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मुख्य ब्याज दर बढ़ने की उम्मीद नहीं, MPC की 3 दिवसीय बैठक शुरू RBI की मौद्रिक बैठक

1, सबसे बड़े प्राइवेट बैंक पर RBI की सख्ती

2, यूको बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक और सेंट्रल बैंक की सुधरेगी हालत, मार्च तक इन पर RBI का प्रतिबंध हटेगा…

www.youngorganiser.com    Jammu (Tawi) 180001 (J&K Union Territory) Updated, 3th, Feb. 2021.Wed, 6:40 PM (IST) : ( Article ) Sampada Kerni ,Siddharth & Kapish Sharma, नयी दिल्ली : वित्त मंत्रालय को उम्मीद है कि सार्वजनिक क्षेत्र के 3 बैंक अगले 2 महीनों में रिजर्व बैंक (RBI) के तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई (PCA) नियम से बाहर आ जाएंगे। यह कदम बैंकों की वित्तीय स्थिति में सुधार को देखते हुए उठाया जाएगा। इंडियन ओवरसीज बैंक (IOB), सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और यूको बैंक फिलहाल पीसीए व्यवस्था के अंतर्गत हैं। इसके तहत संबंधित बैंकों पर कर्ज देने, प्रबंधन क्षतिपूर्ति और निदेशकों को भुगतान समेत अन्य चीजों पर पाबंदी लगाई जाती है।वित्तीय सेवा सचिव देबाशीष पांडा ने कहा कि “वास्तव में ये तीनों बैंक पिछली दो तिमाहियों से लाभ के मामले में बेहतर कर रहे हैं और RBI के लगभग सभी मानदंडों को पूरा कर रहे हैं।” उन्होंने कहा “ये बैंक कर्ज देने समेत अन्य सभी काम कर रहे हैं लेकिन कुछ पाबंदियां हैं। हमें उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष के समाप्त होने से पहले वे PCA के दायरे से बाहर आ जाएंगे।”इन बैकों को उपलब्ध कराई जाएगी अतिरिक्त पूंजी-उन्होंने यह भी कहा कि अगर नियामक ने जोर दिया तो इन बैंकों के लिए अतिरिक्त पूंजी उपलब्ध कराई जाएगी। सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए 20 हजार करोड़ रुपए की पूंजी रखी है।PCA की व्यवस्था के तहत बैंकों से कुछ रिस्की गतिविधियों से परहेज करने, कामकाजी दक्षता बढ़ाने और पूंजी की हिफाजत पर जोर देने के लिए कहा जाता है। PCA के तहत आ जाने वाले बैंक पर कई तरह की रोक लग जाती हैं। वो अपनी शाखा की संख्या नहीं बढ़ा सकता है। उसे डिविडेंड का भुगतान करने से रोक दिया जाता है। लोन पर सीमा तय कर दी जाती है।

मुख्य ब्याज दर बढ़ने की उम्मीद नहीं, MPC की 3 दिवसीय बैठक शुरू RBI की मौद्रिक बैठक

