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उद्योगपतियों ने कहा कि लॉकडाउन ने उद्योग जगत की हालत पतली कर दी थी। पैकेज ने राहत दी...May 14, 2020 JPG young organiser

मंदी की मार ङोल रहे जम्मू-कश्मीर के लघु उद्योगों को मजबूती मिलेगी

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Jammu (Tawi) 180001 (J&K Union Territory) Updated, 14 May 2020.  Thu, 03:10 PM (IST) :Team Work: Siddharth, Kapish & Sampada Kerni

जम्मू : विराज मल्होत्र, महासचिव बड़ी ब्राह्मणा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन जम्मू : सरकार ने आर्थिक पैकेज में सूक्ष्म, लधु व मध्यम उद्योग को राहत दी है। इसका जम्मू-कश्मीर को अवश्य लाभ मिलेगा। ईपीएफ की जिम्मेदारी भी सरकार ने अपने पर लेकर उद्यमियों के साथ कर्मचारियों को भी राहत दी है। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन से जम्मू कश्मीर का लघु उद्योग आर्थिक संकट से जूझ रहा है। राज्य में हालात ऐसे पैदा हो गए हैं कि उद्योगपतियों को अपने कर्मचारियों व श्रमिकों को वेतन देना, बिजली बिल और बैंकों की किश्त की अदायगी करना मुश्किल हो गया है। ऐसे में केंद्रीय पैकेज जम्मू कश्मीर के उद्योग के लिए संजीवनी लेकर आया है। उद्योग जगत केंद्र के पैकेज से खुश हैं। अभी तक ये रियायतें कुछ सीमित उद्योगों को मिल रही थीं, लेकिन अब सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग को भी इन रियायतों का लाभ मिल सकेगा। उद्योगपतियों ने कहा कि लॉकडाउन ने उद्योग जगत की हालत पतली कर दी थी। पैकेज ने राहत दी है। ललित महाजन, चेयरमैन फेडरेशन ऑफ इंडस्ट्रीज, जम्मू : सरकार ने आर्थिक पैकेज की घोषणा करके छोटे उद्योगों को काफी राहत दी है। इससे मंदी की मार ङोल रहे जम्मू-कश्मीर के लघु उद्योगों को मजबूती मिलेगी। जम्मू-कश्मीर में 90 फीसद उद्योगों को केंद्रीय पैकेज का लाभ मिलेगा। इससे लॉकडाउन से होने वाले बेरोजगारी कम होगी और उद्योग को पटरी पर लाने में भी मदद मिलेगी। अजय, उपाध्यक्ष बड़ी ब्राह्मणा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन : सरकार का पैकेज सराहनीय है। लॉकडाउन अवधि में कर्मचारियों-श्रमिकों के वेतन की भरपाई करने, बिजली किराए के फिक्स-डिमांडचार्ज माफ करने तथा बैंक के ब्याज माफ करवाने की मांग सरकार के समक्ष रखी थी। उपराज्यपाल को उद्योगपतियों को राहत प्रदान करनी चाहिए।

उद्यमियों को राहत :

केंद्रीय पैकेज में सभी सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग को बिना किसी गारंटी के ऋण देने की सुविधा।मार्च, अप्रैल व मई के बाद अब जून, जुलाई व अगस्त के लिए भी ईपीएफ की किश्त नहीं देनी पड़ेगी। सरकार कर्मचारियों व कंपनी की ओर से पीएफ जमा करवाएगी।सभी प्रकार के टर्म लोन के लिए अदायगी के लिए तीन महीने की राहत।उद्योगपतियों को उत्पाद बेचने के लिए सरकार ई-मार्केट प्लेटफार्म उपलब्ध कराएगी।रियायत के रूप में मिलने वाले रिफंड का 45 के दिन भीतर भुगतान होगा।सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग की बदली परिभाषाउत्पादन क्षेत्र में पहले जिस उद्योग का निवेश 25 लाख होता था, वह सूक्ष्म उद्योग श्रेणी में आता था। अब एक करोड़ रुपये निवेश तक के उद्योग सूक्ष्म उद्योग श्रेणी में आएंगे।उत्पादन क्षेत्र में पहले जिन उद्योग का निवेश 5 करोड़ होता था, वे लघु उद्योग श्रेणी में आते थे। अब 10 करोड़ रुपये निवेश तक के उद्योग लघु उद्योग श्रेणी में आएंगे।उत्पादन क्षेत्र में पहले जिन उद्योग का निवेश 10 करोड़ होता था, वे मध्यम उद्योग श्रेणी में आते थे। अब 20 करोड़ रुपये निवेश तक के उद्योग मध्यम उद्योग श्रेणी में आएंगे।सर्विस सेक्टर में पहले जिन उद्योग का वार्षिक टर्नओवर दस लाख होता था, वे सूक्ष्म श्रेणी में आते थे। अब पांच करोड़ रुपये तक के टर्नओवर वाले सर्विस सेक्टर भी सूक्ष्म श्रेणी में रहेंगे।सर्विस सेक्टर में पहले जिन उद्योग का वार्षिक टर्नओवर दो करोड़ होता था, वे लघु श्रेणी में आते थे। अब 50 करोड़ रुपये तक के टर्नओवर वाले सर्विस सेक्टर भी लघु श्रेणी में रहेंगे।सर्विस सेक्टर में पहले जिन उद्योग का वार्षिक टर्नओवर पांच करोड़ होता था, वे मध्यम श्रेणी में आते थे। अब 100 करोड़ रुपये तक के टर्नओवर वाले सर्विस सेक्टर भी मध्यम श्रेणी में रहेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को आर्थिक गतिविधियों को तेजी देने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये का पैकेज घोषित किया था। बुधवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस पैकेज पर विस्तृत जानकारी देते हुए जो घोषणाएं कीं, उससे जम्मू कश्मीर के लघु उद्योग से जुड़े लोग काफी खुश हैं।

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