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महंगाई के दबाव पर भी अच्छा प्रभाव पड़ने की संभावना

www.youngorganiser.com    Jammu (Tawi) 180001 (J&K Union Territory) Updated, 6th May. 2021, Thu. 2:04 PM (IST) : ( Article ) P.V.Sharma, महंगाई के दबाव पर भी अच्छा प्रभाव पड़ने की संभावना है। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर ने कहा स्थितियां बदल गई हैं और यह मजबूत आर्थिक सुधार के निचले पायदान से नए संकट का सामना करने की ओर मुड़ चुकी हैं। जिस विनाशकारी गति से वायरस लोगों को ग्रसित कर रहा है, उसका मुकाबला उतनी ही तेजी और व्यापक कार्रवाई से किया जाना चाहिए जो सोचा समझा, जांचा परखा गया है। इससे सबसे कमजोर सहित विभिन्न वर्गों तक पहुंचा जा सकेगा। शक्तिकांत दास ने कहा कि 31 मार्च, 2022 तक रेपो रेट पर 3 साल तक की अवधि के साथ 50,000 करोड़ रुपए की ऑन-टैप लिक्विडिटी विंडो की योजना शुरू की गई है। योजना के तहत बैंक वैक्सीन निर्माताओं, मेडिकल सुविधाओं, अस्पतालों और मरीजों सहित संस्थाओं को सपोर्ट कर सकते हैं। इस कर्ज को पुनर्भुगतान (तमचंलउमदज) या मेच्योरिटी तक प्रायोरिटी सेक्टर का क्लासिफिकेशन मिलेगा। बैंक इस योजना के तहत एक कोविड लोन बुक बनाएंगे। कुछ मामलों में वीडियो केवाईसी को स्वीकार करना चाहिए। सोशल डिस्टेंसिंग को बढ़ावा देने के लिए यह कदम उठाया गया है। स्मॉल फाइनेंस बैंकों की मदद के लिए 10,000 करोड़ रुपए तक के लांग टर्म रेपो ऑपरेशन की घोषणा की गई है। इस फंड का इस्तेमाल एक ग्राहक को 10 लाख रुपए तक के कर्ज के लिए किया जा सकता है। रिजर्व बैंक ने व्यक्तिगत और सूक्ष्म, छोटे और मझोले यानी एमएसएमई उद्योगों के लिए एक बार के रिस्ट्रक्चरिंग की भी सुविधा को फिर से शुरू किया है। स्मॉल फाइनेंस बैंक छोटे माइक्रोफाइनेंस संस्थानों जिनका असेट साइज 500 करोड़ रुपए है, उनको कर्ज दे सकते हैं। इसी तरह केवाईसी सुविधा को 31 दिसंबर तक एक सीमित दायरे में उपयोग करने का भी आदेश दिया गया है। अच्छे मानसून की उम्मीद से रूरल डिमांड अच्छी रहेगी। सप्लाई का पूरा दारोमदार कृषि क्षेत्र की मजबूती पर टिका हुआ है। कोविड-19 संकट से बाहर आने की भारत की क्षमता पर विश्वास रखना चाहिए। गवर्नर ने कहा कि स्थिति नाटकीय रूप से बदल गई है। अब इसे नपी तुली (कैलिब्रेटेड) कार्रवाई के साथ मैच करने की जरूरत है। गवर्नर दास ने कहा कि आरबीआई अपने रिसोर्सेज को सभी मोर्चे पर तैनात करेगा। दास के मुताबिक, 35000 करोड़ रुपए की गर्वमेंट सिक्योरिटीज की खरीद का दूसरा चरण 20 मई को शुरु किया जाएगा। इमरजेंसी हेल्थ सेवा के लिए 50,000 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। इसके अलावा प्राथमिकता वाले सेक्टरों के जल्द ही लोन और इंसेंटिव का प्रावधान किया जाएगा। इसके अलावा बैंक, कोविड बैंक लोन भी बनाएंगे। राज्यों की ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी को अब 34 दिन से बढ़ाकर 50 दिन कर दिया गया है। मैन्युफैक्चरिंग में भी धीमापन थमता नजर आ रहा है। ट्रैक्टर सेगमेंट में तेजी बरकरार दिख रही है हालांकि अप्रैल में ऑटो रजिस्ट्रेशन में कमी दिखी है। शक्तिकांता दास ने कहा कि कोविड-19 की दूसरी लहर के खिलाफ व्यापक कदम उठाने की जरुरत है। भारत ने कोविड के खिलाफ अपनी लड़ाई काफी आक्रमक रुप से शुरु की है। आरबीआई भी स्थिति पर अपनी नजर बनाए हुए है। आरबीआई के 200 से ज्यादा अधिकारियों के लिए जो अपने घर से दूर रहकर काम कर रहे हैं क्वारेंटाइन फैसिलिटी चालू रहेगी। मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों में अभी तक कोई बड़ी बाधा नहीं आई है कोरोना की दूसरी लहर से इकोनॉमी काफी बडे़ स्तर पर प्रभावित हुई है। इससे जुड़ी स्थितियों पर आरबीआई की नजर बनी हुई है। दूसरी लहर के खिलाफ बड़े कदम की जरुरत है। त्ठप् पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए है। गवर्नर ने कहा कि कोरोना की पहली लहर के बाद इकोनॉमी में रिकवरी दिखनी शुरु हुई थी लेकिन दूसरी लहर ने