यक्रमों की आवश्यकता हैं? उत्तर- भारत के साथ ही दुनिया को सामाजिक रूप से अधिक प्रासंगिक कार्यक्रमों की जरूरत है। लिंग, जाति और वर्ग के आधार पर बहुत सारी असमानता व्याप्त है जिसे मिटाने की आवश्यकता है। सभी लोगों के साथ समान व्यवहार किया जाना चाहिए। जब हम एक इंसान को अन्य लोगों से ज़्यादा प्रधानता देते हैं, हम एक गलती कर बैठते हैं. हमें शिक्षित होने के साथ ही यह समझना भी जरुरी हैं कि एक जीवन उतना ही कीमती है जितना कि दूसरा।

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