नयी दिल्ली :भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में इस बार भी मुख्य ब्याज दर बढ़ने की उम्मीद नहीं है। तीन दिवसीय बैठक बुधवार को शुरू हो गई है। जो भी फैसला होगा, उसकी घोषणा शुक्रवार 5 फरवरी को होगी। यूं तो MPC की बैठक हमेशा महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि इसमें तय की गई मुख्य ब्याज दर के आधार पर ही सभी बैंकों और वित्तीय संस्थानों की जमा और लोन दरें तय की जाती हैं। लेकिन इस बार की बैठक इसलिए भी महत्त्वपूर्ण है कि यह बजट के तुरंत बाद हो रही है। इसलिए RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास बजट पर भी कुछ टिप्पणी कर सकते हैं। MPC में 6 सदस्य होते हैं। 3 सरकार के प्रतिनिधि होते हैं और 3 सदस्य RBI का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिनमें गवर्नर शक्तिकांत दास भी शामिल हैं। सरकार के प्रतिनिधियों में अशिमा गोयल, जयंत आर वर्मा और शशांक भिड़े शामिल हैं।विशेषज्ञों के मुताबिक MPC की बैठक में मुख्य ब्याज दरों में किसी भी प्रकार का बदलाव होने की उम्मीद नहीं है। सोमवार को पेश आम बजट फैसले को प्रभावित कर सकता है। बजट के बारे में शक्तिकांत दास की टिप्पणी पर विश्लेषकों की नजर रहेगी।अभी RBI का रेपो रेट 4% है, जो ऐतिहासिक रूप से सबसे कम है। इससे पहले आखिरी बार यह दर 22 मई को बदली गई थी। यह बदलाव MPC बैठक के बिना ही किया गया था। पिछले साल फरवरी से लेकर अब तक RBI ने रेपो रेट में कुल 1.15% की कटौती कर दी है। इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च के प्रिंसिपल इकॉनोमिस्ट और डायरेक्टर पब्लिक फाइनेंस सुनील कुमार सिन्हा ने कहा कि आर्थिक विकास ज्यादा जरूरी है, इसलिए रेपो दर बढ़ाए जाने की उम्मीद नहीं है। महंगाई भी घटी है।दिसंबर 2020 के सरकारी आंकड़ों के मुताबिक खुदरा महंगाई दर घटकर 4.59% पर आ गई है। नवंबर में खुदरा महंगाई दर 6.93% थी। खुदरा महंगाई दर के आधार पर ही RBI अपनी मुख्य ब्याज दर तय करता है। अभी RBI ने 5 अगस्त 2016 से 31 मार्च 2021 तक खुदरा महंगाई दर को औसत 4% (2% घट-बढ़ की गुंजाइश के साथ) पर रखने की जिम्मेदारी ली है।

देश में निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक HDFC बैंक की डिजिटल सर्विस को लेकर नया मामला सामने आया है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंक के IT इंफ्रा के ऑडिट के लिए प्रोफेशनल ऑडिट कंपनी की नियुक्त कर दी है। ऐसा इसलिए क्योंकि हाल में बैंक का IT प्लेटफॉर्म कई बार बंद हो गया था।

RIL-फ्यूचर डील पर हाई कोर्ट की रोक

दिल्ली हाईकोर्ट ने फ्यूचर रिटेल और रिलायंस इंडस्ट्रीज के बीच हुए सौदे पर फिलहाल रोक लगा दी है। कोर्ट ने फ्यूचर ग्रुप को इस सौदे में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है। अमेरिका की दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन के विरोध के कारण हाईकोर्ट ने यह फैसला सुनाया है।

वैश्विक बाजारों में बढ़त, अमेरिकी और यूरोप में सबसे ज्यादा तेजी

बुधवार को वैश्विक बाजारों में बढ़त दर्ज की गई। कोरिया का कोस्पी इंडेक्स 1.06%, जापान का निक्केई इंडेक्स 0.96% और ऑस्ट्रेलिया का ऑल ऑर्डिनरीज इंडेक्स 0.90% ऊपर बंद हुआ है। दूसरी ओर, हॉन्गकॉन्ग का हेंगसेंग इंडेक्स और चीन का शंघाई कंपोजिट इंडेक्स गिरावट के साथ बंद हुए हैं। इससे पहले अमेरिकी बाजारों में डाओ जोंस, नैस्डैक और S&P 500 इंडेक्स 1-1% से ज्यादा की बढ़त के साथ बंद हुए थे। यूरोप के बाजार में ब्रिटेन का FTSE इंडेक्स 0.78%, जर्मनी का DAX इंडेक्स 1.56% और फ्रांस का CAC इंडेक्स 1.86% ऊपर बंद हुए थे।

2 फरवरी को सेंसेक्स 2.46% चढ़ा था

मंगलवार को सेंसेक्स 1197 अंकों की बढ़त के साथ 49,797.72 पर और निफ्टी 366 अंक ऊपर 14,647.85 पर बंद हुआ था। पॉजिटिव बजट के चलते बढ़त का यह लगातार दूसरा दिन था। इस दौरान सेंसेक्स 3500 अंक चढ़ा। इसमें सबसे ज्यादा निफ्टी बैंक इंडेक्स दो दिन में करीब 12% और ऑटो इंडेक्स 8% चढ़े हैं। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के प्रॉविजनल डेटा के मुताबिक 2 फरवरी को विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने 6,181.56 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे। वहीं, घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने 2,035.2 करोड़ रुपए के शेयर बेचे।

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