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संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख ने कहा कि चीन के शिनजियांग क्षेत्र में मानवाधिकार की स्थिति पर चिंता हा कि 'स्वतंत्र और व्यापक' समीक्षा की जाने की जरूरत
***संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख ने कहा कि चीन के शिनजियांग क्षेत्र में मानवाधिकार की स्थिति पर चिंता हा कि 'स्वतंत्र और व्यापक' समीक्षा की जाने की जरूरत ?

मुस्लिमों पर यात्रा प्रतिबंध को भविष्य में रोकने के लिए विधेयक पेश

www.youngorganiser.com    Jammu (Tawi) 180001 (J&K Union Territory) Updated, 28th Feb. 2021, SUN. 11:29 PM (IST) :         ( Article ) Sampada Kerni ,Siddharth & Kapish Sharma          संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख ने कहा कि चीन के शिनजियांग क्षेत्र में मानवाधिकार की स्थिति पर चिंता हा कि ‘स्वतंत्र और व्यापक’ समीक्षा की जाने की जरूरत है। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि चीन में कार्यकर्ताओं, वकीलों और मानवाधिकार के रक्षकों पर झूठे मामले चलाकर उन्हें बंदी बनाया जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयुक्त मिचशेल बैशलेट ने कहा कि उनका कार्यालय, शिनजियांग की यात्रा के लिए ‘परस्पर सहमति वाले बिंदुओं’ पर काम कर रहा है। अमेरिका में डेमोक्रेटिक पार्टी के 140 सांसदों ने भविष्य में मुसलमानों पर यात्रा प्रतिबंध लगाने से रोकने के लिए और धार्मिक आधार पर भेदभाव को रोकने के लिए कांग्रेस (संसद) में एक विधेयक को फिर से पेश किया है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मुस्लिम यात्रा प्रतिबंध संबंधी विधेयक पेश किया था जिसमें मुस्लिम बहुल देशों को निशाना बनाया गया था तथा ईरान, उत्तर कोरिया, सीरिया, लीबिया, यमन, सोमालिया और वेनेजुएला के लोगों के प्रवेश को प्रतिबंधित कर दिया था। राष्ट्रपति जो बाइडन ने कार्यभार संभालने के पहले ही दिन मुसलमानों पर लगे यात्रा प्रतिबंध को खत्म कर दिया था। सदन की न्यायिक समिति के प्रमुख जेरोल्ड नडलर और जूडी चू ने राष्ट्रीय मूल-आधारित गैर प्रवासियों के लिए भेदभाव रोधी (नो बैन) अधिनियम को शुक्रवार को प्रतिनिधिसभा में पेश किया जबकि सीनेट में सीनेटर क्रिस कॉन्स ने इसे पेश किया। भारतीय-अमेरिकी सांसद अमी बेरा, रो खन्ना, प्रमिला जयपाल और राजा कृष्णमूर्ति उन लोगों में शामिल हैं जो विधेयक का समर्थन कर रहे हैं। नडलेर ने कहा कि जब ट्रंप प्रशासन ने विदेशों को नापसंद करने वाला मुस्लिम यात्रा प्रतिबंध जारी किया था तो यह तत्काल जाहिर हो गया था कि यह असंवैधानिक है, भेदभावकारी है तथा नैतिक रूप से निंदनीय है। उन्होंने कहा, ‘मुझे खुशी है कि राष्ट्रपति बाइडन ने कार्यभार संभालने के पहले ही दिन इस प्रतिबंध को खत्म करने के लिए साहसी कार्रवाई की और परिवारों को मिलाया। ऐसा न हो कि भविष्य में कोई राष्ट्रपति इस जघन्य नीति को बहाल कर दे, इसलिए हम इस संभावना का जोखिम नहीं ले सकते हैं। ‘कांग्रेस की सदस्य जूडी चू ने कहा कि मुसलमानों पर यात्रा प्रतिबंध लगाना अमेरिका पर एक घृणित धब्बा है। यह फैसला सिर्फ धर्मान्धता से प्रेरित था ना कि इसका कारण वास्तविक राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताएं थीं। प्रतिबंध ने सिर्फ परिवारों को जुदा किया और धर्मान्धता तथा इस्लामोफोबिया को बढ़ावा दिया। हम इस बात का जोखिम नहीं ले सकते हैं कि पूर्वाग्रह फिर से नीति बने। इसलिए मैं ‘नो बैन’ अधिनियम को पेश कर रही हूं।’यह कानून सुनिश्चित करेगा कि भविष्य में कोई भी राष्ट्रपति लोगों को सिर्फ धर्म की वजह से प्रतिबंधित नहीं कर पाए।सीनेटर कॉन्स ने कहा, ‘ हमने मुसलमानों पर यात्रा प्रतिबंध के दुखद पन्ने को पलट दिया है लेकिन अब हमें नया अध्याय लिखना चाहिए, जिसमें कोई भी राष्ट्रपति डर और पूर्वाग्रह के आधार पर एक समुदाय के खिलाफ काम न कर पाए। बेशलेट ने शुक्रवार को सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा और कोरोना प्रोटोकॉल के नाम पर चीन बुनियादी नागरिक अधिकारों और राजनीतिक स्वतंत्रता को रोकने का काम कर रहा है। उन्होंने शिनजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिमों के साथ किए जा रहे व्यवहार की स्वतंत्र जांच कराए जाने का भी आह्वान किया। उधर, नीदरलैंड की संसद ने एक ऐसा प्रस्ताव पारित किया है, जिसमें उइगरों के खिलाफ चीन के व्यवहार को ‘नरसंहार’ करार दिया गया है। नीदरलैंड यूरोप का पहला ऐसा देश है, जिसने इस तरह का कदम उठाया है। सितंबर 2018 में मानवाधिकार आयुक्त का पद संभालने से पहले से ही बैशलेट की शिनजियांग यात्रा की योजना बनाई जा रही थी। विश्व भर में मानवाधिकार की स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद को अपना नियमित ब्योरा देते हुए बैशलेट ने चीन के विषय पर चर्चा की। उन्होंने कोविड-19 की रोकथाम के लिए चीन की सराहना की लेकिन यह भी कहा कि ‘राष्ट्रीय सुरक्षा और कोविड-19 के नाम पर मौलिक अधिकार और नागरिक स्वतंत्रता का हनन किया जा रहा है।’उन्होंने कहा कि हांगकांग में विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के लिए छह सौ से ज्यादा लोगों की जांच की जा रही है। चीन के शिनजियांग में मुस्लिम उइगर समुदाय और अन्य लोगों को हिरासत केंद्र में रखे जाने से कई महीनों से वैश्विक समुदाय में रोष है लेकिन बैशलेट के कार्यालय और चीनी अधिकारियों के बीच बैशलेट की यात्रा को लेकर सहमति नहीं बन पाई है।

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