एक बार फिर संकट पैदा कर दिया है। सरकार वैक्सीनेशन में तेजी ला रही है। ग्लोबल इकोनॉमी में रिकवरी के संकेत है। भारत की बात करें तो भारतीय इकोनॉमी भी दबाव से उबरती दिख रही है। आगे अच्छे मॉनसून से ग्रामीण मांग में तेजी संभव है। कोरोना की दूसरी लहर में एक बार फिर रिजर्व बैंक ने अचानक राहत पैकेज लाकर चैंका दिया है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने इसी राहत पैकेज में अगर आपने बैंक से लोन लिया है तो उस पर मोरेटोरियम की सुविधा शुरू करने के लिए बैंकों से कहा है। हालांकि यह बैंकों के ऊपर है कि वे आपको इसका लाभ देंगे या नहीं और किस तरह देंगे, यह भी उन्हीं के ऊपर है। हम बताते हैं कि आपको इस मोरेटोरियम से कैसे मदद मिल पाएगी। त्ठप् ने महामारी के कारण देश भर में लॉकडाउन के कारण होने वाली दिक्कतों से उबरने के लिए 2 साल तक के लोन मोरेटोरियम की घोषणा पहली बार की थी। लोन लेने वाले वे लोग, जो पहले मोरेटोरियम में इसका फायदा नहीं उठा पाए थे अब वे इस दूसरे ऑफर में फायदा उठा सकेंगे। पहले वाले अपने मोरेटोरियम पीरियड को बढ़वा सकेंगे। व्यक्तियों और छोटे व्यवसायों और डैडम् जिनके पास 25 करोड़ रुपए तक का कुल एक्सपोजर है और जिन्होंने पहले के रीस्ट्रक्चरिंग से कोई लाभ नहीं उठाया है। जिन्हें 31 मार्च, 2021 तक स्टैंडर्ड लोन के रूप में क्लासीफाई किया गया था, वे रिजोल्यूशन फ्रेमवर्क 2.0 के तहत इसके लिए योग्य होंगे। हां, जिन लोगों ने पहली बार इसका फायदा उठाया है, उनको भी इसका लाभ मिलेगा। जिन कर्जदारों ने पिछले साल पहले मोरेटोरियम का लाभ नहीं उठाया था वे भी इसका फायदा ले सकते हैं। पिछली बार का मोरेटोरियम 2 साल तक के लिए था। कई व्यक्तिगत कर्जदार हैं जिन्होंने इस लोन मोरेटोरियम का विकल्प पहली बार नहीं चुना। अब उन्हें अपने कर्ज चुकाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। रीपेमेंट पर कोई भी डिफॉल्ट न केवल इंटरेस्ट और पेनाल्टी के मामले में खर्च बढ़ा देते हैं, बल्कि किसी की क्रेडिट हिस्ट्री को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। इससे भविष्य में मिलने वाले लोन में दिक्कतें आती हैं। जो भविष्य की साख (निजनतम बतमकपजूवतजीपदमेे) को कम करता है। चूंकि पिछले मोरेटोरियम के लिए आवेदन करने का समय दिसंबर 2020 में समाप्त हो गया था, इसलिए इन कर्जदारों के पास उस मोरेटोरियम का लाभ उठाने का कोई विकल्प नहीं बचा था। रिजर्व बैंक द्वारा घोषित नए मोरेटोरियम से उन्हें बड़ी राहत मिलेगी, क्योंकि वे अब दूसरे मोरेटोरियम का लाभ उठा सकते हैं। नहीं। ध्यान रखें कि नए मोरेटोरियम का फायदा आपको तभी मिलेगा, जब 31 मार्च 2021 तक लोन चुकाने में आपने कोई डिफॉल्ट नहीं किया होगा। इससे पहले के लोन मोरेटोरियम में फेज 1 में 1 मार्च, 2020 से 30 मई 2020 तक 3 महीने के मोरेटोरियम का विकल्प चुनने की अनुमति दी गई थी। बाद में इसे 3 महीने बढ़ाकर 31 अगस्त 2020 कर दिया गया। रिजर्व बैंक ने रिस्ट्रक्चरिंग के तहत मोरेटोरियम को 2 साल तक बढ़ाया था। यदि आपने 2020 में मोरेटोरियम का विकल्प चुना है, तो आप एक नया मोरेटोरियम प्राप्त करने के पात्र होंगे जिसके तहत आपके शेष अवधि को 2 साल तक बढ़ाया जा सकता है। जिन्होंने रिजोल्यूशन फ्रेमवर्क 1.0 के तहत अपने लोन के रिस्ट्रक्चरिंग का लाभ उठाया है। साथ ही जहां रिजोल्यूशन प्लान में दो वर्ष से कम की मोरेटोरियम की अनुमति है, बैंक को मोरेटोरियम की अवधि बढ़ाने औरध्या बची हुई अवधि को कुल 2 वर्ष तक बढ़ाने तक ऐसी योजनाओं को संशोधित करने के लिए इस विंडो का उपयोग करने की अनुमति दी जा रही है। जबकि बाकी सभी शर्ते हैं पहले जैसी ही रहेंगी। भारतीय रिजर्व बैंक ने कर्जदारों को 30 सितंबर, 2021 तक का समय दिया है ताकि वे अपने लोन के रीस्ट्रक्चरिंग के लिए बैंक से संपर्क कर सकें एक बार जब आप नए मोरेटोरियम के लिए आवेदन करते हैं, तो बैंक को सभी शर्तों को पूरा करने पर 90 दिनों के भीतर इसे लागू करना होगा।

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