www.youngorganiser.com// जम्मू- Fri,22,Feb,2019. updated,1:44 PM IST ( Kunwar, Young Organiser)
पुलवामा आतंकी हमले में जवानाें की शहादत के बाद से देशभर में लोगों में पाकिस्तान के खिलाफ आक्रोश है। इस शहादत को लेकर कश्मीरी छात्रों की आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद देहरादून का माहौल गरमा गया था। कई संगठनाें ने आधा दर्जन शिक्षण संस्थाओं पर प्रदर्शन किया। इस मामले में मुकदमा दर्ज कर एक कश्मीरी छात्र को गिरफ्तार कर लिया गया और और दूसरे को निलंबित कर दिया गया था। इसी तनातनी के बीच 16 फरवरी को जवाहरलाल नेहरू विवि छात्रसंघ की पूर्व अध्यक्षा शहला राशिद द्वारा कश्मीरी छात्राओं को कमरे में बंद करने के ट्वीट से यह मामला और गरमा गया था। ट्वीट को लेकर प्रेमनगर थाने में शहला राशिद के खिलाफ अभियोग पंजीकृत कर लिया गया था।
“Bjp Minister from Uttarakhand wants to slap an FIR against PDP leaders who travelled to Dehradun to comfort & facilitate travel back home for students in panic.Instead of initiating action against goons responsible, he wants to punish innocent Kashmiris. #Shame
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) February 21, 2019
कुछ छात्र-छात्राओं को पी.डी.पी नेता बस से ले गए कश्मीर,पुलवामा आतंकी हमले के बाद कश्मीरी छात्र-छात्राओं की सुरक्षा को लेकर उठे सवालों के बीच 19 फरवरी को जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी के सांसद फैयाज अहमद मीर की अगुवाई में चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल देहरादून पहुंचा था। इस प्रतिनिधिमंडल ने सुद्दोवाला और टर्नर रोड पर हॉस्टल में रहने वाले कश्मीरी छात्र-छात्राओं से भेंट की थी।इन्होंने छात्रों से पूछा था कि उन्हें किसी तरह का खतरा है और किसको सुरक्षा की जरूरत है? कुछ ने प्रेक्टिकल के बाद घर जाने की इच्छा जताई थी। बदले घटनाक्रम के बीच देर रात बीजापुर गेस्ट हाउस में एकत्र हुए कुछ छात्र-छात्राओं को पीडीपी नेता बस से कश्मीर भी ले गए थे।
पी.डी.पी नेताओं द्वारा कश्मीरी छात्र-छात्राओं को देहरादून से वापस ले जाने पर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई संबंधी उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के बयान को महबूबा मुफ्ती ने शर्मनाक बताया है।उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने देहरादून से पीडीपी नेताओं द्वारा कश्मीरी छात्र-छात्राओं को कश्मीर ले जाने पर आपत्ति की थी। महाराज ने देहरादून में पढ़ रहे कश्मीरी छात्रों को कश्मीर ले गए पीडीपी नेताओं पर मुकदमा दर्ज करने की मांग तक उठा दी थी।सतपाल महाराज ने कहा था कि ‘मेरे संज्ञान में आया है कि पीडीपी नेता देहरादून से बच्चों को ले जा रहे हैं, जो उचित नहीं है। ये नेता बच्चों के अभिभावक नहीं हैं, ये उत्तरदायित्व उनके अभिभावकों का है। उन नेताओं पर एफआईआर होनी चाहिए। कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा का भार हमारी सरकार के ऊपर है। ऐसा नहीं है कि वे असुरक्षित हैं। देश के प्रति नागरिकों का जो विश्वास और निष्ठा है, वो उनमें भी होनी चाहिए।’महाराज के इस बयान पर जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री व पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने अपने ट्वीट में तीखी प्रतिक्रिया दी है। महबूबा मुफ्ती ने अपने ट्वीट में कहा है कि ‘उत्तराखंड के भाजपा मंत्री उन पीडीपी नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराना चाहते हैं, जो देहरादून जाकर परेशान कश्मीरी छात्रों को ढांढस बंधाने और उन्हें वापस ले जाने आए थे। इस मामले में अराजक तत्वों पर कार्रवाई करने की बजाए वह बेकसूर कश्मीरियों को सजा देना चाहते हैं। अंत में महबूबा ने इसे शर्मनाक (शेम) लिखा।’