www.youngorganiser.com Jammu (Tawi) 180001 (J&K Union Territory) Updated, 21th Feb. 2021.Sun, 9:52 PM (IST) : Team Work: Kuldeep &Gurmeet Singh, LAC पर शांति बनाये रखने को राजी है भारत-चीन, सैन्य कमांडरों की 10वीं वार्ता पर दोनों देशों ने जारी किया संयुक्त बयान , नई दिल्ली। भारत और चीन के सैन्य कमांडरों के बीच शनिवार सुबह 10 बजे से 16 घंटे तक हुई 10वें दौर की वार्ता के बारे में दोनों देशों की ओर से रविवार शाम को संयुक्त बयान जारी किया गया है। दोनों देशों का मानना है कि पैन्गोंग झील क्षेत्र से सेनाओं की वापसी से अन्य इलाकों के मुद्दों का भी समाधान करने का रास्ता निकलेगा। इसलिए दोनों पक्ष सीमा पर शांति बनाये रखने के लिए संयुक्त रूप से स्वीकार्य समाधान निकालने पर सहमत हुए हैं। पिछले साल मार्च के महीने में चीन की सेना से भारतीय इलाके में घुसपैठ की कोशिश की। पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति बन गई। भारत और चीन के बीच कूटनीतिक और सैन्य वार्ता का सिलसिला चलता मगर चीन ने हर बार वादाखिलाफी की। इसी बीच गलवान वैली में हिंसा भी हुई। लगभग 10 महीने बाद अब दोनों देशों की सेनाएं पीछे हट रही हैं। देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि दोनों देशों के बीच पीछे हटने की प्रक्रिया पूरी हो गई है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि भारत और चीन के बीच नौ दौर की राजनयिक एवं सैन्य स्तर की वार्ता के बाद पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों की सेना के पीछे हटने की प्रक्रिया ‘पूरी हो गई है।’संयुक्त बयान में कहा गया है कि दोनों पक्षों ने समझौते के अनुसार पैन्गोंग झील क्षेत्र में अग्रिम पंक्ति के सैनिकों के विस्थापन को पूरा करने के लिए सकारात्मक रूप से ध्यान दिया। यह एक महत्वपूर्ण कदम था जिसने पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी के साथ अन्य शेष मुद्दों के समाधान के लिए एक अच्छा आधार प्रदान किया है। 10वें दौर की बैठक में एलएसी के साथ अन्य मुद्दों पर दोनों पक्षों ने स्पष्ट और गहन तरीके से विचारों का आदान-प्रदान किया। साझा बयान में कहा गया है कि दोनों पक्ष महत्वपूर्ण सर्वसम्मति का पालन करने, संचार और संवाद जारी रखने, जमीनी स्थिति को स्थिर और नियंत्रित करने पर सहमत हुए हैं। बयान में यह भी कहा गया है कि शेष मुद्दों पर संयुक्त रूप से पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान निकालने को राजी हुए हैं ताकि सीमा क्षेत्रों में शांति बनी रहे।दूसरी तरफ चीन के रक्षा विशेषज्ञ कियान फेंग का कहना है कि दोनों देशों की सेनाएं पैन्गोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारों पर सुचारू रूप से विस्थापन के बाद अन्य विवादित क्षेत्रों में भी जल्द ही अन्य क्षेत्रों से पीछे हटेंगी। इसीलिए इस वार्ता का मुख्य मुद्दा क्षेत्र में तनाव कम करने के लिए हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा और डेप्सांग जैसे विवादित इलाकों में भी विस्थापन प्रक्रिया को आगे बढ़ाना था। चीनी सेना के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार तिनसहुआ विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय रणनीति संस्थान में अनुसंधान विभाग के निदेशक कियान फेंग का कहना है कि पैन्गोंग झील के दोनों किनारों पर एक-दूसरे के विस्थापन पर चीनी और भारतीय सेनाओं की निगरानी, पर्यवेक्षण और पुष्टि के बाद ही कोर कमांडर स्तर की 10वीं वार्ता हुई है। इस वार्ता में पूर्वी लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा और डेप्सांग प्लेन जैसे क्षेत्रों में भी सैन्य वापसी की प्रक्रिया शुरू करने पर फोकस किया गया है। कियान ने कहा कि पैन्गोंग के बाद अब अन्य स्थानों में भी बिना किसी समस्या के विस्थापन होना चाहिए। राजनाथ सिंह यहां भी विपक्ष पर प्रहार करने से नहीं चूके। उन्होंने भारतीय सेना की बहादुरी पर ‘संदेह’ जताने को लेकर कांग्रेस पर भी प्रहार किया। रक्षा मंत्री ने यहां भारतीय जनता युवा मोर्चा के राज्य सम्मेलन में कहा कि देश अपनी सीमा पर किसी भी तरह की ‘एकतरफा कार्रवाई’ को अनुमति नहीं देगा और इस तरह के प्रयासों को विफल करने के लिए कोई भी कीमत चुकाएगा। उन्होंने कहा कि जब तक मैं जिंदा हूं कोई भी भारत की एक इंच जमीन पर कब्जा नहीं कर सकता। उन्होंने कहा, ‘नौ दौर की सैन्य एवं राजनयिक वार्ता के बाद सेनाओं के पीछे हटने की प्रक्रिया पूरी हो गई है। लेकिन दुर्भाग्य से कांग्रेस भारतीय सेना की बहादुरी पर संदेह कर रही है…क्या यह उन सैनिकों का अपमान नहीं है, जो देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देते हैं।’ गलवान में पिछले वर्ष चीनी सैनिकों के साथ झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे। संघर्ष में चीन के सैनिक भी मारे गए थे। उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ‘कभी भी देश की एकता, क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता से समझौता नहीं किया’ और ऐसा कभी नहीं करेगी।